बिना समुचित प्रमाण के नहीं मिलेगा तेजाब, लाइसेंस भी जरूरी
नई दिल्ली : सर्वोच्च न्यायालय ने आखिकार महिलाओं के खिलाफ मारक-अस्त्र तेजाब की बिक्री के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किये हैं। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि बिना फोटो आईडी के तेजाब नहीं खरीदा जा सकेगा। दूकानदारों के लिए भी इस बारे में कड़े प्राविधान बनाये जाएंगे।
उधर अदालत की कड़ी फटकार के बाद केंद्र सरकार ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय में अपना हलफनामा दायर किया है और कहा है कि वह तेजाब की खरीद-बिक्री के लिए सख्त नियम बना रही है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में केंद्र सरकार को जमकर लताड़ लगाते हुए कहा था कि वह तेजाब के हमलों को रोकने के प्रति गंभीर नहीं हैं. कोर्ट ने सरकार को 16 जुलाई तक का वक्ते देते हुए कहा था कि अगर सरकार इस बारे में कोई नीति तैयार करने में विफल रहती है तो वह खुद आदेश पारित करेगा।
सुप्रीम कोर्ट से मिली लताड़ के बाद हरकत में आई सरकार ने हलफनामा दायर कर बताया कि तेजाब को खरीदने और बेचने के लिए नियम बनाए जा रहे हैं. कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि बिना लाइसेंस के कोई दुकानदार तेजाब नहीं बेच सकेगा. यही नहीं तेजाब खरीदने के लिए ग्राहक के पास फोटो आईडी कार्ड होना भी जरूरी होगा.
कोर्ट ने सरकार से एक और ड्राफ्ट बनाने के लिए कहा है, जिसमें तेजाब को अलग-अलग श्रेणियों में बांटने का निर्देश दिया है. जैसे स्कूटल-कॉलेज, औद्योगिक संस्थाजन, दवाइयों और घरेलू इस्तेरमाल में लाया जाने वाला तेजाब. गौरतलब है कि इससे पहले कोर्ट ने कहा था कि तेजाब के हमलों से रोजाना लोग मर रहे हैं लेकिन केंद्र इस बारे में नीति तैयार करने में विफल रहा है.
कोर्ट ने कहा था, ‘इस मसले के प्रति सरकार की गंभीरता नजर नहीं आती है. लोग मर रहे हैं लेकिन आपको इसकी परवाह नहीं है. उन लोगों के बारे में सोचिए जो रोजाना जिंदगी गंवा रहे हैं. देश के तमाम हिस्सों में रोजाना लड़कियों पर हमले हो रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने 6 फरवरी को केंद्र सरकार को छह हफ्तों के भीतर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों की बैठक बुलाने और तेजाब की बिक्री नियंत्रित करने के तरीकों, तेजाब के हमलों के शिकार लोगों के उपचार, उनके लिए मुआवजा और पुनर्वास के मुद्दों पर विचार करने का निर्देश दिया था.
कोर्ट दिल्ली में 2006 में तेजाब के हमले में घायल नाबालिग लक्ष्मी की जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था. तेजाब के इस हमले में लक्ष्मी के हाथ, चेहरा और शरीर के दूसरे हिस्से झुलस गए थे. इस याचिका में लक्ष्मी ने नया कानून बनाने या फिर भारतीय दंड संहिता, साक्ष्य कानून और अपराध प्रक्रिया संहिता में ही उचित संशोधन करके ऐसे हमलों से निबटने का प्रावधान करने और पीड़ितों के लिये मुआवजे की व्यवस्था का अनुरोध किया था.
याचिका के अनुसार लक्ष्मी पर तुगलक रोड के पास तीन युवकों ने तेजाब फेंक दिया था क्योंकि उसने इनमें से एक से शादी करने से इंकार कर दिया था. इस मामले में आरोपियों पर हत्या के आरोप का मुकदमा चल रहा है और इनमें से दो व्यक्ति इस समय जमानत पर हैं. कोर्ट ने पिछले साल 29 अप्रैल को गृह मंत्रालय से कहा था कि इस मामले में उचित नीति तैयार करने के इरादे से राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ तालमेल किया जाए.