‘भद्र-शालीन’ घरों की महिलाओं की प्रतिनिधि करती हैं मधु
: खूब गोते लगाये तालाब में, और अब गले में फंस गयी कंटिया : 18-19 साल का चूजा नहीं, लड़की होती है मधु जी : चूजावाला मंत्री खुद ही नम्बरी लम्पट-टुच्चा है :
कुमार सौवीर
लखनऊ : ( गतांक से आगे ) जाहिर है कि अगर तमाचा नहीं पड़ता तो मधु की सारी आस भी नहीं टूटती। आस टूटी तो मधु औंधेमुंह धड़ाम हो गयी। अब उसे जरूरत थी खुद को संतुष्ट करने की। सो, उसने वही किया जो इस बारे में वह पहले ही सोच चुकी थी।
शातिराना अंदाज में उसने पूरे प्रकरण के पहले ही चूजावाले मंत्री की बातचीत को फोन पर टेप रखा था। चूजावाले मंत्री की हर अभद्र-अश्लील बातों पर वह रूचि से भड़काती रही, कि पूरा मामला उसके फोन पर समाता रहे। उसमें वह सफल रही, कि चूजावाला मंत्री खुद ही नम्बर का लम्पट था। जैसा कि ऐसे टुच्चे नेता करते ही रहते हैं। मधु ने जाल फेंका और चूजावाला मंत्री उसमें फंस गया। अब चूजावाला मंत्री उसकी साजिशों से बेखबर था इसीलिए वह गच्चा खा गया।
लेकिन जब मधु सीधे-सीधे उसे ब्लैकमेल करने पर आमादा हो गयी, तो उसने भरी मीटिंग में उसकी बांहें खींचीं और एक जोरदार तमाचा उसके गाल पर रसीद कर दिया। और अब नतीजा यह कि मधु ने अब चूजावाले मंत्री के खिलाफ अब शुक्रवार से अनशन छेड़ने का फैसला किया है।
खैर, आइये हम सीधे मधु पांडेय से ही पूछ लेते हैं कि जब चूजावाला मंत्री की करतूतों से वह अवगत थी, फिर क्यों उसके साथ बगलगीर बनती रहीं। क्या वजह है कि वह चूजावाला मंत्री मधु से चूजा सप्लाई करने की बात शुरू करता है, कैसे उसे इतनी हिम्मत हो जाती है कि वह आपसे यानी एक बेहद शालीन और भद्र महिला से चूजा उपलब्ध कराता है।
मधु पांडेय जी,आप क्या तब नहीं पता चलता है जब वो चूजावाला मंत्री आपसे 18-19 साल का चूजा मंगवाता है। क्या आपको तब भी इलहाम नहीं हो पता है कि 18-19 साल का चूजा नहीं, लड़की होती है और वह लडकी आपकी बेटी के बराबर ही होती है। फिर आपने उस चूजाखोर को करारा जवाब क्यों नहीं दिया, जब आप खासी शालीन-भद्र महिला हैं।
मधु पांडेय जी, दरअसल आप जानती थीं कि चूजा का मतलब क्या होता है, और आपने केवल उस चूजावाले मंत्री को फांसने के लिए ही पूछ लिया था कि चूजा का मतलब होता है। खैर, आप तो शालीन और भद्र महिला हैं और खानादानी शरीफ परिवार की सम्मानित महिला हैं, लेकिन आपने उस समय ऐतराज क्यों नहीं किया कि जब उसने, आपके शब्दों में, कामुक तरीके से ठठाकर और पूरी बेशर्मी के साथ जवाब दिया था कि:- आपको खूब पता है कि चूजा का मतलब क्या होता है। क्या तब भी आप नहीं समझ पायीं कि वह चूजावाला मंत्री क्या चाहता था। अब आप जैसी भद्र और शालीन महिला इन चूजों का इस्तेमाल चिकन-सूप के लिए तो नहीं ही करेगी। मैं ठीक कह रहा हूं ना मधु पांडेय जी। है कि नहीं।
