शरीयत पर हंगामा: बेहद दर्दनाक होता है तलाक का दर्द

सैड सांग

: तीन तलाक का दर्द जरा उन औरतों से पूछ लो, जिन्‍हें तलाक थमा दिया गया : एक औरत तो अपने शौहर को सुब्‍होशाम लातें मारती थी, उसने भी मार दिया सिग्‍नेचर : औरतों के कांधे पर बंदूक रख कर फायर करवा रहे हैं मर्द : तलाक सिर्फ औरत ही नहीं, कभी मर्द की जिन्‍दगी के लिए भी खात्‍मे का फरमान बन जाता है :

कुमार सौवीर

लखनऊ : आपको शरीयत का असल जमीनी असर देखना हो तो आपके पास दो रास्‍ते हैं। या तो आप हिस्‍ट्री की इबारतें-किताबें बांचना शुरू कीजिए, जिसमें साफ दर्ज है कि पूरी दुनिया में इस्‍लामी कानून लागू हो चुके 22 से ज्‍यादा मुल्‍कों ने एकसाथ तीन तलाक जैसे शरीया-कानून को ठेंगा दिखा दिया है। जाहिर है कि वे शरीयत से ज्‍यादा इंसानी दर्द और हक-हुकूक को समझते और उसका पालन करते हैं। ऐसे देशों में ईराक, पाकिस्‍तान, ईरान जैसे देश भी शामिल हैं, जिन्‍हें क्रूर धार्मिक कट्टरता का सर्वोच्‍च खम्‍भा समझा-कहा जाता है। इन मुल्‍कों में अपने हकों को लेकर वहां की औरतें कहीं ज्‍यादा सजग-सतर्क हैं और इस बात की कत्‍तई इजाजत नहीं देती हैं कि धर्म के नाम पर औरतों पर जुल्‍म ढाया जाए।

और दूसरा रास्‍ता यह है कि आप किसी ऐसी मुस्लिम औरत से सम्‍पर्क करें, जिसे उसके शौहर ने तलाक दे रखा है। हर कस्‍बे, शहर और महानगर तक में आपको ऐसी औरतें बेहिसाब मिल जाएंगी, जिनकी जिन्‍दगी को तीन-तलाक जैसी क्रूर प्रथा-परम्‍परा या शरीयत-कानून को तबाह कर रखा है। ऐसी औरत को उसके शौहर ने एक ऐसी जिन्‍दगी अता फरमा डाली, जिसके बाद उस औरत की जिन्‍दगी बाकायदा जहन्‍नुम बन जाती है। ऐसी औरत को न तो उसके मायके वाले कुबूल कर पाते हैं और दीगर रिश्‍तेदार या फिर मोहल्‍लेवाले। ससुराल में तो उसका आना-जाना की बात तो हमेशा-हमेशा के लिए बंद हो जाता है।

ऐसी औरत को तलाक के बाद चरित्रहीनता का एक बड़ा कलंक उसके माथे पर हमेशा के लिए चस्‍पां हो जाता है। ऐसी हालत में उस औरत का जीना जिन्‍दगी भर के लिए हराम हो जाता है। बावजूद इसके कि अधिकांश ऐसी औरतों को मायके के अलावा कोई ठौर नहीं मिलती है, वे अपने भाई-भौजाई की प्रताड़ना-उत्‍पीड़न का शिकार बनती रहती हैं। और अगर उसके बेटे-बेटी भी हुए तो वे भी शायद दुनिया के सबसे बदनसीब बच्‍चे होते हैं। ऐसी औरत अगर कभी दोबारा शादी कर भी लेती है, तो उसके बाद उसकी हैसियत किसी पालतू जानवर से ज्‍यादा नहीं रह पाती।

ज्‍यादा दूर जाने की जरूरत नहीं। लखनऊ के ही इन्दिरा नगरी मोहल्‍ले में तलाकशुदा औरतों का सबसे बड़ा अड्डा कहा जा सकता है, जहां अपने शौहर से तलाक हासिल कर चुकी औरतों की तादात बेहिसाब है। बात-बात पर तलाक देना का नतीजा आपको इस मोहल्‍ले में साफ दिखायी पड़ जाएगा। (क्रमश:)

तीन तलाक पर हंगामा खूब चल रहा है। अधिकांश मुसलमानों में इसको लेकर बेशुमार गुस्‍सा है, केवल चंद महिलाएं ही इस सिविल कोड के समर्थन में आगे आ खड़ी दिख रही हैं।

हैरत की बात है कि इस मसले पर अपना विरोध दर्ज करने वाले अधिकांश मुस्लिम मर्द भी यह खूब जानते हैं कि तलाक जैसे सामाजिक नियमों के बेजा इस्‍तेमाल का भयावह असर सिर्फ औरत ही नहीं बल्कि कभी-कभार मर्द की जिन्‍दगी पर भी पड़ता है। ऐसे में इस मसले पर व्‍यापक बहस-मुबाहिसे की सख्‍त जरूरत है।

शरीयत का समर्थन के लिए बाकायदा अभियान भी चल रहा है। लगभग सभी मुस्लिम मोहल्‍लों में सिविल कोड के खिलाफ और शरीयत के समर्थन में मुस्लिम औरतों से बाकायदा समर्थन-पत्र पर दस्‍तखत कराये जा रहे हैं। हैरत की बात है कि ऐसे अधिकांश अभियानों के तहत फार्म भरवाने का जिम्मा औरतों को ही दे दिया गया हे। बहरहाल, इस मामले में  अधिक खबरें देखने के लिए कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:- शरीयत पर हंगामा

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