साले अभी दो जूते मारूंगा: बेहाल ग्रामीण पर खौखियाये डीएम

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: भानुचंद्र गोस्वामी ने खोला कुशल प्रशासन का अनोखा अंदाज : अजब-गजब हाल है जौनपुर के जुल्फी प्रशासन का, रोष : चर्चा का विषय बने मारूँगा दो जूता, हरामखोर, साले जैसे शब्द : शिकायत की तो एसडीएम ने दी जेल भेजने की धमकी :

जौनपुर। सुजानगंज ब्लाक के सकरा निवासी अखिलेश तिवारी गाव के सरकारी कोटे की दुकान कोटेदार पर राशन कार्ड अपने पास रखने और मिट्टी के तेल की कालाबाजारी जैसी हरकतों को लेकर पिछले कई महीनों से अफसरों के दफ्तरों में चक्कर लगाता रहा। पहले इसकी शिकायत खंड विकास अधिकारी और उपजिलाधिकारी तक से की। बार-बार तपती दुपहरिया में इन अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर से तंग आकर अखिलेश तिवारी ने आखिरकार सीधे जिलाधिकारी को ही फोन मिला दिया। डीएम भानुचंद्र गोस्वामी मोबाईल पर आये, तो इस ग्रामीण ने कुछ रूखाई से अपनी बात कहनी शुरू की।

बस इसी बात पर जौनपुर का प्रशासन हत्थे से ही उखड़ गया। डीएम गोस्वामी ने अखिलेश की बात पूरी होने से पहले ही अर्दब में ले लिया और बोले कि, ” अभी दो जूते मारूंगा तो दिमाग दुरूस्त हो जाएगा। हरामखोर कहीं का।”

हालांकि अखिलेश ने अपने साथ हो रही ज्यादतियों के खिलाफ कई बार अधिकारियो के यहाँ चक्कर काट कर गुहारें लगायी थीं। अपनी बात कहने के लिए वह इन बड़े-बड़े अफसरों के चहां भरी दुपहरी में बेहाल-परेशान हो चुका था। इसके बावजूद डीएम गोस्वामी से बात करते समय अखिलेश का लहजा कुछ तल्ख था। उसने यहां तक कह दिया था कि डीएम साहब जौनपुर में सभी अधिकारी चोर है क्या। जौनपुर के एक अधिकारी ने बताया कि डीएम के प्रति यह लहजा काफी तल्ख था, लेकिन इसके वावजूद जिस तरह अखिलेश के साथ जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी ने निहायत गैरजिम्मेदार और अभद्रतापूर्ण व्यवहार किया, वह उनकी निंदनीय सोच का परिचायक ही है।

लेकिन इसी बीच जिलाधिकारी गोस्वामी को एहसास हो गया कि उस बेबस और परेशान ग्रामीण से बहुत बदतमीजी हो गयी, तो फिर डीएम ने फोन पर बात करना ही बंद कर दिया। कई बार कहने के बाद जब अखिलेश ने दोबारा फोन मिलाया तो डीएम ने वह फोन खुद उठाने के बजाय सीधे अपने अर्दली को थमा दिया। लेकिन इसके बावजूद अखिलेश को समुचित नहीं जवाब मिल पाया और फोन फिर काट दिया गया।

लेकिन अब अखिलेश ने तय किया है कि जिलाधिकारी की इस अभद्रता का जवाब देने के लिए वह अगले कई दिनों तक अलग-अलग नम्बर से जिलाधिकारी को फोन करेगा और खुद के साथ हुई धमकी और अभद्रता का जवाब तलब करेगा। इतना ही नहीं, अखिलेश ने अपने सभी मित्रों, परिजनों और रिश्तेदारों से भी डीएम के यहां मोबाइल पर फोन करने का अनुरोध करना शुरू कर दिया है।

अखिलेश तिवारी और सुनील पाण्डेय का कहना है कि उन्होंवने कोटेदार की हरकतों पर तीन पहले शिकायत की थी। लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला तो सीधे डीएम से सम्पर्क किया। इन वादियों का कहना है कि एक बार डीएम गोस्वामी ने मछलीशहर के एसडीएम से सम्पर्क करने को कहा था। जब यह लोग एसडीएम पहुंचे तो एसडीएम ने उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई और कहा कि तुम लोग नेतागिरी करते हो, अभी डण्डा घुसेड़ कर सारी गुण्डई निकाल दूंगा। जेल में सड़ा दूंगा तो दिमाग सही हो जाएगा। इतना ही नहीं, उसका शिकायती पत्र तक जिला पूर्ति अधिकारी, एसडीएम और डीएम कार्यालय से गायब कर दिया गया।

इस व्यवहार से त्रस्त होकर ही अखिलेश ने जिलाधिकारी को फोन किया तो गोस्वामी ने उन्हें दो जूते मारने की धमकी देते दिमाग दुरूस्त करने की धमकी दे दी।

( एक संवाददाता से मिली खबर के अनुसार )

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *