धंधा मारपीट व अवैध कब्‍जा: ब्रजेश पाठक ने हड़पी सरकारी सुरक्षा

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: नेताओं को सुरक्षा की असलियत हमलावरों की सुरक्षा कराये सरकार : बसपा से मलाई चाटने के बाद भाजपा पहुंचे ब्रजेश पाठक का इतिहास ही आपराधिक है : हाल ही ब्रजेश ने दिल्‍ली में एक वरिष्‍ठ को जमकर पीटा, और कैमरा लूटा : पत्‍नी नम्रता पाठक भी हथछुट, अक्‍सर पीटती गुजरते लोगों को : कभी आइये और सुनिये कि कोई महिला कैसे भद्दी गाली देती है : फिलहाल तो केंद्र सरकार ने इस अपराधिक दम्‍पत्ति को सुरक्षा दे रखी है :

कुमार सौवीर

लखनऊ : अगर आाप को इस बात की कोई गलतफहमी हो कि किसी भी नेता को भारी-भरकम सरकारी सुरक्षा केवल उसको मिली किसी धमकी से निपटने के लिए दी जाती है, तो अफसोस है कि आप वाकई गलत हैं। हकीकत तो यह है कि ज्‍यादातर नेताओं इसलिए अपने लिए सरकारी सुरक्षा हड़प लेते हैं, क्‍योंकि उनका आपराधिक और चरित्र ही आपराधिक होता है। ताजा मामला है बसपा से कूद कर भाजपा में छलांग लगाये ब्रजेश पाठक का। पूरे जीवन में केवल आपराधिक हरकतों में लिप्‍त रहे ब्रजेश पाठक बसपा ने सांसद की सीट तो दो बार दे दी, लेकिन इसके बावजूद उनके चरित्र पर कोई भी फर्क नहीं पड़ा।  ब्रजेश ने उसे सरेआम बुरी तरह पीट दिया और उसके कैमरे की चिप तक छीन ली।

आपको बता दें ब्रजेश पाठक के जीवन की शुरूआत ही अपराध से हुई। लखनऊ विश्‍वविद्यालय में छात्रों के साथ अक्‍सर बाकायदा किसी गिरोहबनदी बना कर विश्‍वविद्यालय और लखनऊ से हरदोई तक विभिन्‍न गुटों में मारपीट हुआ ही करती थी। इसी बीच गोरखपुर के तिवारी-वंश की कृपा से ब्रजेश पाठक विश्‍वविद्यालय छात्रसंघ में पहले विधि प्रतिनिधि, फिर उपाध्‍यक्ष और उसके बाद सीधे अध्‍यक्ष बन गये। पंडित हरिशंकर तिवारी की छत्र-छाया में उन्‍हें राजनीति की डगर मिल गयी। हैसियत और सम्‍पत्ति भी। बसपा से सांसदी इसी तिवारी-वंश की कृपा से मिली।

उसके बाद जो कुछ भी हुआ, उसका शिजरा तो आपको सुनाऊंगा। लेकिन इतना जरूर है कि इसके बाद से ब्रजेश का नाम मालदार नेताओं में होने लगी। वैभव दिनरात चौगुनी, आठगुनी होने लगी। इसी बीच बसपा के पंख कुछ ज्‍यादा ही उड़ने लगे तो बसपा से उनके नाक पर अंकुश लगाना शुरू कर दिया। तिलमिला कर ब्रजेश ने उधर-उधर हाथ-पांव झटका और अचानक एक दिन भाजपा के चरणों में लम्‍बलेट हो गये।

लेकिन हैरत की बात है कि भाजपा में शामिल होने के तत्‍काल बाद ही ब्रजेश पाठक का दिमाग सातवें आसमान पर पहुंचा और आपराधिक प्रवृत्तियां भड़क गयीं। पिछले हफ्ते ही दिल्‍ली में एक पत्रकार ने जब उनसे बसपा से भाजपा में आने के कारण पूछना चाहा, तो ब्रजेश पाठक भड़क गये। इतना ही तैश आया कि उन्‍होंने उस पत्रकार को पहले ताबड़तोड़ थप्‍पड़ मारे और फिर उसके बाद उसे पटक कर जमीन पर गिराया और उसे कूटना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं, इस पत्रकार के साथ आये कैमरेमैन का कैमरा छीन कर उन्‍होंने उसकी चिप निकाल कर लूट ली। यह चिप अब तक उस पत्रकार को अब तक नहीं मिल पायी है।

