अरे बाप ! मोदी, शाह और अखिलेश की लोकप्रियता भी फर्जी ?

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: तिकड़मों के बल पर शाहंशाह, फर्जीवाड़ा वाला झाम फंसाने वालों में केजरीवाल अव्‍वल : ऐसी फेक-लोकप्रियता की दौड़ में बड़े घोड़ा साबित : राहुल गांधी का कामधाम बेहद संतुलित : ट्विटर की ऑडिट साइट ने खुले सचाई-झूठ के पत्‍ते :

प्रभात त्रिपाठी

लखनऊ : यह तो बाजार है साहब, धोखाधड़ी का मेला। पैसा फेंको, तमाशा देखो। जो सच हो, उसे झूठ साबित कर दो, और जो अव्‍वल झूठा-मक्‍कार साबित हो चुका हो, उसे भारत का सबसे बड़ा ईमानदार बनिया की कवायदें चल रही हैं। इसी शर्त पर चाहे कबूतर को कौवा साबित कर दो, या फिर राजहंस को बिलौटा-मुंहझौंसा बिलार। कूकुर को बाघ बनाने के लिए जुगत भिड़ाने की साजिशें हो रही हैं, तो कहीं-कहीं तक तो कोयल को भी टिटहरी साबित करने का माहौल सजाने की कोशिशें चल रही हैं। हमारे देश के   आप लोकप्रिय नेता मानते हैं, असल में वे फर्जी

पूरी दुनिया में फेक न्यूज़ और फेक व्यूज़ खूब चल रहे हैं। इसी कड़ी में ट्विटर पर फॉलोअर्स की लम्बी चौड़ी संख्या दिखाकर दुनिया को प्रभावित करने की कोशिशें भी दुनिया में सभी नेताओं द्वारा, कम्पनियों द्वारा की जाती रही हैं। कुछ पी आर कम्पनियां भी फॉलोअर्स बढ़ाने, रीट्वीट को बढ़ाने का ठेका लेती हैं। इसी कड़ी में इन फेक न्यूज़, फेक व्यूज़ और पेड पी आर का भंडाफोड़ करने की कोशिशें भी होती रही हैं। कई ट्रांसपेरेसी के लिए लड़ने वाले लोगों ने ऐसे प्रयासों को सहारा भी दिया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में 2012 में भी तथा 2016 में भी यह मुद्दा खूब उछला था। एक समय डेली मेल अखबार ने बराक ओबामा को फेक फॉलोअर्स का निर्विवाद शंहशाह भी बताया था। भारत में भी ट्विटर पर फॉलो करने वालों की गिनती को शक्ति प्रदर्शन की तरह दिखाया जाता रहा है। अक्टूबर 2013 में द हिन्दू में एक खबर छपी थी जिसमें स्टेटस पीपल डॉट कॉम के हवाले से नरेंद्र मोदी जी के 76 % फॉलोअर्स को फेक, 18% को इन एक्टिव और 8% को गुड कहा था। उस समय ट्विटर ऑडिट ने मोदी जी को 32% स्कोर किया था।

आज अक्टूबर 2017 में ANI ने राहुल गांधी के ट्वीट को खूब रीट्वीट किए जाने को लेकर दोपहर में खबर डाली और फेक फॉलोअर्स और पेड सर्कुलेशन का संदेह व्यक्त किया। उसके बाद अन्य खेमों के लोग भी पुनः सक्रिय हुए और अन्य नेताओं की रेटिंग निकाली जाने लगी। मजेदार बात यह रही कि राहुल गांधी की ट्विटर ऑडिट रेटिंग भाजपा और आआपा के नेताओं से बेहतर ही रही। लेकिन ट्विटर ऑडिट के अनुसार सारे ही हमाम में नंगे हैं।

आप भी तस्वीरों में देखें कि कुछ प्रमुख राजनैतिक ट्विटर हैंडल के बारे में ट्विटर ऑडिट अब क्या कह रहा है। एक मजेदार तथ्य यह भी है कि डोनाल्ड ट्रम्प की ट्विटर ऑडिट रेटिंग तमाम भारतीय राजनीतिकों से बेहतर आई है।

 

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