अगवा मासूम की लाश जागरण की निगाह में खबर नहीं

दोलत्ती

: यूपी में अपराधियों के हौसले मुख्‍यमंत्री के जिले तक को दहला सकते हैं : मोदी-भक्ति और रामधुन के अलाव दुनिया का हर हादसा दैनिक जागरण की नजर में रद्दी, चरस-गांजा पिये मस्‍त :
कुमार सौवीर
लखनऊ : गोरखपुर में एक मासूम का गला घोंट कर मार डाला गया था। वजह थी एक करोड़ रुपयों की फिरौती। अपने नौनिहाल को बचाने के लिए परिवार ने पूरी कोशिश की, लेकिन नियत वक्‍त तक वे सिर्फ बीस लाख रुपया ही जुटा पाये। नतीजा यह हुआ कि अपहर्ताओं ने उस बच्‍चे को मौत के घाट उतार दिया। हादसे से पूरा प्रदेश दहल गया। एक बड़ा कारण था कि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ का गृह-जनपद गोरखपुर ही है और वे लखनऊ के बाद सर्वाधिक वक्‍त गोरखपुर में बीतता है। लेकिन इस दर्दनाक कत्‍ल की खबर दैनिक जागरण ने रद्दी पन्‍ने पर फेंक डाली। जागरण वही अखबार है, जो खुद को हिन्‍दी बेल्‍ट का सबसे बड़ा अखबार होने का दावा करता है।
आपको बता दें कि इस मासूम की हत्‍या की खबर कल के सारे अखबारों ने पहले पन्‍ने पर छापी थी, लेकिन जागरणवाले चरस-गांजा पिये बैठे रहे। आप गौर कीजिए कि जागरण के पहले पन्‍ने पर सारी खबरें लखनऊ तो दूर, यूपी की भी नहीं। जो भी छपी है वह या तो दिल्‍ली से है, या फिर बगहा, दुबई या फरीदकोट की घटना को लेकर है। जागरण के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी खबर है कि संवरेगी असाध्‍या से जुडने की हर राह। दूसरी खबर है स्‍कूल खोलने को लेकर अनिर्णय की स्थिति में है राज्‍य। वगैरह-वगैरह।
दूसरे पन्‍ने पर सरकार की ढपोरशंखी खबरें हैं। मसलन 25 लाख तक की आबादी वालेजिलो में की जाए हर दिन एक हजार जांच। एक लाख टेस्‍ट हुए तो मिले 3578 रोगी। स्‍टैटिक बूथ्‍ज्ञ पर मुफ्त करायें कोरोना टेस्‍ट। वगैरह-वगैरह। लेकिन इसमें भी उस मासूम की हत्‍या की खबर नहीं है। तीसरे पन्‍ने पर यही हालत है। राफेल को सबसे बड़ी खबर माना है इस अखबार ने, फिर चीन के ऐप को रोकने की खबर, फिर आरबीआई के बयान को भारी जगह दे दी। इतना ही नहीं, जागरण ने उसके बाद की सबसे बड़ी खबर मानी है राजस्‍थान के विधानसभा सत्र को।
सबसे नीचे जो खबर छापी है कि अच्‍छे-अच्‍छों का दिल दहल जाए कि जागरण जैसे अखबार किस तरह और कौन से पायदान से फिसल सकते हैं। यह खबर है कि बडे से बड़ा भूकंप भी नहीं हिला पायेगा राममंदिर की नींव। यह नितांत डींग भर ही है। लेकिन शर्म और हया को ताक पर रख कर इस अखबार के संपादक ने गोरखपुर में हुए उस कत्‍ल का जिक्र तक नहीं किया, जो साबित करता है कि यूपी में अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हैं कि वह मुख्‍यमंत्री के जिले तक को दहला सकते हैं।

1 thought on “अगवा मासूम की लाश जागरण की निगाह में खबर नहीं

  1. श्रीमान मैं बलरामपुर जिले से आपके पोर्टल के लिए खबरें लिखना चाहता हूं कृपया एक बार अवसर अवश्य प्रदान करें

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