दर्द बेहिसाब बढ़ा तो बेटी समेत आग में कूद गयी शिक्षिका

सैड सांग

आत्‍मदाह पर आमादा हैं देश की बेटियां (3)

गुना। जिले के बजरंगगढ़ थाना क्षेत्र के बरखेड़ा गांव में छेड़खानी एवं बलात्कार के बाद आरोपियों द्वारा चुप रहने की धमकियों से परेशान कक्षा 8वीं की एक छात्रा ने गुरुवार को आत्मदाह कर जान देने का प्रयास किया।

पुलिस के अनुसार गंभीर अवस्था में झुलसी हालत में छात्रा को यहां जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया है, जहां पुलिस अधीक्षक केसी जैन एवं अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एसडीओपी) अंतर सिंह कनेश ने आकर पीड़ित लड़की एवं उसके परिवारजनों के बयान दर्ज कराए।

लड़की के परिजनों ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि 8वीं कक्षा में पढ़ने वाली 15 साल की उनकी लड़की को गांव के ही सोनू आदिवासी एवं सोनू सेन काफी दिनों से परेशान कर रहे थे।

गत बुधवार उन्होंने उससे बलात्कार किया जिसकी शिकायत लड़की ने अपने परिवार से की। इसके बाद लड़की के पिता ने बजरंगगढ़ थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई। पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया जिससे आरोपियों के हौसले बुलंद हो गए।

आरोपियों ने गुरुवार सुबह लड़की को रास्ते में रोककर पुलिस में शिकायत करने पर धमकाया जिसके बाद डरी हुई लड़की ने घर पहुंचकर कैरोसिन छिड़ककर खुद को आग लगा ली। परिजनों ने जैसे-तैसे आग बुझाकर उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया।

पुलिस अधीक्षक जैन ने बताया कि गुरुवार दोपहर बाद पुलिस ने दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि आरोपियों ने लड़की से बलात्कार करना कबूल किया है, लेकिन चिकित्सकीय परीक्षण के बाद ही बलात्कार का मामला दर्ज किया जाएगा।

फरीदकोट में आत्मदाह का प्रयास करने वाली युवती की हालत स्थिर

फरीदकोट : दो साल से लगातार छेड़खानी की शिकार और सुनवाई न होने से निराश होकर आत्मदाह का प्रयास करने वाली 20 वर्षीय युवती की हालत मेडिकल कालेज में चौथे दिन स्थिर बनी रही। स्थानीय अंबेडकर नगर निवासी रिक्शा चालक कर्म सिंह की लड़की ने सोमवार को दिन में मिंट्टी का तेल निकालकर आग लगा ली थी। 95 फीसद से ज्यादा जली हालत में उसे मेडिकल कालेज में दाखिल करवाया गया है। जज द्वारा मेडिकल कालेज में युवती का बयान दर्ज किया गया। थाना सिटी पुलिस ने चार लोगों के विरुद्ध पर्चा दर्ज किया था।

उधर, डीएसपी जसविंदर पाल शर्मा ने बताया कि उक्त मामले में फरार चल रहे नामजद मुख्य आरोपी थाना सिंह उर्फ पम्मा ने वीरवार को कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। तीन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि घटना की जांच के लिए पुलिस पम्मा का रिमांड लेने का प्रयास कर रही है। इस बीच, अपना दर्द बयां करते हुए लड़की की मां जसविंदर कौर ने बताया कि उन्होंने उक्त चारों लोगों से परिवार के साथ लड़की को बचाने की मांग को लेकर सिटी पुलिस थाना, एसएसपी व डीसी दफ्तर को शिकायत एक साल पहले दो बार दी थी, लेकिन उन लोगों की पहुंच होने से उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके चलते उनका परिवार डर-सहमा रहता था, लेकिन रोजाना की छेड़खानी से तंग आकर हमारी लड़की ने खुद को खत्म करने के इरादे से आग लगा ली। सभी आरोपियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए।

