अकेली औरत से मजा, पर सड़क पर खिल्‍ली उड़ाता है मर्द

सैड सांग

: लखनऊ के कपूरथला वाली मॉडल-शॉप पर मर्दों ने युवती की पिटाई की, कपड़े फाड़े थे : मौका मिल जाए तो खिल्‍ली उड़ाने का सामान बन जाती है औरत : इस वीडियो को देखिये, जिसमें मददगार एक नहीं, मजाक उड़ाने वाले पचासों मौजूद : उफ्फ, मर्दों के बीच कितनी असहाय हो जाती है औरत :

कुमार सौवीर

लखनऊ : दोस्‍त। अब यह अलग शोध का विषय यह है कि पुरूष की इस सफलता में स्‍त्री की सफलता भी सन्निहित होती भी है या नहीं।

लेकिन जब कोई औरत सार्वजनिक तौर पर संकट में आ जाती है तो फिर मर्द का अंदाज बेहद शर्मनाक और मूक-दृष्‍टा हो जाता है। फिर यह लगता ही नहीं कि वह पुरूष हैं और स्‍त्री के प्रति उनका कोई सामाजिक या मानवीय भाव भी है। ऐसे में जब उस औरत के आसपास मर्दों की भीड़ देखता है तो फिर उस औरत की खिल्‍ली उड़ने लगती है।

मुझे याद है कि कोई 7 साल पहले लखनऊ के कपूरथला इलाके में शराब की एक मॉडल-शॉप में एक युवती शराब खरीदने पहुंच गयी। फिर क्‍या था। वहां खड़े सारे नशेडि़यों ने उसे घेर लिया। उन्‍हें लगा ही नहीं कि वह युवती कोई इंसान है और उसे भी अपने हिसाब से जीवन व्‍यतीत करने का अधिकार है। लेकिन नहीं, मर्दों की भीड़ में वह औरत एक खिलाना बन गयी। पहले तो उसे छूने-पकडने की कोशिश हुई, उसने ऐतराज किया तो उसे रंडी-छिनाल तक कह दिया। और जब वह युवती सख्‍ती से बोली तो उसे उन शराबखोरों ने सरेआम पीट दिया, उसके कपड़े फाड़ दिये।

यह दीगर बात है कि लखनऊ के बड़े होटलों में भी महिलाएं शराब पीती हैं, लेकिन बाजार में किसी औरत का ऐसा व्‍यवहार लखनऊ में मुमकिन नहीं। नोएडा-दिल्‍ली-गुड़गांव जैसे बड़े महानगरों की बात अलग है।

90 फीसदी मर्द शराब पीते हैं। उनमें से आधे से ज्‍यादा लोग बहुत पीते हैं और 10 फीसदी लोग तो नशे में बवाल-बवंडर करने में लगते हैं। लेकिन अगर कोई युवती ऐसा कर बैठे तो मर्दों की मर्दानगी पर ठेस लगती है।

आइये, इस वीडियो को देखिये। यह वीडियो मुझे मेरे एक मित्र ने ह्वाट्सअप पर भेजा है।

देखिये न, कि इस वीडियो में नशे में धुत्‍त एक युवती को सहारा देने के बजाय उसे रूसवा करने की साजिशें कर रहा है मर्द-समाज। सलाह सब दे रहे हैं कि इस धुत्‍त युवती को आटो में ले जाओ, लेकिन उसे आटो बुलाने की कोशिश नहीं कर रहा है। उधर उस युवती की मित्र परेशान है कि वह आटो को बुलाये या फिर अपनी इस धुत्‍त सहेली को सम्‍भाले। यह संकट भी तो है उस युवती के सामने है कि वह यह भी नहीं चाहती कि मामला पुलिस में जाए, और फिर उसका बवाल और बढ़ जाए। और इससे भी बड़ी बात यह है कि वहां खड़े लोग उसकी मदद करने के बजाय उस हादसे को दिलचस्‍प क्षेपक के तौर पर उसकी वीडियो बनाने पर आमादा है और उस परेशान युवती की भी फोटो को क्‍लोजअप में कैद करना चाहते हैं। कहने की जरूरत नहीं कि वह युवती नहीं चाहती कि उसकी फोटो-वीडियो वायरल हो जाए। (क्रमश)

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