आसाराम बापू: अब पुलिस की कार्रवाई संदिग्ध

सैड सांग

3 दिन बाद भी आसाराम बापू कानून की पकड़ से दूर

नई दिल्ली : एक नाबालिग बच्ची से बलात्कार के आरोपी आसाराम को यकीन है कि कोई उन्हें जेल नहीं भेज सकता। भले ही उनपर नाबालिग लड़की ने बलात्कार का आरोप लगाया हो। भले ही गैरजमानती धाराओं में उनपर केस दर्ज हुए हों। तीन दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस ने आसाराम से अबतक पूछताछ भी नहीं की है। आखिर पुलिस के हाथ आसाराम के गिरेबान तक क्यों नहीं पहुंच रहे? आखिर बलात्कार जैसे संगीन आरोप के बावजूद आसाराम को अब तक हथकड़ी क्यों नहीं लगाई गई?

जोधपुर से तकरीबन 20 किलोमीटर दूर एक फॉर्म हाउस में आसाराम के रहने के लिए आश्रम बना है। मणाई के इस फार्महाऊस के केयरटेकर और उसके मालिक ने IBN7 को बताया कि लड़की यहां 14 से 15 तारीख तक रुकी थी। पीड़िता के माता-पिता भी साथ थे। नाबालिग लड़की ने आरोप लगाया था कि आसाराम ने उसके साथ 15 अगस्त की रात को बलात्कार किया। और ये बलात्कार इसी मणाई के फार्म हाउस में मौजूद आश्रम में हुआ। फार्म हाउस के केयर टेकर और मालिक के मुताबिक आसाराम उस रात इसी फॉर्म हाउस में ही थे। आश्रम के मालिक का नाम विष्णु देवड़ा है। देवड़ा के मुताबिक पीड़िता अपने माता-पिता के साथ 11 से 16 तारीख तक यहीं रुके थे।

आसाराम इस आश्रम में बनी एक कुटिया में रुके थे। आसाराम के प्रवक्ता नीलम दुबे का दावा था कि आसाराम कभी अकेले नहीं होते। नीलम ने कहा था कि वो ऐसा कर ही नहीं सकते, वो अकेले होते ही नहीं। तो आखिर 15 अगस्त की रात, नाबालिग के आरोपों की माने तो उसके साथ बलात्कार की रात। आसाराम कहां थे। क्या वो भीड़ के साथ थे या फिर अकेले थे। इसका जवाब भी हमे केयर टेकर से मिला। उसके मुताबिक आसाराम एक अलग कुटिया में रहते हैं। और रात को वहां किसी का भी आना जाना मना है। यानि वहां सिर्फ आसाराम और उनका एक सेवादार ही रहता है। ये कुटिया खासतौर से आसाराम के लिए ही बनाई गई है। यहां कोई भक्त भी नहीं पहुंच सकता है।

IBN7 की पड़ताल में अब तक तीन बातें साफ हो चुकी थी। आसाराम 11 से 16 तारीख तक मणाई के फॉर्म हाउस में थे। नाबालिग लड़की भी अपने मातापिता के साथ 14 और 15 को इसी फॉर्म हाउस में थी। आसाराम के लिए अलग से कुटिया है। हमेशा उनके साथ भीड़ नहीं होती।

आरोप के मुताबिक 14 अगस्त को लड़की अपने माता-पिता के साथ मणाई के फॉर्म हाउस में आई थी। 15 अगस्त की रात को पीड़ित लड़की को अनुष्ठान के नाम पर माता-पिता से अलग दूसरी कुटिया में ले जाया गया और आसाराम ने यहां इसके साथ बलात्कार किया। उसे जान से मारने की धमकी दी। जुबान बंद रखने को कहा। बोलने पर छिंदवाड़ा में पढ़ने वाले उसके भाई और माता पिता को जान से मारने की धमकी भी दी गई।

आसाराम के प्रवक्ता ने उनके बचाव में काफी कुछ कहा है। उनका ये भी कहना है कि आसाराम जोधपुर के आश्रम में नहीं थे। लेकिन वो इस बारे में कुछ नहीं कह रहे हैं कि आखिर 11 से 16 अगस्त के बीच आसाराम मणाई के इस फार्म हाउस में थे या नहीं। मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि हो चुकी है। तो सवाल अब ये बचता है कि आखिर ये बलात्कार किया किसने? अगर वो आसाराम नहीं हैं तो फिर और कौन है? सवाल ये भी है कि लड़की सिर्फ आसाराम का ही नाम क्यों ले रही है?

मालूम हो कि अहमदाबाद में उनके आश्रम में दो बच्चों के मौत के मामले पर गठित कमीशन को ही उनका बयान लेने में चार साल लग गए। तो क्या इस केस का भी हश्र यही होगा। आरोप संगीन है। एक नाबालिग लड़की ने बलात्कार के आरोप लगाए हैं। आसाराम पर दिल्ली पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है उसमें धाराएं भी गंभीर लगी है। ये धाराएं गैरजमानती हैं। पुलिस ने आसाराम पर धारा 376 यानि यौन उत्पीड़न, धारा 342 यानि जबरन बंधक बना कर रखना, धारा 506 यानि जान से मारने की धमकी देना और पॉस्को यानि प्रोटेक्शन ऑफ चिल्डरेन अगेन्स्ट सेक्सुअल ऑफेन्स के तहत मामला दर्ज किया है। तो सवाल ये है कि आखिर पुलिस आसाराम की गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है?

पुलिस सूत्रों की माने तो वो उसके पास ये बहाना है कि आसाराम की गिरफ्तारी के बाद कानून व्यवस्था का सवाल खड़ा हो सकता है। उसे आसाराम के समर्थकों के बवाल का डर है। लेकिन कानून इस डर से बड़ा है। दिल्ली में 16 दिसंबर को हुए गैंगरेप कि घटना के बाद पॉस्को यानि कि प्रोटेक्शन ऑफ चिल्डरेन अगेन्स्ट सेक्सुअल ऑफेन्स एक बनाया गया। याद दिला दें कि ये एक्ट आसाराम पर भी लगा है। इस एक्ट के अंतर्गत ये नियम है कि पीड़ित के बयान के बाद आरोपी की फौरन गिरफ्तारी होती है। और उसके बाद ये आरोपी की जिम्मेदारी होती है कि वो साबित करे कि वो बेगुनाह है। लेकिन आसाराम के मामले में अब तक ऐसा नहीं हुआ है।

जोधपुर पुलिस के पास लड़की की मेडिकल रिपोर्ट, मजिस्ट्रेट के सामने दिया गया बयान, एफआईआर की कॉपी समेत सभी रिकॉर्ड दिल्ली पुलिस से आ चुकी है। पीड़ित लड़की और उसके माता पिता भी जोधपुर पहुंच चुके हैं। आसाराम आश्रम भ्रम फैलाने वाले बयान दे रहा है। इन सब के बीच सवाल ये है कि आखिर कानून अपना काम कब करेगा?

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