बधाई हो बनियों ! तुमने खरीद लिया पूर्वांचल बिजली निगम

दोलत्ती

: “देश न बेचने का संकल्‍प” तेज, पूर्वांचल बिजली निगम की बिक्री फाइनल : निजीकरण अभियान के तहत अडानी और टाटा को थमायेंगे जाएंगे टुकड़े :

कुमार सौवीर

लखनऊ : उप्र पूर्वांचल विद्युत निगम के खात्‍मे की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। अब यह निगम निजी हाथों में बेंच दिया जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं है कि यह पूरा निगम ही किसी एक कारपोरेट-घराने को थमाया जाएगा। बल्कि निगम के निजीकरण अभियान के तहत पहले तो इस निगम को तीन टुकड़ों में बांटा गया है। इसके बाद उसे बड़े व्‍यावसायिक घरानों के हाथों में दे दिया जाएगा। खबर है कि इसके लिए बाकायदा निविदाएं मांगी जा चुकी हैं।

ज्ञातव्‍य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले चुनाव अभियान ही नहीं, बल्कि अपने पहले कार्यकाल की शुरूआत में ही यह ऐलान कर दिया था कि चाहे कुछ भी हो जाए, लेकिन इस देश को वे बेचने नहीं देंगे। लेकिन इसके बावजूद देश के विभिन्‍न व्‍यावसायिक उपक्रमों की बिक्री की प्रक्रिया इसी मोदी सरकार ने सबसे ज्‍यादा तेजी में शुरू की और उसे निजी हाथों तक बेचने का संकल्‍प तेज कर दिया। इतना ही नहीं, रेल जैसे उपक्रम तक को बेचने की शुरुआत हो चुकी है। बताते हैं कि यह बिक्री का अभियान सभी सरकारी उपक्रमों को निजी औद्योगिक घरानों को पहुंचाया जाना है। उप्र पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम इसी “देश नहीं बेचूंगा” संकल्‍प-अभियान का ताजा ठोस कदम माना जा रहा है।

आपको बता दें कि सन-2000 के पहले तक यूपी की बिजली का पूरा काम उप्र राज्‍य विद्युत परिषद सम्‍भालता था। लेकिन सरकार ने सन-2000 यानी बीस बरस पहले सरकार ने यह उप्र राज्‍य विद्युत परिषद का विकेंद्रीकरण दिया था। नयी व्‍यवस्था के मुताबिक यूपी में बिजली का पूरा काम चार निगमों और दो निजी औद्योगिक घरानों को थमा दिया गया था। यह बंटवारा प्रदेश को अलग-अलग इलाकों में क्षेत्रवार किया गया। इनमें मध्‍यांचल वितरण निगम, पश्चिमांचल वितरण निगम, पूर्वांचल वितरण निगम और दक्षिणांचल वितरण निगम के तौर पर हुआ। जबकि आगरा शहर की बिजली व्‍यवस्था को फ्रेंचाइजी के तौर पर गुजरात की एक कम्‍पनी को सौंपा गया, लेकिन नोएडा को पूरी तरह गोयनका घराने को पूरी तरह सौंप दिया गया था। इसके अलावा भी कई अन्‍य निगमों को भी बिजली के विभिन्‍न कार्य के अनुरूप गठित किया गया था।

लेकिन अचानक अभी एक महीना पहले ही मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की अध्‍यक्षता में केंद्रीय विद्युत सचिव के अलावा प्रदेश के बिजली मंत्री श्रीकांत और बिजली विभाग के प्रमुख सचिव अरविंद कुमार के साथ एक बैठक में तय किया गया कि यूपी की बिजली व्‍यवस्‍था को अब निगमों के बजाय सीधे बिजनेस घरानों को बेंच दिया जाए। लेकिन शुरुआत के तौर पर फिलहाल इस कार्रवाई की कुल्‍हाड़ी पूर्वांचल विद्युत निगम की गर्दन पर खचाक से मार दी गयी। यह प्रस्‍ताव रखा था प्रदेश विद्युत सचिवालय और मंत्री ने केंद्रीय बिजली सचिव के संयुक्‍त प्रस्‍ताव पर। बताते हैं कि मुख्‍यमंत्री योगी ने इस प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी।

इसके बाद से ही पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम को तीन टुकड़ों में बांट कर उसको बेचने की कवायद शुरू कर दी। सूत्र बताते हैं कि निजीकरण की इस बंटवारा प्रक्रिया में पूर्वांचल के 21 जिलों को शामिल किया गया। इन तीन टुकड़ों में गोरखपुर और बस्‍ती, आजमगढ़ और बनारस के साथ ही साथ इलाहाबाद और मिर्जापुर के मंडलों को शामिल किया।

इस कवायद के साथ ही इन तीनों टुकड़ों को बेंचने के लिए विभिन्‍न औद्योगिक घरानों से बाकायदा निविदाएं मांगी जा चुकी हैं। इस में उच्‍छुक व्‍यवसायिक घरानों की क्षमता और उनकी शर्तों का ब्‍योरा आमंत्रित किया गया है। लेकिन विश्‍वस्‍त सूत्रों का कहना है कि यह केवल औपचारिकता ही है। एक विश्‍वस्‍त सूत्र ने अपना नाम नहीं प्रकाशित करने का अनुरोध करते हुए खुलासा किया कि हकीकत तो यही है कि यह तीनों टुकड़े सिर्फ गौतम अडानी और टाटा घराने को थमाया जाएगा।

1 thought on “बधाई हो बनियों ! तुमने खरीद लिया पूर्वांचल बिजली निगम

  1. मुझे लगता है देश के प्रधान सेवक ने शायद चुनावी महासमर के भंवरजाल में देशवासियों को गुमराह करने के नजरिए से इमोशनल ड्रामेबाजी के तहत वोट बटोरवा बयानबाजी की होगी जिसमें…. यह देश नहीं बिकने दूंगा संबंधी नारा सिर्फ और सिर्फ जुमला ही रहा होगा। बल्कि यह कहना कतई भी गलत नहीं मानता कि हकीकत में उनके मन में ख्वाहिश शायद यही रही होगी कि ….देश हम ही बेचेंगे … देशवासियों के लिए नहीं छोड़ेंगे….!!!!
    नि:संदेह ! आज प्रधान सेवक के मन की ख्वाहिश हकीकत में तब्दील होते हुए दिखाई पड़ रही है…. बावजूद इसके भाई यह देश कैसे बढ़ रहा है हमारी तो समझ से परे है….!!!🤔🤔🤔😞😞😞

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