: न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी ने जी-समूह को फुल-व्यू माफी मांगने का हुक्म, एक लाख रूपयों का जुर्माना किया है जी न्यूज : प्रख्यात वैज्ञानिक और बहुआयामी प्रतिभा के मालिक गौहर रजा को देशद्रोही-गैंग का मेम्बर बता दिया था जी-न्यूज ने : सफदर हाशमी के दामाद हैं गौहर रजा :
कुमार सौवीर
लखनऊ : एक मुशायरे में एक शायर ने अपनी एक नज़्म पढ़ी। उस नज्म की रिकार्डिंग को जी-न्यूज ने अपने चैनल ने प्रसारित किया। लेकिन उसमें साजिशन कई तथ्यों को तोड़ा और जम कर मरोड़ा। उनमें से एक अनर्गल तथ्य यह दर्ज कर लिया गया उस नज्म को पढ़ने वाला शायर दरअसल अफजल-गैंग का सदस्य है। लेकिन खबर यहीं तक नहीं है। असल खबर तो उसके बाद उठी। उस शायर गौहर रजा ने इस मामले को एनबीएसए यानी न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी के सामने शिकायत दर्ज की। सुनवाई के बाद ज़ी न्यूज पर न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी (एनबीएसए) ने एक लाख का ज़ुर्माना लगा दिया है। इतना ही नहीं, अथॉरिटी ने चैनल से कहा है कि वह मार्च-16 में हुए इस प्रसारण के लिए माफ़ीनामा प्रसारित करे। वह भी फुल-व्यू। और तुर्रा यह कि उस माफीनामे को वायस-ओवर भी पढ़ कर सुनाये।
सलाम गौहर रज़ा ,सौ सौ सलाम ।
अब हम आपको बता दें कि यह करतूत करने वाला चैनल मूलत: एक घटिया और अफवाह फैलाने वाले अभियान का केंद्र माना जाता है। नवीन जिंदल जैसे व्यवसायी से एक सौ करोड़ रूपयों की रंगदारी वसूलने की साजिश में फंसे इस चैनल के कर्ताधर्ता खुद ही बेहद नीच और आपराधिक कृत्यों में लिप्त रहे हैं। जिनमें दिल्ली की एक शिक्षिका को साजिश के तहत उसे भीड़ को उकसा कर उसे सरेआम नंगा कर पीटने जैसे दुष्कृत्य शामिल हैं। इन मामलों में इस समूह के कई लोग जेल भी जा चुके हैं। लेकिन जी समूह के लोग सुभाष चंद्रा की खास पसंद माने जाते हैं, जो आज कल डीएनए नामक एक थोथे कार्यक्रमों का प्रसारण कर रहे हैं।
सलाम गौहर रज़ा ,सौ सौ सलाम ।
उधर पढ़ने वाले वैज्ञानिक व शायर गौहर रज़ा आईआईटी से सन-79 से पढ़ कर निकले हैं और मूलत: वैज्ञानिक होने के बावजूद जनजागरण के अभियानों में जुटे हैं। वे शायर भी हैं और प्रख्यात नाटककार सफदर हाशमी के दामाद भी हैं। इतना ही नहीं, गौहर देश के उन लोगों में प्रमुख हैं, जो देश को एकजुट रखने की कोशिशों में जुटे हैं।
सलाम गौहर रज़ा ,सौ सौ सलाम ।
बताते हैं कि गौहर रज़ा ने शंकर-शाद मुशायरे में एक नज़्म पढ़ी थी, जिसमें सत्ता पर कुछ सवाल थे। इसके बाद ज़ी न्यूज़ ने ‘अफ़जल प्रेमी गैंग का मुशायरा’ शीर्षक से एक कार्यक्रम प्रसारित किया था जिसमें गौहर रज़ा को ‘देशद्रोही’ बताते हुए उन्हें संसद पर हमले के आरोपी अफजल गुरु का समर्थक कहा था। इस प्रसाारण के बाद ज़ी न्यूज़ के ख़िलाफ़ गौहर रज़ा ने न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी में शिकायत दर्ज कराई थी. इस शिकायत में उनके साथ अशोक वाजपेयी, शुभा मुद्गल, शर्मिला टैगोर और सईदा हमीद जैसे नामी कलाकार भी थे. मशहूर वकील वृंदा ग्रोवर ने गौहर रज़ा की तरफ से एनबीएसए में उनका पक्ष रखा.
सलाम गौहर रज़ा ,सौ सौ सलाम ।
बताते हैं कि एनबीएसए ने अपने आदेश में कहा कि एक नागरिक के तौर पर गौहर रज़ा के बोलने के अधिकार को नहीं रोका जा सकता. ज़ी न्यूज़ गौहर रज़ा के ख़िलाफ़ ग़लत, दुर्भावनापूर्ण और तोड़मरोड़ कर कवरेज किया, जिसके लिए वह जवाबदेह है.एनबीएसए ने अपने आदेश में कहा है कि आठ सितंबर को शाम 9 बजे चैनल को हिंदी में बड़े फॉन्ट में फुल स्क्रीन पर माफ़ी मांगनी होगी. प्रसारण साफ आवाज़ में और धीमी स्पीड से प्रसारित किया जाएगा.
सलाम गौहर रज़ा ,सौ सौ सलाम ।
इसके अलावा चैनल को सात दिन के अंदर एक लाख रुपये का ज़ुर्माना भी भरना होगा. इस आदेश में एनबीएसए ने कहा कि बड़े चैनल नागरिकों के बोलने के अधिकार को रौंद नहीं सकते.कुख्यात भाजपाई न्यूज़ चैनल ज़ी न्यूज़ को बेनकाब करने के लिए अनथक डेढ़ बरस तक लड़ने और जीतने के लिए । इस लड़ाई में यूं तो हम सब साथ थे , लेकिन जिन लोगों ने भी सामने आकर आपका साथ दिया ,उन सभी को सलाम ।
सलाम गौहर रज़ा ,सौ सौ सलाम ।
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अब सुन लीजिए गौहर रजा की उपरोक्त तथाकथित देशद्रोही गजल:-
धर्म में लिपटी वतनपरस्ती क्या-क्या स्वांग रचाएगी
मसली कलियाँ, झुलसा गुलशन, ज़र्द ख़िज़ाँ दिखलाएगी
यूरोप जिस वहशत से अब भी सहमा-सहमा रहता है
खतरा है वह वहशत मेरे मुल्क में आग लगायेगी
जर्मन गैसकदों से अबतक खून की बदबू आती है
अंधी वतनपरस्ती हमको उस रस्ते ले जायेगी
अधे कुएं में झूठ की नाव तेज़ चली थी मान लिया
लेकिन बाहर रौशन दुनियां तुम से सच बुलवायेगी
नफ़रत में जो पले बढ़े हैं, नफ़रत में जो खेले हैं
नफ़रत देखो आगे-आगे उनसे क्या करवायेगी
फनकारो से पूछ रहे हो क्यों लौटाए हैं सम्मान
पूछो, कितने चुप बैठे हैं, शर्म उन्हें कब आयेगी
यह मत खाओ, वह मत पहनो, इश्क़ तो बिलकुल करना मत
देशद्रोह की छाप तुम्हारे ऊपर भी लग जायेगी
यह मत भूलो अगली नस्लें रौशन शोला होती हैं
आग कुरेदोगे, चिंगारी दामन तक तो आएगी