यह डांस-गर्ल्स की जीत है और सरकार पर तमाचा

बिटिया खबर

8 साल की एकजुट लड़ाई जीत लिया बार गर्ल्स ने

: दलील थी कि हम अश्लील नहीं, यह राइट ऑफ एक्सप्रेशन है : 75 हजार से ज्यादा लड़कियां रोजी-रोटी कमाती थीं ऐसे डांस-बार में : डेढ लाख से ज्यादा कर्मचारियों की रोजी बर्बाद हो गयी थी :

नई दिल्ली : अब शुचितावादी भले ही यह कहते रहें कि बार गर्ल्स के धंधे में समाज में गंदगी फैलती जा रही थी, लेकिन हकीकत यह भीतो है कि महाराष्ट्रा की करीब 75 हजार बार गर्ल्स ने करीब 8 साल की लड़ाई के बाद अपनी रोटी-रोजी जीत ली है। अकेले मुम्बई में भी ऐसे डांस बार की संख्या साढ़े सात से ज्यादा है। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय का कहना है कि ऐसे बार के लिए दोबारा नये तौर पर लाइसेंस बनवाया पड़ेगा, लेकिन इसे भी बार गर्ल्स अपनी जीत मान रही हैं।

इन बार बालाओं ने दो दलीलें दीं कि ये हमारी रोजी रोटी है. राइट ऑफ एक्सप्रेशन है. हम अश्लीलता नहीं फैला रहे हैं. हमने इसे न छीना जाए. ये हमारा संविधान का रोजगार हासिल करने का हक है.कोर्ट ने इन दलीलों को सुनने के बाद बार बालाओं के पक्ष में फैसला दिया और सरकार को निर्देश दिया कि वह लॉ एंड ऑर्डर दुरुस्त रखने के लिए काम करे और अश्लीलता पर निगरानी रखने के लिए कोई व्यवस्था कायम करे.

महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। पाबंदी के बाद करीब 75 हजार बार बालाएं बेरोजगार हो गईं थीं। इंडियन होटेल एंड रेस्टुरेंट एसोसिएशन, के लीगल चेयरमैन अनिल गायकवाड के मुताबिक वो इस फैसले से बहुत खुश हैं। उन्होंने बताया कि हजारों लोग बेरोजगार हो गए थे। डांस बार बंद होने से बार डांसर्स गलत कामों में जाने के लिए मजबूर हो गईं थीं। मालूम हो कि पूरे महाराष्ट्र में 700 डांस बार थे।

2005 में जब डांस बार पर पाबंदी लगी थी तो मुंबई के आजाद मैदान में हजारों बार वर्कर्स और डांसर्स ने प्रदर्शन किया था.फैसला आने के बाद इस पेशे से जुड़ी रही कुछ लड़कियों ने आज तक से कहा कि ज्यादातर लोग तो दूसरे धंधों में लग गए हैं. कई लड़कियां कहीं और चली गई हैं. उधर डांस बार मालिक रहे कारोबारियों ने कहा कि पुराने लोगों को लाना तो मुश्किल होगा. वैसे भी रजिस्ट्रेशन और दूसरी कानूनी प्रक्रिया में अभी वक्त लगेगा.

अप्रैल 2005 में मुंबई के डांस बार पर पहली बार प्रतिबंध लगा था. एक अनुमान के मुताबिक तब शहर में 700 से ज्यादा डांस बार चल रहे थे.हालांकि इनमें से आधे ही लाइसेंस लेकर काम कर रहे थे. जितने डांस बार पूरी मुंबई में थे, बाकी महाराष्ट्र में भी उतने बार नहीं थे. मुंबई के अलावा पूरे सूबे में लगभग 650 डांस बार थे. बताया जाता है कि इस इंडस्ट्री में लगभग डेढ़ लाख लोगों को रोजगार मिलता था. इनमें से आधी बार बालाएं थीं.

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