देखिये वीडियो, कैसे घूस देकर अफसर बनी अनामिका, तूल पकड़ रहा मामला

सैड सांग

: लखनऊ नगर निगम में तैनात है राजस्‍व निरीक्षक अनामिका यादव : नगर निगम ने मामले में पल्‍ला झाड़ा, लेकिन सतर्कता विभाग और सीएम-पीएम तक भेजी गयी शिकायत : आरोपों से बौखलायी अनामिका ने बदला पैंतरा, बोली दबाव था शादी के लिए :

मेरी बिटिया डॉट कॉम संवाददाता

लखनऊ : यूपी लोक अधीनस्‍थ सेवा आयोग में घूस देकर राजस्‍व निरीक्षक पद झटकने वाली एक महिला अफसर के खुलासा ने उसकी भी तो छीछालेदर करवा ही ली है, साथ ही पिछली अखिलेश सरकार की करतूतों तथा आयोग में हुई भारी पैमाने वाली धांधलियों को भी नंगा कर दिया है।

अपने मित्रों के साथ एक रेस्‍टोरेंट में अपने मित्रों के साथ जलपान करने गयी अनामिका उर्फ ममता यादव ने एक वीडियो में साफ-साफ कुबूल लिया है कि उसने इस ओहदे का हासिल करने के लिए मोटी रकम घूस के तौर पर अदा की थी। उसने यह भी संकेत दिये थे कि भविष्‍य में भी जो लोग इस तरह नौकरी हासिल करना चाहेंगे, तो वह अपने सम्‍पर्कों के बल पर उनका काम करा देगी।

अनामिका ममता यादव के इस कथित कुबूलनामा से हंगामा खड़ा हो गया है। उस वीडियो को देखने के लिए आप निम्‍न लिंक पर क्लिक कर सकते हैं, जिस ने साबित कर दिया है कि पिछली सरकार और आयोग किस तरह सरकारी नौकरियों को बांटने के लिए मोटी-मोटी रकम उगाह रहे थे और बेईमान-भ्रष्‍ट अफसरों को नियुक्‍त करने का तूफान खड़ा किये हुए थे। आपको बता दें कि अनामिका ममता यादव इस समय लखनऊ नगर निगम में राजस्‍व निरीक्षक के पद पर जोन-पांच में नियुक्‍त है।

अनामिका उर्फ ममता यादव ने कुबूल लिया था कि उसने घूस देकर इंस्‍पेक्‍टर की अफसर झटक ली थी। वीडियो देखने के लिए निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:-

बधाई हो, घूस देकर इंस्‍पेक्‍टर बनी अनामिका

हालांकि नगर निगम के प्रशासक-नगर आयुक्‍त उदयराज यादव इस मामले पर शिकायतें मिलनी की बात स्‍वीकार कर रहे हैं। लेकिन उनका कहना है कि नगर निगम के स्‍तर से इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया अथवा कोई कार्रवाई करने का न तो कोई औचित्‍य है और न ही इसके लिए कानूनी मार्ग है। उनका कहना है कि इस बारे में केवल अधीनस्‍थ चयन आयोग ही कोई कार्रवाई कर सकता है।

बहरहाल, ताजा खबर यह है कि इस मामले को प्रदेश के सतर्कता विभाग, सतर्कता आयोग, मुख्‍यमंत्री, सीबीआई और प्रधानमंत्री तक को पूरे प्रमाणों के साथ शिकायतें भेज कर अनामिका के चयन को खारिज कर ऐसे सभी मामलों की जांच कराते हुए उन सब पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गयी है। साथ ही आयोग के प्रशासकों पर भी तत्‍काल दंडित करने का भी अनुरोध किया गया है।

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