बापू ने कल ही खूब बखान किया था रक्षाबंधन का

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आध्यात्म गुरू के दावे ढकोसला साबित करते हैं बच्ची के आंसू

बैंगलोर : एक बार फिर से आध्यात्म गुरूओं के चरित्र पर शक पैदा होने लगा है. एक बार फिर से लगने लगा है कि आध्यात्म के नाम पर केवल ढकोसले का आवरण ओढ़ा जाता है। ऐसा शक इसलिए पैदा हुआ है क्योंकि एक बार फिर से देश के चर्चित आध्यात्मिक गुरुओं में से एक आसाराम बापू पर देश की किसी बेटी ने संगीन आरोप लगाये हैं और रो-रो कर अपने अस्मत के लिए इंसाफ मांगा है।

बताते चलें कि दिल्ली पुलिस के मुताबिक आसाराम बापू पर एक नाबालिग लड़की ने यौन हमले का मामला दर्ज कराया है। पुलिस के अनुसार नाबालिग लड़की ने बताया है कि आसाराम बापू और उनके चेलों ने मिलकर उसके साथ राजस्थान के आश्रम में यौन-शौषण किया है। यौन शोषण से पहले आसाराम बापू के 10 विवाद कितनी अजीब बात है कि यह मामला उस दिन सामने आया जिस दिन देश में रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जा रहा है। आज के दिन देश की बहनें अपने भाईयों की कलाई पर धागा बांधकर उनसे अपनी रक्षा का वचन लेती है। और तो और इस दिन की महिमा का बखान आसाराम बापू ने खुद किया है।

अपने आश्रम की वेबसाइट SantShriAsharamjiAshram.com में उनका लेख प्रकाशित हुआ है जिसका शीर्षक है ‘कर्मबंधन से बचाये रक्षाबंधन’। जिसमें उन्होंने लिखा है कि ‘यूँ तो रक्षाबंधन भाई-बहन का त्यौहार है, भाई-बहन के बीच प्रेमतंतु को निभाने का वचन देने का दिन है, अपने विकारों पर विजय पाने का, विकारों पर नियंत्रण पाने का दिन है एवं बहन के लिए अपने भाई के द्वारा संरक्षण पाने का दिन है लेकिन विशाल अर्थ में आज का दिन शुभ संकल्प करने का दिन है, परमात्मा के सान्निध्य का अनुभव करने का दिन है, ऋषियों को प्रणाम करने का दिन है। भाई तो हमारी लौकिक संपत्ति का रक्षण करते हैं किंतु संतजन व गुरुजन तो हमारी आध्यात्मिक संपदा का संरक्षण करके साधना की रक्षा करते हैं, कर्म में कुशलता अर्थात् अनासक्ति और समता में स्थिति कराकर कर्मबंधन से हमारी रक्षा करते हैं।’ आसाराम बापू ने लिखा है कि भाई तो हमारी लौकिक संपत्ति का रक्षण करते हैं किंतु संतजन व गुरुजन तो हमारी आध्यात्मिक संपदा का संरक्षण करके साधना की रक्षा करते हैं.. तो क्या वही आसाराम बापू नाबालिग लड़की का योगसाधना के नाम पर यौन-शोषण करके उसका संरक्षण कर रहे थे।

यह सवाल इसलिए क्योंकि दिल्ली पुलिस ने कहा है कि लड़की का पुरजोर दावा है कि उनके आश्रम में उसका कई दिन तक यौन शोषण हुआ। यौन शोषण करने वालों में उसने आसाराम बापू का भी नाम लिया है। यह लड़की जोधपुर में स्थित आसाराम बापू के गुरुकुल में ही रहकर पढ़ाई कर रही थी। उसने पुलिस को बताया कि बापू ने उसे आश्रम में बुलाकर उसके साथ गलत काम किया। तो क्या आसाराम बापू अपने कर्मों से पीड़ित को किसी बंधन में बांधने की कोशिश कर रहे थे? अगर आरोप लगाने वाली लड़की बालिग होती तो ऐसा सोचा जा सकता था कि वह किसी मतलब के तहत आसाराम बापू को बदनाम कर रही है लेकिन शिकायत वाली बच्ची को नाबालिग है, उसकी किसी से क्या दुश्मनी होगी? वह तो गुरूकुल में शिक्षा लेने गयी थी जहां उसके साथ कुकर्म हो गया।

फिलहाल मामले की जांच हो रही है देखते हैं आसाराम इस बार अपने आरोपों से कैसे बरी होते हैं? क्योंकि यह कोई पहला मौका नहीं है जब उन पर इस तरह के आरोप लगे हैं, इससे पहले भी कई बार उन पर इस तरह के संगीन आरोप लग चुके हैं। और अगर बार-बार एक ही व्यक्ति पर  इस तरह का आरोप लगे तो इंसान के दिल में व्यक्ति के लिए शक पैदा होना लाजिमी है।

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