विकास के दावों के बीच शामली में फेंका गया था 5 युवतियों पर तेजाब

सैड सांग

दिल्ली भेजी गयी ईशा खान की हालत बेहद नाजुक, मां बेहोश

: बिना किसी सूत-कपास के दावों छौंकने में जुटी है शामली पुलिस : डीजीपी की प्रेस-ब्रीफिंग में चिरकुट मामले की तरह छिपाया गया यह हादसा : पिता की मौत के बाद जीवट दिखाते हुए पढ़ाई में जुटी रही थीं सभी 9 बहनें : बहन फातिमा ने हिचकियों के बीच कहा, केवल अपराधियों को पकड़ लाओ :

लखनऊ और शामली: यूपी के मुख्यमंत्री जब पश्चिम यूपी में अरबों की योजनाएं अता फरमाने के लिए लखनऊ में शिलान्यास और दावे कर रहे थे और मुख्य सचिव चालू वित्तीय वर्ष-13-14 के लिए 1800 करोड़ रूपयों से प्रदेश के 45 अल्प‍संख्यक बाहुल्य जिलों के विकास के लिए परियोजना को आखिरी टच दे रहे थे, मुजफ्फरनगर के पास बसे शामली के कांधला कस्बे में बेहद गरीब मुस्लिम परिवार की 9 में से 4 युवतियों पर कुछ सिरफिरे अपराधी सरेआम तेजाब की बौछार फेंक कर उनका पूरा जीवन तबाह कर रहे थे। इतना ही नहीं, इस मामले पर सरकार और शासन ने अब तक क्या किया है, अब तक तो पता नहीं चला है। लेकिन प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने इस रोंगटे खड़े करने वाली इस वारदात को कोई भी खास तवज्जो देने की जहमत नहीं की। उधर शामली के अपर पुलिस अधीक्षक का कहना है कि बिना किसी आधार के बावजूद मामला जल्दी ही सुलझा लिया जाएगा।

शामली जनपद के कांधला थाना क्षेत्र में बोर्ड पेपर ड्यूटी से लौट रही 4 महिला टीचर और एक युवती पर दो बाइक सवार युवकों ने तेजाब फेका दिया, जिसमे तीन टीचर की हालत गंभीर है। जबकि युवती भी मामूली रूप से इस हमले में घायल हुई है। एक महिला शिक्षिका की नाजुक हालत को देखते हुए दिल्ली रेफर कर दिया गया है। जबकि बाकी का उपचार शामली में ही चल रह है। पुलिस का दावा है कि पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है। स्थानीय पत्रकार सतीश मलिक बताते हैं कि शामली जनपद के थाना कांधला क्षेत्र की निवासी इशा खान, आयशा खान और कमर जहां सगी बहनें हैं। बेहद गरीब परिवार की युवतियों के परिवार में केवल एक भाई है जबकि कुल बहनों की संख्या 9 है। बचपन में ही पिता का साया इन बच्चियों पर से हट गया। लेकिन इस लड़कियों ने हालातों पर हाथ नहीं जोड़ा और जी-तोड़ मेहनत करके पढ़ाई की और अब इनमें से चार युवतियां एक विद्यालय में शिक्षिका के तौर पर काम करती हैं।

शामली के एक पत्रकार ने अपना नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि मुस्लिम समुदाय का ही एक लड़का पिछले कई दिनों से ईशा खान के पीछे पड़ा हुआ था। वह अक्सर ईशा के साथ छेड़खानी भी करता था। फब्तियां तो आम हो चुकी थीं। लेकिन हाल ही इस युवक की हरकतें बर्दाश्त के बाहर हो चुकीं तो ईशा ने उस लड़के को सरेआम लानत-मलामत की थी। हालांकि सूत्र बताते हैं कि यह प्रेम-प्रपंच के बजाय, केवल एकतरफा मोहब्बत का मामला है। लेकिन कांधला जैसे छोटे औ पिद्दे जैसे कस्बे में इस युवकी की अभद्रता और ईशा द्वारा इसे झाड़ने-डांटने की वारदात की चर्चा हो चुकी है, लेकिन पुलिस अब तक केवल जुबानी जमा-खर्च पर ही भिड़ी है।

खबर के मुताबिक अपनी छोटी बहन सोनम के साथ कस्‍बे के ही हिन्दू इंटर कालेज से इंटर क्लास के पेपर की ड्यूटी करने के बाद यह युवतियां अपने घर लौट रही थीं। जब यह चारों बहनें अपने घर के पास पहुंची, अचानक पीछे से एक बाइक पर दो सिरफिरे युवक तेजी से आये और होली खेलने वाली पिचकारी से इन चारों महिला टीचर पर तेज़ाब फैंक दिया। जिसमें चारों महिला टीचर गंभीर रूप से झुलस गयी। अचानक हुए हादसा से यह युवतियां दर्द से चीख-चिल्लाने लगीं। यह देख कर आसपास के लोग भी एकत्र हो गये और इन चारों को आनन-फानन शामली जिले के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में लाया गया।