इतना ही नहीं, जानकार बताते हैं कि ब्रजेश पाठक की पत्‍नी नम्रता पाठक भी बेहिसाब अश्‍लील गालियां देने को कुख्‍यात हैं। बसपा सरकार में तब की मुख्‍यमंत्री मायावती की कृपा से  नम्रता महिला आयोग की दो साल तक सदस्‍य बनायी गयी थीं। बात-बात पर किसी पर थप्‍पड़ मार देने उनका शगल है। आपको बता दें कि ब्रजेश और नम्रता की असल ताकत उन्‍हें मिली केंद्रीय सुरक्षा है, जिसके बल पर वे बाकायदा गुण्‍डागर्दी करते रहते हैं। इसी सुरक्षा के बल पर ब्रजेश-नम्रता ने लखनऊ के एक आलीशान मकान के एक हिस्‍से पर जबरिया कब्‍जा कर रखा है।

अभी चंद महीना पहले ही इस मकान के मालिक के कार्यालय कन्‍दर्प कंस्‍ट्रक्‍शंस प्राइवेट लि में सीसीटीवी कैमरे लगा रहे एक कर्मचारी पर नम्रता केवल इस बात पर भड़क गयीं कि कैमरे क्‍यों लगाये जा रहे हैं। गुस्‍से में आगबबूला बनीं नम्रता ने बेहिसाब गंदी गालियां देते हुए उस राम सजीवन नामक कर्मचारी को ताबड़तोड़ थप्‍पड़ मारे, उसे सैंडिल से पीटा और फिर कैमरे व उसके तार वगैरह उखाड़ कर तोड़ दिये। इस दौरान ब्रजेश को मिली सुरक्षा के सीआईएसएफ के जवान हैरत में स्‍तब्‍ध ही खड़े रहे। करीब एक घंटे तक नम्रता ने कंदर्प कंस्‍ट्रक्‍शंस के अधिकारियों और कर्मचारियों को बुरी तरह गालियां बकीं।

लेकिन आश्‍चर्य की बात है कि ऐसे आपराधिक कृत्‍यों में लिप्‍त लोगों को विशेष सुरक्षा जारी रखे हैं।

यह लेख-श्रंखला है। इस श्रंखला का अगला अंक और ब्रजेश पाठक को देखने, पढ़ने और समझने के लिए

कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए: अथ-श्री ब्रजेश पाठक कथा

2 thoughts on “धंधा मारपीट व अवैध कब्‍जा: ब्रजेश पाठक ने हड़पी सरकारी सुरक्षा

  1. सौविर भैया, पाठक जी बसपा में थे तो ब्राह्मण भाईचारा कमेटी में काफी सक्रिय रहे, चाहे विकास दुबे हों या अन्य, प्रदेश में ब्राह्मणों के साथ उनकी पकड़ मानी जाती है और एक बात और उनके साले अनिल त्रिपाठी जो कभी सभासद का इलेक्शन तक नहीं जीत पाए उनको एमएलसी बनवाना और दूसरे साले डब्बू उसको बात करने की तमीज नहीं है उसका सीधा महामंत्री बनवा दिया भाजपा के अंदर इसकी भी जांच होनी चाहिए ! परिवारवाद किस तरह से इन्होंने फैला रखा भाजपा में यह जांच के लिए भी लिखें । गुड्डू त्रिपाठी का इतिहास भी बहुत ही काला है और उन्होंने बहुत ही एक गुंडागर्दी क्राइम से जुड़े रहे हमेशा कभी कोई नेतागिरी हमेशा देखे हथियाना गोली चलाना यही सब काम था।

    1. अगर आप चाहें, तो हम इस खबर को विस्‍तार दे सकते हैं।
      कृपया फोन कीजिए

      कुमार सौवीर
      9453029126, 9415302520
      लखनऊ

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