: सदर कोतवाली की मेस से जो सुस्वादु भोजन बंटवाया गया, वह संजय केडिया की जेब से हुआ था : प्रशासन में संजय का चरणामृत-चरणोदक तक हासिल करने के लिए मारामारी मच जाती है : जेल यात्रा भी कर चुके हैं संजय केडिया :
मेरीबिटियाडॉटकॉम संवाददाता
देवरिया : संजय केडिया। नाम एक ताकत का, ताकत शराब की, शराब से जन्मे पैसों की, रंगबाजी की, दबंगई की, अपराध की, हमलावर की, जेल जाने वाले की पत्नी को मारने की साजिश करने वाले की।
जी हां, विजयादशमी के दिन भले ही पूरा देश मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम का जय जय कारा लगाता रहा हो, लेकिन देवरिया की पुलिस में बिलकुल अलग किसम का नारा लगता है। यह नारा उपजता है भोजन से सुस्वादु भोजन का, जो आता है एक शराब माफिया की रंगबाजी में जन्मी भक्ति-धारा से। यह धारा जब बड़े पुलिस अफसरों से होती हुई नीचे की ओर बहती है तो उसका चरणामृत-चरणोदक तक हासिल करने के लिए मारामारी मच जाती है। देवरिया के सदर कोतवाली यही हुआ। केवल देवरिया ही नहीं बल्कि पूर्वांचल में शराब के क्षेत्र रंगबाज संजय केडिया का नाम शराब माफिया के तौर कुख्यात है। बड़े पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को अगल-बगल बांधे रखने का शौक रखने में संजय केडिया का कोई सानी नहीं है। अपनी दूसरी पत्नी पर हुए जानलेवा हमले में उन्होंने अपने करीबी बड़े पुलिस अफसरों से काफी मदद हासिल की थी।
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कहने की जरूरत नहीं कि केडिया को अपनी सुरक्षा मुहैया कराने वालों को खुश करने कोई गुरेज नहीं होती है। यही वजह थी कि सदर कोतवाली में विजयादशमी दशमी के दिन जो मालपुआ खीर पूरी वगैरह बांटा गया, वह संजय केडिया की जेब से खर्च हुआ। कोतवाली में मौजूद एक पुलिस अधिकारी ने प्रमुख न्यूज़ पोर्टल मेरीबिटिया डॉट कॉम के संवाददाता से बातचीत में बताया कि काफी दिनों बाद इतना बढ़िया मस्त भोजन संजय केडिया की ओर से कोतवाली में से बंटवाया गया था। वैसे भी जिले ही नहीं, बल्कि आसपास के पूरे इलाके में पुलिस और प्रशासन में केवल और केवल संजय केडिया का ही जय जयकारा लगता है।
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