अस्पपताल में ईशा खान की हालत को देखते हुए उसे उपचार के लिए दिल्ली रेफर कर दिया गया है। बाकी तीनों बहनों का इलाज शामली के प्राइवेट हॉस्पिटल में चल रह है। तेजाब की छींटें इन युवतियों के पीछे चल रही एक युवती पर भी पड़ गयी थी, लेकिन उसे उपचार के बाद घर भेज दिया गया। उधर पूरे मामले की जाँच में जुटी पुलिस का कहना है कि तेजाब फेंकने वाले लोग कौन और किस कारण तेजाब से हमला किया गया, इस बात का पता लगाया जा रहा है

लेकिन पुलिसिया बयानों और दावों से अलग लोगों के मन में यह सवाल कौंध रहा है कि आखिर इस तेजाब कांड के आरोपी कौन हैं और कहां हैं। लेकिन इन सवालों का जवाब पुलिस के पास बिलकुल नहीं है। जनपद शामली के क़स्बा कांधला में हुआ तेजाब कांड का खुलासा तो दूर की बात है अभी तक पुलिस के हाथ एक भी सुराग नहीं लगा है। कल हुई इस घटना को चौबीस घंटे होने वाले हैं लेकिन पीड़ित परिवार को एक भी अच्छी खबर सुनने को नहीं मिली। हादसे में बुरी तरह घायल एक बच्ची दिल्ली के गंगाराम हॉस्पिटल में ज़िन्दगी के लिए के लिए जंग कर रही है। तो दूसरी और तीन पीड़ित बेटियां अलग अलग जगह अपना इलाज करवा रही हैं। परिवार की मुखिया माँ नूरजहां लगातार बेहोश हैं। इस घर पर बाइक सवार सिरफिरों का पागलपन कहर बन कर टूटा है। आम जन मानस को इस घटना ने बुरी तरह झकझोर दिया है। अखिलेश सरकार जोकि महिलाओं की सुरक्षा के बड़े बड़े दावे करती है, उसी सरकार से से इस परिवार की बड़ी बेटी इंसाफ और सुरक्षा की गुहार लगा रही है। पुलिस ने 4 संदिग्ध लोगों को पकड़ने की पुष्टि तो की है, लेकिन मामले में को भी सुराग अब तक नहीं मिला है।

फातिमा का कहना है कि:- हमारे परिवार की 9 बहनें और एक भाई है। पिता का निधन पहले ही हो चुका था। भाई किसी तरह जीतोड़ मेहनत करके बमुश्किलन परिवार का भरण-पोषण करते हैं और किसी तरह अपना गुज़ारा करते हैं। हमारे भाई ने पिता के निधन के बावजूद हमारी सारी बहनों को पढ़ाई मुहैया कराया। आज हमारे पिता इस दुनिया में नहीं है, लेकिन हम पर जो ज़ुल्म हुआ है हम नहीं चाहते हैं कि जो हमारे साथ जो कुछ हुआ, किसी और के साथ न हो। बस, वे सारी आरोपी जरूर पकड़े जाएं जरूर और उन्हें सख्त से सख्तक सजा मिले। आंसुओं और हिचकियों के बीच फातिमा ने कहा:- अल्लाह के लिए आप सारे लोग हमारा का साथ दो। हमारी माँ गहरे सदमे में हैं। वे तो पहले से ही गंभीर बीमार चल रही हैं। अब तक हम लडकियों का घर से निकलना तक मुश्किल हो गया है। फातिमा कहती है कि मुख्यमंत्री को इस मामले में हमारी मदद करनी चाहिए। हम केवल इतना चाहते हैं कि सही आरोपियों को कड़ी सजा मिले।

शामली के अपर पुलिस अधीक्षक अतुल सक्सेना का कहना है कि इस हादसे में शामिल रहे 4 लोगों को शक के तौर पर पूछताछ के लिए उठाया गया है। अतुल सक्सेदना के मुताबिक पीडि़त के परिवार वाले कुछ बता नहीं रहे हैं कि उनके साथ कोई रंजिश थी या कोई उन्हेंम परेशान करता था या नहीं। लेकिन इसके बावजूद उनका दावा है कि है ये केस जल्दी खुल जायेगा शाम तक कोई न कोई सुराग मिल जायेगा। हैरत की बात है कि इन तर्कों के बाद अतुल सक्सेना आखिरकार किस तरह सुराग हासिल करने का दावा कर रहे हैं, यह समझ से परे है।

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