चिकित्‍सा अधीक्षक ने किया महिलाकर्मी के शील पर हमला, गौरव दयाल के ठेंगे से

बिटिया खबर
: राज्‍य एचआईवी-एड्स नियंत्रण परियोजना के निदेशक हैं आईएएस गौरव दयाल, मगर महिला की शिकायत नहीं सुनेंगे : हरदोई की एड्स कौंसलर का कई महीनों का वेतन दबाये हैं चिकित्‍सा अधीक्षक, उन्‍हें घूस चाहिए या फिर महिला का बदन :

कुमार सौवीर
लखनऊ : यूपी में एड्स नियंत्रण अभियान के परियोजना निदेशक हैं आईएएस गौरव दयाल। उन पर जिम्‍मा है कि वे प्रदेश के सरकारी अस्‍पतालों में इस परियोजना को संचालित करने में जुटी करीब ढाई हजार कर्मचारियों की फौज की निगरानी करें। मगर उनकी नाक के नीचे ही उनकी महिला कर्मचारी के साथ बड़े सरकारी डॉक्‍टर लोग अश्‍लील टिप्‍पणी और प्रस्‍ताव दे रहे हैं, उससे रिश्‍वत मांगी जा रही है, अधीक्षक से लेकर सीएमओ तक के अफसर उसे नौकरी से निकाल बाहर करने की साजिशें कर रहे हैं। मगर जब वह अपना दुखड़ा राज्‍य एड्स नियंत्रण परियोजना के मुखिया तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है, तो उसे सांत्‍वना देने के बजाय उन्‍हीं अफसरों से मिलने की सलाह दी जा रही है, जिन्‍होंने ऐसे घिनौने प्रस्‍ताव और धमकियां दी हैं।
हरदोई के उच्‍चीकृत स्वास्थ्य केंद्र में तैनात चिकित्‍सा अधीक्षक ने जिस तरह अपनी मातहत एक एचआईवी और एड्स काउंसलर के साथ लगभग बलात्कार जैसा हादसा कर डाला व प्रदेश में एचआईवी और एड्स निरोधक अभियान को सरेआम तमाचा मारने से कम नहीं है। हैरत की बात तो यह है कि राज्य एचआईवी एवं एड्स संगठन यानी साको कि आला अफसर भी दोषी अफसरों के पक्ष में खड़े हैं और इस महिला की अस्मिता पर हमला करने वालों को पूरी छूट दे रहे हैं।
आपको बता दें कि हरदोई में हुआ यह हादसा कोई अनोखा मामला नहीं है। इसके पहले भी प्रदेश के कई जिलों के सरकारी अस्‍पतालों में वहां के बड़े अफसरों ने यही घिनौनी हरकतें की हैं। हालांकि जहां स्थानीय और मजबूत-प्रभावशाली परिवार की महिलाएं तैनात हैं, वहां तो किसी अफसर की ऐसी हिम्मत करने की हिम्‍मत नहीं पड़ती है, लेकिन अपने परिवार को पालने के लिए दूसरे जिलों में काम कर रही महिलाएं अथवा अशक्त पृष्ठभूमि की महिलाओं का तो बाकायदा जीना हराम कर रखा है इन डॉक्‍टर और दीगर अफसरों ने। हालत यह है कि अभद्रता पर आमादा बड़े डॉक्‍टर अपनी अधीनस्‍थ महिला कर्मचारियों के साथ अक्‍सर खुली गालियां देते हैं, नंगे जुमले उछलते हैं और अक्सर तो खुलेआम नंगे इशारे कर देते हैं। हरदोई में इस चिकित्सा अधीक्षक ने इस महिला कर्मचारी को देर रात अपने घर बुलाने का प्रस्‍ताव कर डाला। वह भी इस शर्त पर कि अगर उस महिला को अपना वेतन हासिल करना है तो उसे अधीक्षक का बिस्तर गर्म करना होगा।
इस महिला ने इस पर ऐतराज किया और शिकायत जिला चिकित्सा अधिकारी से कर दिया। सीएमओ ने इस मामले की जांच के लिए अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि वे इस प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट दें लेकिन लंबा समय बीत जाने के बावजूद एडीशनल चीफ मेडिकल ऑफिसर यानी एसीएमओ ने न तो कोई जांच की और ना ही कोई रिपोर्ट अपने अफसरों को प्रस्तुत की। इतना ही नहीं, इस एडिशनल अफसर ने कुछ संबंधित आरोपित चिकित्सा अधीक्षक के पक्ष में उस काउंसलर पर दबाव बनाया कि वह अपने आरोप वापस ले ले और माफी मांग ले, तो उसे माफ किया जा सकता है, वरना उसकी संविदा को रिन्‍यू नहीं किया जाएगा।
बताते हैं कि इस महिला काउंसलर ने इस मामले की शिकायत राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी यानी साको के परियोजना अधिकारी और आईएएस अफसर गौरव दयाल को करने की कोशिश की लेकिन गौरव दयाल के निजी सचिव ने उस महिला को गौरव दयाल से बात कराने से भी मना कर दिया। निजी सचिव ने साफ मना कर दिया कि परियोजना अधिकारी किसी भी कर्मचारी से बात नहीं करना चाहते हैं, और इस महिला को जो भी कहना हो उसे हरदोई के ही जिला स्तरीय अधिकारियों से ही मिलकर कहना होगा होगा। और जैसा भी जिला स्तर के अधिकारी कहेंगे, वही मान्य होगा। जाहिर है कि राज्य एड्स सोसायटी के अफसरों की मिलीभगत स्‍वास्‍थ्‍य-चिकित्‍सा विभाग के बड़े अफसरों तक है। ऐसी हालत में कोई भी पीड़ित महिला किसी भी बड़े अफसर से अपना दुखड़ सुना पायेगी, नतीजा यह होगा कि महिला लगातार शोषण के जाल में फंसी रहेगी, या फिर नौकरी छोड़ने पर बाध्‍य होगी।
आपको बता दें कि यहां के एक उच्‍चीकृत स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र पर तैनात महिला काउंसलर से चिकित्‍सा अधीक्षक ने उसके दो महीने के 29 हजार रूपयों का भुगतान कराने के लिए 20 हजार रुपयों की घूस मांगी थी। महिला ने साफ मना कर दिया कि वह इस की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह इतनी बड़ी रकम का भुगतान घूस के तौर पर कर पाए। इस पर चिकित्सा अधीक्षक ने एक नई पेशकश उस महिला के सामने रखी थी कि अगर वह भुगतान नहीं करना चाहती है तो उसे अकेले में रात के वक्‍त चिकित्सा अधीक्षक के आवास पर आना पड़ेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *