बलात्कार में सजा मिली तो पूरा खानदान कत्ल कर दिया

सैड सांग

 

नाम धर्मपाल और काम दरिंदगी: हरियाणा में दर्ज हुआ कानून

: बीस साल तक कानून की रस्सियां कमजोर करता रहा : हरियाणा के ‘दरिंदे’ के अपराध की पूरी दास्तान पढि़ये : सामूहिक हत्यानकांड में भाई ने भी हाथ बंटाया :

नई दिल्ली: राष्ट्रपति के अंतिम आदेश के बाद अब हरियाणा के जेल अधिकारी धर्मपाल के गले में पड़ने वाली रस्सी  और फांसीघर के स्थामन को लेकर बातचीत में जुट गये हैं। मामला साफ है, कि अब धर्मपाल को जल्दी  ही फांसी पर लटका दिया जाए। मानवता को शर्मसार कर डालने वाले धर्मपाल ने 1993 में एक लड़की से बलात्कार किया था और जब  और जब वह सजा पाकर पैरोल पर छूटा तो उसने लड़की के परिवार के 5 सदस्योंव की नृशंस हत्या कर दी थी। हालांकि इस फैसला के बाद देश के मानवतावादी बुद्धिजीवियों में चर्चा शुरू हो गयी है कि देश में फांसी की सजा खत्मी कर दी जाए।

1991 में धर्मपाल पर सोनीपत में एक लड़की के साथ रेप के आरोप लगे। 1993 में उसे 10 साल कैद की सजा मिली। धर्मपाल ने लड़की को कोर्ट में गवाही देने पर धमकी दी थी। वह 1993 में पांच दिनों के लिए परोल पर रिहा हुआ। जब लड़की के परिवार वाले सो रहे थे तब धर्मपाल ने इन पर हमला बोल दिया। हत्या।कांड इतनी दरिंदगी के साथ हुआ और धर्मपाल ने पीड़िता के माता-पिता तलेराम और कृष्णा, बहन नीलम, भाई प्रवीण और टीनू पर अंधाधुंध लाठी चलाकर हत्या कर दी। बाद में इन पांचों की लाशें क्षत-विक्षत स्थित में मिलीं।

मामले में यह भी साफ हो गया था कि धर्मपाल के भाई निर्मल ने इन लोगों की हत्या करने में अपने भाई धर्मपाल की मदद की थी। यह भी साबित हो गया कि यह दोनों ही भाई समाजविरोधी हैं और कानून का माखौल उड़ाना उनका शगल रहा है। नतीजा यह कि इन दोनों को मौत की सजा दी गई। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 1999 में धर्मपाल की सजा तो कायम रखी, लेकिन निर्मल की सजा उम्रकैद में तब्दील कर दी। निर्मल 2001 में परोल पर रिहा हुआ तो फरार हो गया। उसे 10 साल बाद फिर से अरेस्ट किया गया।

धर्मपाल ने पहले 1999 में दया याचिका दाखिल की। अगले ही साल दया याचिका खारिज कर दी गई। उसने फिर से 2005 में दया याचिका दाखिल की लेकिन तब से पिछले साल दिसंबर तक याचिका लंबित रही। इसके बाद गृह मंत्रालय ने धर्मपाल समेत 7 दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने धर्मपाल की याचिका खारिज कर दी। अब हरियाणा सरकार धर्मपाल की फांसी के लिए तैयारी कर रही है।

फांसी की तैयारियां शुरू:- हरियाणा में 19 जेल हैं लेकिन अंबाला और हिसार में ही फांसी देने की सुविधा है। अंतिम फांसी 1989 में अंबाला जेल में हत्यारा गुलाब सिंह को दी गई थी। धर्मपाल फिलहाल रोहतक जेल में है। हरियाणा के पास को जल्लाद मौजूद नहीं है। हालांकि जेल सुपरिंटेंडेंट इसके लिए किसी को भी उचित समझकर जिम्मेदारी दे सकते हैं। सोनीपत ट्रायल कोर्ट से डेथ वॉरंट मिलने के बाद सरकार कुछ औपचारिकता पूरी करेगी। इसके बाद फांसी की तारीख तय हो जाएगी।

कड़े फैसला करने वाले राष्ट्रपति:- आपको बताते चलें कि दोषियों की दया याचिका खारिज कर उन्हें फांसी के तख्ते तक पहुंचाने में रिकॉर्ड बनाने वाले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने रेप और हत्या के दोषी की दया याचिका समेत पांच दया याचिका खारिज कर उन्हें फांसी दिए जाने का रास्ता साफ कर दिया है।

गृह मंत्रालय ने रेप और हत्या के दोषी धर्मपाल समेत 7 दोषियों की दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजी थी। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पांच की फांसी की सजा को बरकरार रखते हुए दो की सजा को उम्रकैद में तबदील कर दिया है। अब हरियाणा सरकार धर्मपाल की फांसी के लिए तैयारी कर रही है। माना जा रहा है कि अगले सप्ताह किसी भी दिन यह दोषी को फांसी दे दी जाएगी। धर्मपाल फिलहाल रोहतक जेल में बंद है। हरियाणा में मौजूदा समय में कोई जल्लाद नहीं है। सोनीपत ट्रायल कोर्ट से डेथ वारंट मिलने के बाद सरकार इसकी औपचारिकता पूरी करेगी। इसके बाद फांसी की तारीख तय हो जाएगी।

हरियाणा की 19 जेल में से केवल अंबाला और हिसार में ही फांसी देने की सुविधा है। यहां पर अंतिम फांसी अंबाला की जेल में 1989 में हत्यारे गुलाब सिंह को दी गई थी।

फांसी से जुड़ी खबरों को देखना चाहें तो कृपया क्लिक करें:- खारिज हुईं नर-पिशाचों की दया-याचिकाएं

 

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