भाजपाइयों ने सपाई गुंडों तक को पिछाड़ा, सरकारी डॉक्टर इस्तीफे देंगे

बिटिया खबर

: सपाई गुंडों की तर्ज में भाजपा के गुण्‍डे अब अपनी ही सरकार के नाक-कान काटने पर आमादा बछरावां सीएचसी में ओपीडी का काम धाम बुरी तरह बाधित : अपनी ही सरकार के नाक-कान काटने पर आमादा दिख रहे :

कुमार सौवीर

लखनऊ : जय हो। आखिरकार दिखने लगा यूपी में अच्‍छे दिनों का माहौल। अब आपको न तो समाजवादी पार्टी की सरकार वाले मुलायम सिंह यादव मुलायम सिंह वाली सरकार का माहौल को सूंघने की जरूरत पड़ेगी, या फिर अखिलेश यादव की सरकार के भयावह कानून-व्‍यवस्‍था का कोसने की जरूरत पड़ेगी। ताजा-ताजा बनी योगी सरकार की में भाजपाइयों ने सपा के गुंडों की जितनी भी कोर-कसर बची रही थी, उसे खत्‍म कर दिया है।

जी हां, यूपी में भाजपा की सरकार भले ही चल रही हो, लेकिन कानून-व्‍यवस्‍था की हालत में लगातार बदतर होती जा रही है। मुलायम सिंह यादव की सरकार रही हो या उनके पारिवारिक उत्तराधिकारी अखिलेश यादव की सरकार, हर बार समाजवादियों की गुंडागर्दी चरम पर रही। कानून व्यवस्था अस्‍त-व्यस्त हो गई और अराजकता का बोलबाला हो गया लेकिन अब सपाई गुंडों की तर्ज में भाजपा के गुण्‍डे अब अपनी ही सरकार के नाक-कान काटने पर आमादा दिख गए हैं।

खबर है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता रायबरेली स्वास्थ्य केंद्र कि 4 डॉक्टरों ने भाजपाई गुंडों की हरकतों से बेहाल होकर नौकरी से इस्तीफा देने का फैसला कर लिया है। यह चारों ही डॉक्‍टर महिला हैं और रायबरेली के बछरावां का यह सीएचसी यानी उच्‍चतर स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत हैं। इन 4 महिला डॉक्टरों ने इस्तीफा देने की धमकी दी है। इन महिला डॉक्टरों का आरोप है कि भाजपा के कुछ नेता उन्हें लगातार बुरी तरह धमका रहे हैं और उनसे सामान्य काम धाम हो पाना नामुमकिन हो चुका है।

इतना ही नहीं, इन महिला डॉक्‍टरों का आरोप है कि हालात ऐसी है कि जाने कितनी बार इन नेताओं ने उन पर अभद्रता की पराकाष्‍ठा तक की सीमा पार की है। पता ही नहीं चलता है कि इन भाजपा नेताओं की करतूतें उनकी अस्मिता और दायित्व पर भी न जाने कब हमला कर दे। 12 अक्टूबर को यहां कार्यरत डॉ सुप्रिया सिंह डॉ पारुल सिंह चौधरी सुनीता यादव ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी पहुंचकर उन्हें बताया भाजपा नेताओं की करतूत नाक के ऊपर होती जा रही है। कई हफ्तों से इन नेताओं की करतूत के चलते बछरावां सीएचसी में ओपीडी का काम धाम बुरी तरह बाधित हो जाएगा। यह भाजपा नेता ओपीडी की नहीं चलने देते देते हैं जिसके चलते यहां मरीजों को गंभीर हालातों से सामना करना पड़ता है । महिलाओं का कहना है इस बारे में उन्होंने तत्काल सुरक्षा और ओपीडी चलने की संभावनाओं का माहौल नहीं दिया जाए।

अभी तक पता नहीं चल पाया है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इन महिला डॉक्‍टरों के इस्तीफे के फैसले के बाद क्या कार्यवाही है

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