अरे आप किसको मूर्ख बना रही हैं मधु पांडेय जी। जब तक मछली की तरह पानी में खेल रही थीं आप, न जाने कितना पानी इसी दौरान आप पी चुकी थीं, न जाने कितने गैलन पानी की जरूरत थी आपको पति को नौकरी दिलाने के लिए, इसके लिए न जाने कितने कीड़े-मकौड़े टाइप चूजों को आप सप्लाई कर सकीं या कितने की सप्लाई करने की मूड में थीं, इनका हिसाब तो आप को ही देना है। वजह यह कि इस समय आपके गले में चूजावाले मंत्री का कांटा फंस चुका है। आज न सही, हकीकत मिल ही जाएगी। इंशा अल्ला
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष व श्रम संविदा कल्याण बोर्ड के चेयरमैन चूजावाला मंत्री यानी चौधरी रामबाबू यादव के खिलाफ सपा से बर्खास्तशुदा नेत्री मधु पांडेय ने मोर्चा खोल दिया है। औरया में शुक्रवार से मधू पांडेय शहीद पार्क पर गांधी प्रतिमा के नीचे अनशन पर बैठेगी। सपा नेत्री का कहना है कि इस मान सम्मान की लड़ाई में वह पीछे नहीं हटेगी। सपा जिलाध्यक्ष ने उनके साथ जो अभद्रता और मर्यादा की हदें पार की हैं उसका जवाब देना होगा। प्रशासनिक अमले को भी इस पर कार्रवाई करनी होगी अगर ऐसा न हुआ तो वे अनशन को आमरण अनशन में बदलेगी।
मधु तर्क दे रही हैं कि एक जून को पार्टी कार्यालय में कानपुर में पिछड़ा वर्ग के सम्मेलन की रणनीति बन रही थी। उसी दौरान सपा नेत्री मधू पांडेय ने कार्यकर्ताओं को ले जाने के लिए बस की मांग की थी। उनकी इस मांग का जिलाध्यक्ष चौधरी रामबाबू यादव ने विरोध किया था। इसके बाद बेहद गहमागहमी भरा माहौल पार्टी कार्यालय में कायम हो गया। सपा नेत्री का आरोप है कि बैठक के दौरान उनके साथ मारपीट की गई। इधर पार्टी जिलाध्यक्ष ने अनुशासनहीनता को आगे कर मधू पांडेय को प्रदेश महिला प्रकोष्ठ कार्य समिति के सदस्य पद से बर्खास्त कर दिया।
सपा नेत्री का कहना है कि एक जून से लगातार उनका मानसिक शोषण किया जा रहा है, 12 जून को उनके घर पर समझौते के लिए दबाव डाला गया न मानने पर जान से मारने की धमकी दी गई। 13 जून को जब भारत-भूटान समाजवादी यात्रा के पदाधिकारी देवकली गेस्टहाउस पर आए तो वहां यात्रा का नेतृत्व कर रहीं कालिन्द्री ने सपा नेत्री को बातचीत के लिए बुलाया था। आरोप लगाया जा रहा है कि सपा जिलाध्यक्ष ने वहां पहुंचकर जमकर अभद्रता की। इधर पुलिस कप्तान को शिकायती पत्र देने के बाद भी कोई प्रशासनिक कार्यवाही नहीं हुई। सपा नेत्री का आरोप है कि समझौते को लेकर सपा जिलाध्यक्ष फोन पर धमकी दे रहे हैं। शुक्रवार से मान -सम्मान के लिए वह अनशन पर बैठेगी।
इस महिला ने अब अपनी जान को खतरा बताते हुए अधिकारियों से सुरक्षा की गुहार लगाई है. मधु पांडेय का आरोप है कि पति की नौकरी लगवाने के चलते वह मजबूर होकर चेयरमैन की बातों को सह रही थीं, लेकिन जब उन्होंने विरोध किया तो उन्हें ही पार्टी से निकाल दिया गया.( समाप्त )
कुमार सौवीर का यह लेख दो अंकों में प्रकाशित किया गया है। प्रस्तुत है पहला अंक। पहला अंक पढ़ने के लिए कृपया क्लिक करें:- चूजा वाला मंत्री बनाम चूजा-सप्लायर दलाल
यूपी सरकार के मानद मंत्री और औरया जिला समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष रामबाबू यादव की सारी करतूतों को यदि आप पढ़ना चाहें तो कृपया क्लिक करें:- मंत्री को चाहिए 18 साल की ‘चूजा’