कुलकर्णी, फिर मोदी और अमिता सिंह। खिलाड़ी से नेता तक

बिटिया खबर

: जैसे ही अमिता सिंह का  नाम जेहन में उभरता है, यक-ब-यक सैयद मौदी की स्‍मृतियां उमड़ आती हैं : सीबीआई ने खंगाला था कि अमिता की डायरी समेत कई कागजात : मोदी का भाई बताता है कि दुनिया को पता है कि मर्डर किसने किया :

कुमार सौवीर

लखनऊ : यह 23 जुलाई-1988 की शाम थी। बाबू केडी सिंह स्‍टेडियम के पिछले गेट पर अचानक धांय-धांय की आवाजें गूंजीं। एक शख्‍स बिना कोई आवाज किये गेट पर धड़ाम से गिरा। असलहा लहराते हुए हमलावर भाग गये, और मौके पर भीड़ जुट गयी। क्षण भर में ही राजधानी कांप उठी, पता चला कि अंतरराष्ट्रीय ख्‍याति का बैडमिंटन खिलाड़ी सैय्यद मोदी का कत्‍ल हो गया है।

पुलिस की जांच शुरू हुई, और फिर यह मामला सीधे सीबीआई को सौंप दिया गया। शक की सुइयां कांग्रेस के नेता संजय सिंह पर टिकीं, लेकिन इसके साथ ही जांचकर्ताओं ने सैयद मोदी की पत्‍नी अमिता कुलकर्णी मोदी को भी घेरे में लिया। मामला हाईप्रोफाइल था लिहाजा इसकी जांच सीबीआई को दी गई। अमिता भी बैडमिंटन खिलाड़ी थीं और सैयद मोदी के साथ उनकी शानदार जोड़ी मानी जाती थी।

सीबीआई ने जांच बढाई तो लोग चौंकने लगे। सीबीआई ने इस केस में अमिता मोदी की डायरी के आधार पर संजय सिंह से उनकी नजदीकी का दावा किया। उधर, सैय्यद मोदी भाइयों पर केस की पैरवी ना करने के लिए जानलेवा हमले भी हुए। कुछ आरोपियों की रहस्यमय अंदाज में हत्या हो गई। अदालत ने एक आरोपी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। संजय सिंह और अमिता मोदी को बेगुनाह पाकर आरोपों से बरी कर दिया।

सैय्यद मोदी के भाई आबिद हैदर कहते हैं, सैय्यद मोदी का मर्डर किसने किया सारी दुनिया जानती है। लेकिन हमारे परिवार पर इससे इतना असर पड़ा कि हमारा पूरा परिवार बर्बाद हो गया। हमारी मां मर गईं हमारे दो-दो तीन-तीन भाई मर गए।

तब तक, संजय सिंह और गरिमा सिंह के घर अनंत विक्रम सिंह अलावा दो बेटियों महिमा सिंह और शैव्या सिंह का जन्म हो चुका था। अमिता मोदी और सैय्यद मोदी की भी एक बेटी थी। बाद में संजय सिंह ने गरिमा सिंह से तलाक लेकर अमिता मोदी से दूसरी शादी कर ली। हालांकि गरिमा सिंह आज भी नहीं मानती हैं कि वो तलाकशुदा हैं। लेकिन इसके बाद वो राजमहल छोड़ कर चली गईं। अब वो संजय सिंह से हुए अलगाव के लिए खुलकर अमिता सिंह को जिम्मेदार ठहराती हैं, मगर अमिता आरोपों को बेबुनियाद बताती हैं।

अमिता की संजय सिंह की तब मुलाकात हुई थी जब वो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस सरकार में परिवहन मंत्री थे। अमिता सिंह का जन्म 4 अक्टूबर 1962 को हुआ। अमिता सिंह पोस्ट ग्रैजुएट हैं और एक वक्त वह अच्छी बैडमिंटन प्लेयर थीं। अमिता सिंह अमेठी के राजघराने के संजय सिंह की पत्नी हैं। अमिता 3 बार विधानसभा चुनाव जीत चुकीं है। 2002 में पहली बार बीजेपी, 2004 और 2007 में कांग्रेस के टिकट पर अमिता सिंह ने जीत दर्ज की। 2002 में मायावती सरकार में अमिता प्राविधिक शिक्षा विभाग की राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहीं।

बहरहाल, इसके बाद अमिता कुलकर्णी वाया मोदी होते हुए सिंह हो गयीं। राज महल भूपति भवन में उनकी तूती बजने लगी। वे राजनीति में भी आयीं और अब सपा-कांग्रेस के गठबंधन के बावजूद वे साफ बगावती तेवर लेकर चुनाव मैदान में हैं। सपा को यह सीट कांग्रेस ने थमायी है। और इसके बाद सपा के गायत्री प्रजापति इस क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं।

इफ्तेदा-ए- इश्‍क में, अब अल्‍ला क्‍या जाने होगा, मौला क्‍या जाने होगा।

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हाय हाय अमेठी

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