आगे बढ़ती औरत नरेश-आजम जैसों को रंडी लगती है

सैड सांग

: स्‍वाति सिंह भगवाई थी तो भाजपाइयों का खून खौल पड़ा, लेकिन जया भादुड़ी पर बेशर्म खामोशी अख्तियार किये हैं भाजपा के लोग : जयाप्रदा को तो बाकायदा रंडी-तवायफ करार देते घूम रहा था रामपुर का खिलजी आजम खान : कल जयाप्रदा ने अपना मुंह खोला, तो अपनी मांद में घुस गया आजम खान :

कुमार सौवीर

लखनऊ : अपनी खोखली मर्दानगी पर तनिक भी खरोश हो जाती है, तो पाखंडी मर्दानगी का नंगा नाच शुरू हो जाता है। महाभारत में कौरव की भरी सभा में कौरव इतना खफा हो गये कि अपने घर बैठी द्रौपदी को खींच कर घसीटा और सीधे भरी सभा में नंगा कर डाला। महाभारत में भी यही हुआ था, और अब कलियुग में भी आजकल यूपी की राजनीति में चल रहा है। करीब दस बरस पहले कौरवों का यह घटिया प्रदर्शन रामपुर में हुआ था, और अब वही दरबार का घिनौना नजारा हरदोई से लेकर लखनऊ तक में चल रहा है। महाभारत में जिस द्रौपदी नामक औरत को नंगा करने की साजिशें चल रही थीं, कलियुग में उसी औरत को जयाप्रदा और जय भादुड़ी को सरेआम नंगा किया जा रहा है। दु:शासनों की तादात बेहिसाब है।

अपनी हार पर बर्दाश्त नहीं कर पाते और औरत को नंगा करते हैं बड़े नेता। अभी कल जया भादुड़ी को समाजवादी पार्टी ने चौथी बार राज्यसभा की कुर्सी थमा दी, तो समाजवादी पार्टी का सबसे बड़ा बहादुर मर्द अपनी मर्दानगी छोड़ कर नामर्दी पर उतर आया। हरदोई के इस नामर्द नरेश अग्रवाल सपा के इस फैसले से न केवल बिफर गया, बल्कि उसने पार्टी छोड़ दी और सीधे भाजपा की गोद में दुबक गया। इतना ही नहीं, नरेश अग्रवाल ने जया भादुड़ी को नचनिया औरत के तौर पर नवाज लिया।

और हैरत की बात है कि अपने उपाध्‍यक्ष दयाशंकर सिंह की पत्‍नी स्‍वाति सिंह को लेकर तो भाजपाइयों को आग भड़क गयी थी। वजह यह कि स्‍वाती भगवाई थी, तो भाजपाइयों का खून खौल पड़ा। लेकिन जया भादुड़ी पर बेशर्म खामोशी अख्तियार किये हैं भाजपा के लोग, यह ताज्‍जुब है।

जया भादुड़ी का नाम अभिनय से लेकर राजनीतिक गलियारों तक में खासा मशहूर है। हालांकि इसके पहले जया भादुड़ी ने सोनिया गांधी और राजीव गांधी को लेकर बेहद बेहूदा अभियान छेड़ा था लेकिन इसके अलावा कोई भी एक ऐसा मौका नहीं आया है जिसमें जया भादुड़ी ने कभी अपनी हल्केपन का प्रदर्शन किया हो या उन पर कोई घटिया आरोप लगे हैं। लेकिन जैसे ही जया भादुड़ी को राज्यसभा भेजने का फैसला हुआ, हरदोई के पहलवान नरेश अग्रवाल के पांव तले जमीन खिसक गई। उन्होंने इस हार को अपनी निजी हार मानने के बजाय जया भादुरी पर ही अपने आक्रोश निकालना शुरू कर दिया। बताते हैं कि अपनी हार का ठीकरा नरेश अग्रवाल ने जया भादुरी पर फोड़ दिया। बताते हैं कि यह तक बयान जारी हो गया कि एक नचनिया के लिए नरेश जी जैसे महान नेता के भविष्य को समाजवादी पार्टी ने दांव पर लगा दिया।

यह पहला मौका नहीं है जब बड़े नेताओं ने अपने हार को बर्दाश्त करने के बजाय अपनी घिनौनी मानसिकता का प्रदर्शन किया रामपुर के महाराजा आजम खान इस मामले में सबसे घटिया साबित हुए।  पूर्व लोकसभा सांसद जयाप्रदा से लेकर आजम खान ने जो जयाप्रदा के खिलाफ चरित्र हनन का घिनौना प्रदर्शन छेड़ा था, वह वाकई किसी भी नेता या राजनीतिक दल पर एक करारा तमाचा से कम नहीं था। बताते हैं कि आजम खान ने जयाप्रदा को रंडी तक कह दिया था। ऐसी रंडी विरोध कई लोगों के साथ मदनोत्सव करती है।

लेकिन जयाप्रदा अपने साथ हुए आजम खान के ऐसे लैंगिक हमले से तिलमिला तो गयी थी, लेकिन उस वक्‍त लगातार खामोश ही रही। मगर हाल ही अपनी भड़ास पीड़ा का इजहार किया है जयाप्रदा ने । जया ने तुलना आजम खान की खिलजी के चरित्र से की है और कहा है कि दिल्ली की तरह आजम खान ने पूरे चुनाव के दौरान उन्हें इस तरह परेशान किया। उन पर गंदे आरोप लगाए और उनके अश्लील चित्र तक बनवा दिए गए।

जया प्रदा लिखती हैं कि जब मैं चुनाव लड़ रही थी तो आजम खान ने ठीक उसी तरह मुझे परेशान किया, जिस तरह घटिया शख्स कर सकता था। बावजूद इसके कि जयाप्रदा ने आजम खान को अपना भाई कहते हुए बाकायदा राखी तक भेजी थी। लेकिन आजम के दिमाग में भाई जैसा कोई रिश्‍ता ही नामौजूद था। हैरत की बात है कि जयाप्रदा की इस प्रतिक्रिया के बाद आजम खान लगता है कि अपने बिल में घुस गये हैं। बात-बात पर बराक और ट्रम्‍प तक को यूपी के मसले फारवर्ड करने वाले आजम ने इस मसले पर कोई भी टिप्पणी नहीं की। इसकी वजह भी है। योगीराज में मोदी आजम खान के दोनों पैर दोनों हाथ और गर्दन तक भ्रष्टाचार के मामले में फंस चुके हैं, जमीन घोटाले में आजम पर 10 से ज्यादा मुकदमे दर्ज कर दिए गए हैं। हालत यह है कि सपा सरकार में दिग्विजय विजेता रहे आजम खान आज अपने ही बिल में कूं-कूं की तरह कुंकुंआते दीख रहे हैं।

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