फोर्टिस अस्‍पताल: बीमा के नाम पर लूट, क्‍लेम न देंगे

दोलत्ती

: एडि़यां रगड़ कर मरना, रेलीगर हेल्‍थ इंश्‍यूरेंस पालिसी न लेना : पत्रकार से पालिसी के नाम पर मोटी रकम उगाही, अब कागजों में फंसा दिया है क्‍लेम :
सुरेंद्र ग्रोवर
देहरादून : दिल की बात बताऊँ तो सच यही है कि अस्पताल से डिस्चार्ज होकर आने के बाद बहुत कुछ ऐसा हो रहा है जिसके चलते भारी तनाव में हूँ। यह तनाव न तो ढंग से सोने दे रहा है और न ही मेरा शुगर लेवल नियंत्रित होने दे रहा है और इसके चलते मनोमस्तिष्क फिर से अवसाद के गहरे समुद्र में डुबकियाँ लगाने लगा है। इस सबके पीछे Religare Health Insurance द्वारा हॉस्पिटल कैश पालिसी का क्लेम एप्रूव करने के बजाय नित नए कागजात की मांग भी है। जबकि पॉलिसी लेते वक्त मुझे बताया गया था कि अस्पताल में भर्ती होने पर जो खर्च अन्य स्वास्थ्य पॉलिसी में कवर नहीं होते। यह भी बताया गया था कि उन्हें इस पॉलिसी में कवर किया जाता है और 100 दिन तक के लिए 5 हज़ार रुपये रोज के हिसाब से महज डिस्चार्ज टिकट और कैंसल चैक सबमिट करने पर क्लेम का भुगतान कर दिया जाता है।
अब मैंने 31 दिन भर्ती रहने के बाद एक लाख 55 हज़ार रुपये का क्लेम किया है तो रेलीगर ने मुझसे अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान के दस्तावेज़ों के अलावा पिछला रिकॉर्ड भी मांगना शुरू कर दिया जोकि है नहीं। मेरे पास सवाई मानसिंह अस्पताल, जयपुर में इलाज़ के जो भी दस्तावेज थे वे सब उनको मुहैया करवा स्वघोषणापत्र भी भेज दिया। यही नहीं, अस्पताल से फाइनल कंसल्टेशन रिपोर्ट भी हासिल कर भिजवा दी, जिसमें डॉक्टर ने स्पष्ट लिखा है कि इन्सुलिन थैरेपी लिए जाने का और अन्य किसी रोग का कोई इतिहास नही पाया गया। लेकिन वे बार बार अपनी एक ही रट लगाए बैठे हैं। यह सब भी तब कर रहे हैं, जबकि उनके अपने डॉक्टर मेरे क्लेम को वेरिफाई कर चुके हैं। इसके चलते पैदा हुए तनाव के कारण मैं फिर अस्पताल में भर्ती होने से पहले वाली हालत में पहुंच चुका हूँ और सम्भव है कि दुबारा अस्पताल की शरण में जाना पड़े।
मेरा क्लेम नंबर 91337385-00 है और ReligareHealthInsurance का फोन नम्बर 1800-102-4488 है। इनसे फोन कर सवाल करने चाहिये।

(लेखक सुरेंद्र ग्रोवर वरिष्‍ठ पत्रकार और मीडिया दरबार डॉट कॉम के संपादक  हैं। फिलहाल देहरादून में स्‍व-निर्वासित और एकाकी जीवन व्‍यतीत रहे हैं। फोर्टिस अस्‍पताल और उसकी रेलीगर हेल्‍थ इंश्‍यूरेंस ने उनका बुढ़ापा गारत कर रखा है। एक तो शारीरिक अशक्‍तता और दूसरी आर्थिक संकट। फोर्टिास अस्‍पताल और उसके इंश्‍यूरेंस कम्‍पनी वालों ने सुरेंद्र कोनयी-नयी बीमारियों और तनावों से जकड़ लिया है। हालांकि कई मामलों में सुरेंद्र ग्रोवर बड़े खिलाडी हैं। लेकिन फिलहाल तो अपनी पीड़ा उन्‍होंने फेसबुक पर शेयर की है।)

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