: अस्पताल में भर्ती बाबा को पुलिस ने आखिरकार दबोच ही लिया : पुलिस से बचने के लिए अस्पताल में भर्ती हुए हाई-प्रोफाइल रामानुचार्य फलाहारी स्वामी का मधुमेह और रक्तचाप बिलकुल सामान्य निकला : बिलासपुर की युवती की शिकायत पर दर्ज हुआ था मामला :
मेरी बिटिया डॉट कॉम संवाददाता
अलवर : यहां की पुलिस ने एक नामचीन बाबा फलाहारी को आज आखिरकार जेल भेजने के लिए हिरासत में ले ही लिया। पुण्य-पर्व नवरात्रि के पवित्र दिनों में बिलासपुर की एक युवती फलाहारी बाबा के लिए बाकायदा दुर्गा-काली बन गयी और आखिरकार उसने संहार कर दुर्गा-रूप का प्रदर्शन कर ही दिया। राजनीति और प्रशासन में खासा प्रभाव रखने वाले इस हाई प्रोफाइल बाबा पुलिस से बचने के लिए अस्पताल में भर्ती हो गया था। खबर है कि आज शाम तक अथवा कल रविवार को अलवर की पुलिस इस ढोंगी बाबा को अदालत में पेश करेगी। इस बात की पूरी सम्भावना है कि अदालत से पुलिस इस बाबा को पूछतांछ के लिए रिमांड ले सकती है।
बिलकुल अभी-अभी मिली खबर के अनुसार अलवर के अरावली पुलिस थाना की पुलिस ने स्थानीय एक अस्पताल में भर्ती इस बाबा को कस्टडी में लिया। भाजपा समेत कई राजनीतिक हस्तियों को अपनी जेब में रखने का दावा करने वाला बाबा पुलिस के शिकंजे से बचने के लिए अस्पताल में गया था। लेकिन आज आखिरकार उसका पटाक्षेप हो ही गया। लेकिन उसे कस्टडी में लेने से पहले पुलिस ने इस बाबा का पूरा मेडिकल एक्जामिनेशन कराया। जांच में पाया गया कि बाबा पूरी तरह स्वस्थ है, और उसे न तो मधुमेह है, और न ही रक्तचाप जैसा कोई गम्भीर रोग।
आपको बता दें कि नवरात्रि के एक दिन पहले ही इस युवती ने एक ढोंगी और दुराचारी बाबा के खिलाफ बलात्कार की कोशिश का एक मामला दर्ज कराया है। काफी विपन्न हालत वाले परिवार की इस युवती का आरोप है कि उसकी पढ़ाई में मदद करने के नाम पर बाबा ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने की साजिश की थी। जिस बाबा पर आरोप लगाया गया है वह राजस्थान और आसपास के कई प्रदेशों में खासा मशहूर बताया जाता है। उसका नाम फलाहारी बाबा रामानुचार्य स्वामी फलाहारी कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य महाराज है। प्रपन्नाचार्य के बारे में जनश्रुति है कि वह कई दशकों से अन्न नहीं छुए हैं।
बाबा के खिलाफ छत्तीसगढ़ की एक युवती ने यौन शोषण के प्रयास का मुकदमा दर्ज कराया है। फलाहारी बाबा अलवर के काला कुंआ स्थित मधुसूदन आश्रम के दिव्य धाम में रहते हैं तथा खुद को जगद्गुरु कहते हैं। युवती की मानें तो डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत को सजा होने से उसको हौसला मिला और वह फलाहारी बाबा के खिलाफ आवाज उठाने का साहस कर पाई। सात अगस्त को हुई घटना की लिखित शिकायत पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने जीरो एफआइआर दर्ज की है। बुधवार को छत्तीसगढ़ पुलिस जांच के लिए आश्रम में पहुंची। अलवर पुलिस भी साथ थी, लेकिन इस बीच बाबा बीमार हो गए और एक निजी अस्पताल में भर्ती हो गए। अलवर पुलिस ने आश्रम से अस्पताल तक पहरा बिठा दिया है।
शिकायतकर्ता जयपुर में एलएलबी की छात्रा है। उसका परिवार फलाहारी बाबा का भक्त है। बाबा ने ही युवती को इंटर्नशिप में प्रवेश दिलवाया था। जुलाई 2017 में जब युवती को तीन हजार रुपये की छात्रवृत्ति मिली तो उसके परिजनों ने यह राशि बाबा को चढ़ाने का निर्देश दिया। सात अगस्त को वह बाबा के आश्रम में पहुंची। बाबा ने युवती को चंद्रग्रहण व कुछ अन्य बातों का हवाला देकर रात को आश्रम में ही रुकने के लिए तैयार कर लिया। पीड़िता के अनुसार उसे पता नहीं था कि बाबा के इरादे नेक नहीं हैं। वह आश्रम में ही रुक गई।
आरोप है कि रात को बाबा ने चंद्रग्रहण का बहाना लेकर अपने अन्य भक्तों को आश्रम से दूर नहाने भेज दिया तथा उसे परिजनों की कुशलक्षेम पूछने के बहाने अपने कमरे में बुला लिया। आरोप है कि अंदर पहुंचते ही बाबा ने दरवाजा बंद कर लिया और छेड़छाड़ शुरू कर दी। वह डर गई। इसी बीच बाबा का एक शिष्य दरवाजा खटखटाने लगा। बाबा ने उसे चुप रहने की धमकी दी और दरवाजा खोल दिया। मौका देखकर वह बाहर निकल गई। सुबह उसे रेलवे स्टेशन छुड़वा दिया गया। वह धमकी के कारण चुप रही, लेकिन गुरमीत को सजा मिलने के बाद अपने परिजनों को आपबीती बताई।
फलाहारी बाबा ढाई-तीन दशक पहले अलवर आए थे। बाबा के बारे में यह प्रचलित है कि वे केवल फलाहार ही लेते हैं तथ सामान्य पानी की जगह गंगाजल ही पीते हैं। उनके शिष्यों की संख्या हजारों में हैं। नामचीन राजनीतिक हस्तियां, उद्योगपति व ब्यूरोक्रेट्स बाबा के शिष्य हैं। मुख्यमंत्री से लेकर सत्तारूढ़ दलों के नेताओं से बाबा के गहरे रिश्ते रहे हैं। अलवर के पुलिस अधीक्षक राहुल प्रकाश ने बताया कि शिकायतकर्ता युवती अलवर पहुंच चुकी है। पूरे घटनाक्रम की जानकारी पुलिस ले रही है। हम युवती व उसके परिजनों की सुरक्षा का पूरा इंतजाम करेंगे। बिना किसी दबाव के जांच होगी और कार्रवाई की जाएगी।