दादा की शवयात्रा में जुलूल-जुलूल आना

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: बेहद शोक की बात है कि चिरंजीवी वाणिज्‍य कर और वजन-कर के प्राण-पखेरू उड़ गये : नवजात जीएसटी के अन्‍नप्राशन के लिए पधारिये : छाती पीटें, कुमंगल और दर्दभरे गीत-सियापा पीट लीजिए :

कुमार सौवीर

लखनऊ : एक अनोखा शोक संदेश और उठावनी संस्‍कार के लिए मैं आप सभी को सादर आमंत्रित कर रहा हूं। इसके साथ ही साथ एक रस्‍म पगड़ी के लिए भी आपको आमंत्रित करने के लिए मैं आपसे अनुरोध कर रहा हूं। इस शोक, दुख और हर्ष-उत्‍सव के लिए औपचारिक तौर पर एक कार्ड भी आपको भेजा जा रहा है, ताकि आप खुद को तैयार कर सें।

उपरोक्‍त कार्यक्रमों के लिए एक औपचारिक निमंत्रण-आमंत्रण पत्र भी आपकी सेवा में प्रस्‍तुत किया जा रहा है। कृपया पावती देने का कष्‍ट न करें। हां, तेरहवीं संस्‍कार के दौरान आप से नेग का नकद अवश्‍य भुगतान जरूर कर दीजिएगा।

———— हार्दिक शोक संदेश और उठावनी ———-

अत्यंत दुःख के साथ सूचित किया जाता है कि हमारे नवजात साथी

जीएसटी के पूज्‍य पिताजी व आदरणीय चिरंजीवी सेल्स टैक्स के पुत्र वैट टैक्स जी का निधन हो गया है।

जिसका शोक निवारण व पगडी का कार्यक्रम 30 तारीख की मध्यरात्रि को वाणिज्य कर कार्यालय पर रखा है। शवयात्रा निकल चुकी है। ढोल-ताशों की आवाज आपके आसपास झम्‍मर-झम्‍मर ढफ्फल-ढफफ्ल की तरह आपकी कानों में बज रही होगी।

अपने स्टाक पर निर्धारित कर का लिफाफा स्वीकार है।

शोकाकुल

जी एस टी कुमार

कृपया समय से पधार कर उठावनी की कहानी उठायें, छाती पीटें, कुमंगल-गीत गायें।

दादा की शवयात्रा में जुलूल-जुलूल आइयेगा।

निवेदक :- कंकल, बंकल, टंडल, फण्‍डल, मण्‍डल, अग्रबाल, छिंगालिया, जिंगल, ठेली, टमाली, कांकर, पाथर, लायक-नालायक और बाकी सब जन्‍म-अजन्‍मे तथा अनचाहे भ्रूण आदि।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *