: अदालत ने लालू को दोष्ाी ठहराया, लेकिन आजतक न्यूज चैनल वालों ने लालू को बरी कर डाला : ऐसे पत्रकारों ने ही तो पत्रकारिता की नाक-कान काट डाल रखी है : जरा देखिये तो कि कैसे-कैसे सम्पादक भरे पड़े हैं आजतक चैनल में :
कुमार सौवीर
लखनऊ : हम यह नहीं कह रहे हैं कि आजतक न्यूज चैनल बिहार वाले लालू प्रसाद यादव के हाथों बिक चुका है, और इसीलिए लालू यादव की खाल बचाने के लिए झूठी खबरें प्लांट कर रहा है। लेकिन हम इतना जरूर जानते और कहना चाहते हैं कि हिन्दुस्तान भर में पत्रकारिता के क्षेत्र में खबर का नाक और कान काटने की मूर्खता करने वालों में से आजतक न्यूज चैनल पूरी तरह घटिया बनता जा रहा है।
आज सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू यादव को चारा घोटाले के एक मामले में पूरी तरह दोषी ठहरा दिया है। इस फैसले के बाद अब लालू यादव को जेल भेजा जा रहा है, जहां अगली तीन जनवरी को अदालत उन्हें सजा सुनायेगी। लेकिन इतने बड़े मामले में एक बड़े नेता पर आपराधिक संलिप्तता साबित हो जाने के बावजूद जिस तरह आजतक चैनल ने अपनी लापरवाही का प्रदर्शन किया है, वह वाकई मूर्खतापूर्ण तो है ही, साथ ही पत्रकारिता जगत को धूल चटाने की तरह है। कहने की जरूरत नहीं कि इसी तरह की घटनाएं ही किसी भी चैनल या समाचार संस्थान की विश्वसनीयता पर गहरा बड़ा सवाल खड़ा कर देती हैं।
लेकिन इस चैनल ने इस मामले पर जो खबर लगायी है, वह इस चैनल की सम्पादकीय नजर को बुरी तरह लापरवाह और अराजक होने के साथ ही साथ बेहद गैरजिम्मेदार भी साबित कर रही है।
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आपको बता दें कि चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया है. 3 जनवरी को मामले अब उनको सजा सुनाई जाएगी. फैसला आने के बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया है. वहीं अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र के अलावा बिहार के पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद और पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, हार्दिक चंद्र चौधरी, सरस्वती चंद्र और साधना सिंह को दोषमुक्त करार कर दिया. जबकि लालू सहित 16 लोगों को अदालत ने दोषी पाया है. इस मामले में दोषी ठहराये गए सभी 16 लोगों को हिरासत में लेकर बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया है.
अदालत ने 950 करोड़ रुपये के चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार से 89 लाख़, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मामले में फैसला सुनाया है. अवैध ढंग से धन निकालने के इस मामले में लालू प्रसाद यादव एवं अन्य के खिलाफ सीबीआई ने आपराधिक षड्यन्त्र, गबन, फर्जीवाड़ा, साक्ष्य छिपाने, पद के दुरुपयोग आदि से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120बी, 409, 418, 420, 467, 468, 471, 477 ए, 201, 511 के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(डी) एवं 13(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया था.
इस मामले में कुल 38 लोगों को आरोपी बनाया गया था. इनमें से 11 की मौत हो चुकी है, वहीं तीन सीबीआई के गवाह बन गये जबकि दो ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया था जिसके बाद उन्हें 2006-07 में ही सजा सुना दी गयी थी. इसके बाद 22 आरोपी बच गए थे, जिनको लेकर यह फैसला सुनाया गया. इस मामले में तीन आईएएस अधिकारियों फूलचंद सिंह, बेक जूलियस एवं महेश प्रसाद को भी आरोपी बनाया गया था. फैसला आते ही आरजेडी के प्रवक्ता मनोज झा की की ओर से तुरंत प्रेस कांन्फ्रेस की गई और फैसले पर सवाल उठाए गए. आरजेडी ने कहा कि अवैध निकासी पर जिसने एफआईआर किया है उसी को जेल भेज दिया गया. इसके पीछे पूरी तरह से बीजेपी की साजिश है. हमें पूरी न्यायपालिका पर भरोसा है. इस देश को सिर्फ दो लोग चला रहे हैं. इससे पहले चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, सत्तर लाख रुपये अवैध ढंग से निकासी करने के चारा घोटाले के एक अन्य मामले में इन सभी को सजा हो चुकी है. करीब 21 साल तक चले इस मामले में इससे पहले कई पूर्व अधिकारियों को सजा सुनाई जा चुकी है. चारा घोटाला एक ऐसा मामला था जिसकी वजह से लालू के राजनीतिक करियर में ग्रहण लग गया है. हालांकि इस मामले में वह करीब 21 सालों तक कानूनी प्रक्रियाओं का सामना करते रहे और कई बार उनको हिरासत में लिया गया.
आजतक न्यूज चैनल की यह हेडलाइंस सीबीआई कोर्ट के फैसले के बाद चलनी शुरू हो गयी थी। उसी समय देहरादून निवासी विष्णु सिंह ने अपनी टीवी पर उसका स्क्रीन-शॉट ले लिया। इस सहयोग के लिए प्रमुख न्यूज पोर्टल मेरी बिटिया डॉट कॉम परिवार विष्णु सिंह का आभारी है।