इस बेटी के पिता ने आंखों में आंसू पोंछते हुए कहा कि जैसा मेरे व मेरी बेटी के साथ हुआ वैसा किसी के साथ न हो। मेडिकल कालेज में दैनिक जागरण के साथ बातचीत में पीड़ित युवती के पिता कर्म सिंह ने कहा कि दो साल से उनकी बेटी व उनका परिवार इस जिल्लत का सामना कर रहा था। आरोपी जबरदस्ती घर के बाहर व अंदर आकर हमें बार-बार जलील करते थे। इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस के साथ डीसी दफ्तर में भी की थी, लेकिन गरीब की कौन सुनता है। जिस तरह पुलिस आज भागदौड़ कर रही है उसी तरह पहले ही किया होता तो आज उनकी बेटी की यह हालत न होती। कर्म सिंह ने पुलिस व न्यायालय से मांग की कि उसकी बेटी व उसके परिवार की इस हालत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ ऐसी सख्त कार्रवाई की जाए ताकि फिर किसी गरीब की बेटी ऐसा करने को बाध्य न हो। कर्म सिंह ने कहा कि अब तो शायद ही हमारी लड़की बचे, लेकिन यदि इन लोगों को कठोर सजा मिले तो हमें व हमारी लड़की को न्याय मिल सके।

समाजसेवी संगठनों व पीएसयू ने उठाई लड़कियों की सुरक्षा की मांग। फरीदकोट जिले के साथ ही प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में आए दिन महिलाओं के साथ हो रही अभद्र घटनाओं को देखते हुए समाजसेवी संगठनों की बैठक में बोलते हुए अशोक कौशल ने कहा कि प्रदेश की पुलिस महिलाओं की रक्षा करने में नाकाम रही है। आपराधिक प्रवृत्ति के लोग जब चाहते है महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करते है इससे महिलाओं में असुरक्षा की भावना पैदा हो गई है और अपराधियों के मन से पुलिस व कानून का डर खत्म होता जा रहा है।

इस घटना के विरोध में पंजाब स्टूडेंट यूनियन द्वारा अर्थी फूंक प्रदर्शन किया गया। यूनियन के प्रांतीय सचिव राजिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार महिलाओं की सुरक्षा करने में नाकाम साबित हो रही है। इसके चलते प्रदेश भर में महिलाओं के साथ अभद्र घटनाएं घट रही हैं। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि वह स्वयं ही अपनी व अपने परिवार की सुरक्षा के लिए आगे आएं, तभी वर्तमान हालात में बदलाव आएगा।

नवाडीह में पारा शिक्षिका ने बेटी संग किया आत्मदाह

नावाडीह : उत्क्रमित मध्य विद्यालय परसबनी की पारा शिक्षिका 28 वर्षीय शोभा देवी ने अपनी 3 वर्षीय बच्ची समेत स्वयं को आग के हवाले कर इहलीला समाप्त कर ली। आग से झुलसकर मां-बेटी का शव विकृत हो गया था। यह हृदयविदारक घटना बुधवार की देर रात नावाडीह थाना क्षेत्र अंतर्गत परसबनी पंचायत के बेलियाटांड़ ग्राम में हुई। पुलिस ने दोनों शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए गुरुवार को सुबह बोकारो भेजा। पुलिस फिलहाल मानसिक तनाव में आत्महत्या का मामला मानकर अनुसंधान कर रही है। इसकी पुष्टि मृत्यु पूर्व कमरे में रखी ड्रेसिंग टेबल के आईने में लिखी इस बात से होती है कि वह मानसिक तनाव में आकर जान दे रही है।

बताया गया कि शोभा देवी ने अपनी 3 वर्षीय पुत्री प्रियंका कुमारी के साथ अपने कमरे में सोने के क्रम में बुधवार की रात करीब 11 बजे किरासन तेल उड़ेलकर आग लगा ली। परिवार के अन्य सदस्यों ने कमरे से धुआं निकलते देखकर स्थानीय ग्रामीणों को आवाज दी। ग्रामीणों ने हथौड़े से दरवाजा तोड़ा तो अंदर मां-बेटी को मृत पाया। घटना की सूचना मिलते ही डुमरी विधायक जगरनाथ महतो, स्थानीय मुखिया रामपुकार महतो, विधायक प्रतिनिधि गौरीशंकर महतो, जदू महतो, गोविंद साव, मानस तुरी आदि पहुंचे। तब तक हजारीबाग जिले के विष्णुगढ़ थाना क्षेत्र के सिरई निवासी शोभा के पिता सुरेन्द्र प्रसाद और भाई प्रमोद कुमार भी पहुंचे। शोभा के पति अर्जुन महतो ने बताया कि वह मानसिक तनाव से ग्रसित थी। अक्सर स्वयं को नुकसान पहुंचाने की बात कहती थी। घटना के समय वह हजारीबाग स्थित अपने स्कूल में था। फोन से सूचना मिलने पर यहां आया।

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