: संस्थान की अरबों रूपयों वाली सारी सम्पत्ति हड़प कर संस्थापक की पत्नी व बेटियों को बेघर-बार कर दिया था आला भाजपा नेता के पुत्र ने : सरकारी खजाने से जारी करीब 45 लाख रूपयों की छात्रवृत्ति की भारी-भरकम रकम हड़प लिया एमएलए अनुराग ने : अदालत के आदेश से पुलिस अब दोबारा जांच में जुटी :
श्वेतपत्र संवाददाता
लखनऊ : यह एक बड़े राजनीतिज्ञ के परिवार का मामला है। मामला के तहत प्रदेश भाजपा के एक पूर्व अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह के बेटे और मिर्जापुर के चुनार विधानसभा से विधायक चुने गये अनुराग सिंह और उनकी पत्नी ने उन्हीं लोगों के परिवार को उनके घर से बाहर निकाल दिया, जिनको शरण दी थी संस्थान के मालिक ने। मामला था अरबों रूपयों की सम्पत्ति का, जिसे हड़पने की सारी साजिशें उसी दौरान पूरी हो गयीं, जब संस्थान के मालिक की मृत्यु हुई। उसके धोखाबाजी का मुकदमा दर्ज हुआ, लेकिन पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई ही नहीं की। नतीजा यह हुआ कि पीडित परिवार ने अब कोर्ट की कुण्डी खटखटायी, और यह मामल अब फिर नये तरीके से उधड़ना शुरू हो गया है।
घटनाक्रम के अनुसार मुम्बई के एक बड़े बिल्डर ओपी चौधरी ने अपनी सारी सम्पत्ति लाकर लखनऊ में एक डेंटल कालेज की स्थापना की थी। कालेज का नाम रखा गया कि सरदारपटेलडेंटल कालेज। बाद में चौधरी ने कई अन्य कालेजों की स्थापना करायी, जिसके समूह का नाम रखा था कि ओपी चौधरी एजूकेशनल ट्रस्ट। चूंकि उस वक्त चौधरी की कई मित्रों की जरूरत थी, इसलिए उन्होंने भाजपा के एक नेता और घनिष्ठ मित्र ओमप्रकाश सिंह व उनके बेटे वगैरह को उस कालेज की कार्यकारिणी में शामिल किया।
अचानक चौधरी की मृत्यु हो गयी। चौधरी के करीबियों का कहना है कि अनुरागसिंह ने कागजों में हेरफेर करके भारी घोटाले किये और सारी की सारी सम्पत्ति को अपने कब्जे में रख लिया। चौधरी की दो बेटियों और उनकी पत्नी तक को घर से बाहर निकाल कर दिया गया। कार्यकारिणी से भी उन सभी को हटाया गया, ताकि कोई चूं भी कर सके। उनकी सारी सम्पत्ति अनुराग के कब्जे में चली गयी। ऐसे में चौधरी की दोनों बेटियां और उनकी पत्नी दर-दर की ठोकरें खाती घूम रही हैं।
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विधवा की जागीर बनाम भाजपा विधायक अनुराग सिंह
सूत्र बताते हैं कि भाजपा विधायक अनुराग सिंह पर पूर्व में भी मोहनलालगंज कोतवाली में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। वर्ष 2011 में डॉ. ओपी चौधरी की पत्नी रामदुलारी ने अनुराग और उनकी पत्नी स्नेहलता के खिलाफ धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। लेकिन हैरत की बात है कि इस मामले में पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी। आरोप है कि इस में भारी रकम की लेनदेन की गयी थी।
हालांकि न्यायालय के आदेश पर पीजीआइ पुलिस इसकी फिर से विवेचना कर रही है। विवेचक दारोगा धर्मवीर सिंह के मुताबिक मोहनलालगंज पुलिस ने मामले की विवेचना की थी। न्यायालय से इसकी दोबारा जांच के निर्देश मिले हैं, जिसका आदेश एक सप्ताह पूर्व प्राप्त हुआ था। इस मामले में राम दुलारी ने अनुराग और स्नेहलता पर डॉ. ओपी चौधरी एजूकेशनल ट्रस्ट और जमीन को खुद के नाम करने का आरोप लगाया था। इस मामले में कोर्ट के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज की गई थी।