श्रीमन सुप्रीम कोर्ट! एक विवाहिता फिर तेजाब की बलिवेदी पर

सैड सांग

 

तेजाब ने फिर ले ली विवाहिता की जान

मुरैना : मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में एक प्रेमी ने विवाहिता प्रेमिका पर तेजाब फेंककर जान ले ली है, वहीं प्रेमिका के दो भाई व दादी बुरी तरह झुलस गए हैं। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। आरोपी फरार है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार पोरसा थाना क्षेत्र की रुबी गुप्ता का योगेंद्र नामक युवक से प्रेम था, मगर परिजनों ने रुबी की शादी किसी और से कर दी। इससे योगेंद्र नाराज था। रुबी पिछले दिनों ही मायके आई थी, आरोप है कि योगेंद्र ने रविवार की सुबह घर में घुसकर सो रही रुबी व अन्य परिजनों पर तेजाब फेंक दिया। पुलिस ने बताया है कि रुबी की मौके पर ही मौत हो गई है, जबकि उसकी दादी व दो भाई झुलस गए है। पुलिस ने पीड़ितों की शिकायत पर आरोपी योगेंद्र के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। आरोपी घटना के बाद से फरार है।

पीड़ित परिजनों का आरोप है कि योगेन्द्र कई बार उन्हें जान से मारने की धमकी दे चुका था और आखिरकार उसने इस घटना को अंजाम दे ही डाला। इस हमले में बुरी तरह झुलस चुके तीनों परिजनों का अस्पताल में इलाज चल रहा है जिनमें से एक की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है।

मिली जानकारी के अनुसार पोरसा थाना क्षेत्र की रुबी गुप्ता का योगेंद्र नामक युवक से प्रेम था, मगर परिजनों ने रुबी की शादी किसी और से कर दी। इससे योगेंद्र नाराज था। रुबी पिछले दिनों ही मायके आई थी, आरोप है कि योगेंद्र ने रविवार की सुबह घर में घुसकर सो रही रुबी और अन्य परिजनों पर तेजाब फेंक दिया। पुलिस ने बताया है कि रुबी की मौके पर ही मौत हो गई है, जबकि उसकी दादी और दो भाई झुलस गए है। पुलिस ने पीड़ितों की शिकायत पर आरोपी योगेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी घटना के बाद से फरार है।

सुप्रीम कोर्ट ने बीते गुरुवार को अपने अंतरिम आदेश में तेज़ाब बेचने और खरीदने से जुड़े सभी नियम-कायदे लागू कर दिए। अदालत ने कहा कि यदि बिना पहचान-पत्र देखे तेज़ाब बिका तो पॉइज़न एक्ट 1919 के तहत केस चलेगा। सजा होगी। अब खुले बाजार में वही तेज़ाब बेचा जाएगा, जो त्वचा पर बेअसर हो।

जस्टिस आरएम लोढ़ा और जस्टिस फकीर मोहम्‍मद की बेंच ने राज्य सरकारों को आदेश दिया कि वे तेज़ाब हमलों को गैर-जमानती अपराध बनाएं। कोर्ट ने सरकारों को तीन महीने के भीतर इस बारे में पॉलिसी लाने के निर्देश दिए। याचिका पर अगली सुनवाई चार महीने बाद होगी, जब राज्य सरकारें तेज़ाब पर नियंत्रण और पीडि़तों के पुनर्वास को लेकर पूरी नीति लेकर कोर्ट पहुंचेंगी।

 

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