एक मास में गिरा दिये छह सौ कन्‍याभ्रूण

सैड सांग

जौनपुर में खुली हैं कन्‍या-भ्रूण की सैकडों दूकानें: बोर्ड कपडे की दूकान का, धंधा गर्भपात का: जिला अस्‍पताल से ज्‍यादा भीड जुट रही थी इस दूकान पर: एक महीने में कर दिये छह सौ से ज्‍यादा एबॉर्शन: ज्‍यादातर गर्भपात कन्‍याभ्रूण गिराने के लिए हुए: बडे पुलिस-प्रशासिनक अफसरों का है संरक्षण: पंद्रह साल से चल रहा था अवैध गर्भपात का धंधा: 

अकेले एक महीने के भीतर ही इस दुकान के दुमंजिले पर छह सौ से ज्‍यादा गर्भपात करा दिये गये। जबकि इसके ठीक सामने बने जिला अस्‍पताल में यह संख्‍या तीन दर्जन भी नहीं हो पायी। वह भी तब जबकि जिला अस्‍पताल में इसके लिए बेहतरीन साजोसामान और प्रशिक्षित दर्जनों डाक्‍टर हैं, जबकि इस दुकान के दुमंजिले पर चल रहे इस अवैध गर्भपात केंद्र का संचालन स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की एक रिटायर्ड नर्स करा रही है जिसके पास ना तो आवश्‍यक उपकरण हैं और ना ही गर्भपात कराने के लिए जरूरी जानकारी। जाहिर है कि यह सारा का सारा धंधा कन्‍याभ्रूण को गिराने में ही सबसे ज्‍यादा काम करता है जिसमें उसे भारी कमाई मिलती है।लेकिन बडे अफसरों की जेब गरम करके और प्रदेश के पुलिस प्रशासन में अपने आला दर्जे के रिश्‍तों के बल पर यह महिला पिछले कई दशकों से यह धंधा जारी रखे हुए है। ऐसा नहीं है कि प्रशासन के पास इसकी कोई जानकारी नहीं है। लेकिन इस पर हाथ डालने का हौसला किसी में नहीं है।  बहरहाल, अब खबर है कि छापे के बाद फरार इस महिला को बचाने की कोशिशें शुरू हो चुकी हैं। इतना ही नहीं, अपने आकाओं और पहुंच के बल पर यह महिला अब पूरे जिला प्रशासन और सरकार के दावों को ठेंगा दिखाने पर आमादा है।

जौनपुर जिला अस्‍पताल के ठीक सामने चल रही एक कपडे की दुकान पर दवाओं की अवैध बिक्री की शिकायत पर सिटी मैजिस्‍ट्रेट ने छापा मारा तो रोंगटे खडे कर देने वाली हकीकत से आमना-सामना हो गया। अफसरों ने तलाशी ली तो पता चला कि इस दूकान में दवाओं की बिक्री नहीं, बल्कि खपत होती थी। खपत भी ऐसी वैसी नहीं, बल्कि सामने बने जिला अस्‍पताल की खपत के मुकाबले कई सौ गुना ज्‍यादा। और हैरत की बात तो यह रही कि इस दुकान के ऊपर चल रही इस दूकान में अवैध रूप से गर्भपात कराने का धंधा चलता है। यह धंधा भी कन्‍याभ्रूण की हत्‍या करने में ही ज्‍यादा दिलचस्‍पी लेता था। वहज यह कि इसमें बेशुमार दौलत शामिल है।

छापे के दौरान पता चला कि गर्भपात कराने के इस अवैध सेंटर का संचालन वैसे तो कई दशकों से चल रहा था, लेकिन पिछले करीब एक दशक से आईडी विश्‍वकर्मा नाम की एक नर्स ने खुलकर यहां बैठना शुरू कर दिया। विश्‍वकर्मा पहले जिला अस्‍पताल में ही नर्स थी और सेवानिव़त्‍त होने के बाद इस अवैध सेंटर का संचालन करने लगी थी। हालांकि छापे के दौरान यह महिला किसी तरह मौके से भाग खडी हुई। लेकिन यहां काम कर रहे प्रदीप साहू नाम के एक युवक को पुलिस ने गिरफतार कर लिया। विश्‍वकर्मा की तलाश में पुलिस अब छापा मारने की तैयारी कर रही है। लेकिन जानकार बताते हैं कि यह तैयारी केवल कागजों पर ही है। वजह यह कि प्रदेश के एक बडे पुलिस अधिकारी की करीबी रिश्‍तेदारी इस महिला के साथ है।

जौनपुर के तो हर गली-मोहल्‍ले में खुली हैं गर्भपात की अवैध दूकानें:- जौनपुर में अवैध रूप से गर्भपात कराने का धंधा चोखा चलता है। कहीं तो यह खुलेआम होता है तो कहीं चोरी छिपे। हालांकि खबर है कि कुछ बडे डाक्‍टर भी इस धंधे में लिप्‍त हैं। जिला प्रशासन की ओर से करीब छह महीना पहले कई डाक्‍टरों के यहां छापे में मारे गये, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। जाहिर है कि दबाव और पैसा खूब चला।

झोलाछाप डाक्‍टर इस धंधे में खूब लिप्‍त हैं। हालांकि इन लोगों को भी बडे डाक्‍टरों का संरक्षण मिला बताया जाता है। कई बरस पहले यहां जिला अस्‍पताल में कार्यरत चेलम्‍मा और मल्‍हनी रोड पर रामनरेश यादव नाम के झोलाछाप डाक्‍टरों का कहर था। हालांकि यह लोग अभी भी पैसे के बल पर अपनी दूकाने चला रहे है। लेकिन कोई भी प्रशासनिक अधिकारी उनपर कार्रवाई करने की हिम्‍मत नहीं जुटा पा रहा है।

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