जोधपुर के आश्रम समेत कई स्थानों पर छापामारी
: दिल्ली के कमला मार्केट पुलिस थाने पर दर्ज एफआईआर का जोधपुर पुलिस को सौंपा गया : छापामारी के दौरान यह बच्ची भी मौजूद रही : इसके पहले भी आश्रम में बरामद हो चुकी हैं दो बच्चों की लाशें :
जोधपुर : कथावाचक आसाराम बापू अब खुद एक रोचक कथा बनने की तैयारी में हैं। एक नाबालिग बच्ची से दुराचार के मामले में बापू आसाराम पर अब गिरफ्तारी की तलवार साफ तौर पर लटकती दिख रही है। नई खबर यह है कि जोधपुर में पुलिस की कई टीमों ने बुधवार देर रात और गुरुवार सुबह उनके जोधपुर आश्रम पर कई और ताबड़तोड़ छापे मारे हैं।
दरअसल, एक नाबालिग लड़की ने आसाराम पर यौन हमले का आरोप लगाते हुए दिल्ली में एफआईआर दर्ज कराई है, जहां से ट्रांसफर होकर यह मामला जोधपुर पहुंचा है, क्योंकि मामला आसाराम के जोधपुर आश्रम से ही जुड़ा हुआ है। छापे के दौरान पीड़ित लड़की भी पुलिस के साथ थी। उधर, आसाराम बापू की प्रवक्ता ने इस आरोप को गलत बताया है।
विवादों से पहले भी घिरे रहे कथावाचक आसाराम बापू के खिलाफ यह मामला तब सामने आया, जब 18 से 20 अगस्त तक दिल्ली के रामलीला मैदान में जारी आसाराम के समागम के दौरान यह बच्ची अपने पिता के साथ कमला मार्केट थाने पहुंची, और फिर वहीं उसकी शिकायत पर बलात्कार का मामला दर्ज किया गया।
बच्ची ने पुलिस को बताया कि छिंदवाड़ा के एक स्कूल में पढ़ती है, और 15 जुलाई को तबीयत खराब होने पर उसे जोधपुर लाया गया था। इसके बाद झाड़−फूंक से इलाज के बहाने आसाराम ने उसे कमरे में बंद किया, और उसके साथ बलात्कार किया। पुलिस ने लड़की का मेडिकल चेकअप कराया, जिसमें बलात्कार की पुष्टि हुई है। इसके बाद लड़की का बयान मजिस्ट्रेट के सामने भी दर्ज करवाया गया। पुलिस के मुताबिक मामला जोधपुर का है, इसलिए दिल्ली में ज़ीरो एफआईआर दर्ज की गई थी, और उसे जोधपुर पुलिस के पास भेजा गया है। आगे की जांच वहीं की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि यह पहला मौका नहीं है, जब आसाराम पर आपराधिक आरोप लगे हों। आसाराम, उनके बयान, और उनके आश्रम इससे पहले भी सवालों के घेरे में आते रहे हैं। आसाराम बापू ने पिछले साल दिसंबर में दिल्ली में हुए गैंगरेप को लेकर एक बयान दिया था, जिस पर काफी बवाल हुआ था। आसाराम ने उस समय कहा था कि गैंगरेप में लड़की भी कसूरवार थी, क्योंकि उसने बदमाशों को उन्हें भाई कहकर नहीं पुकारा।
हाल ही में होली के पर्व के समय भी उनके आश्रम में पानी की बरबादी को लेकर काफी सवाल उठे थे, और नौबत यहां तक पहुंच गई थी कि प्रशासन ने उनके आश्रम में पानी की सप्लाई ही बंद कर दी थी। वैसे, आसाराम पर सबसे गंभीर आरोप वर्ष 2008 में लगे था, जब उनके आश्रम के बाहर दो बच्चों की लाशें मिली थीं। वे दोनों बच्चे तीन दिन से आश्रम से ही गायब थे। इस विवाद के बाद आसाराम के भक्तों ने आश्रम के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ मारपीट भी की थी।
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