सहारा इंडिया ने की 25,780 करोड़ की धोखाधड़ी : सेबी

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: सहारा इंडिया अब धूल में चित, सेबी ने शुरू की जमीन सुंघाने की कवायद : सहारा की दो कंपनियों से सतर्क करने के लिए निवेशकों को चेतावनी जारी : सहारा से लेनदेन समझ-बूझ कर करें, वरना डूब जाएगी खून-पसीने की कमाई : दो हफ्ते पहले ही सर्वोच्‍च न्‍यायालय के फैसले के बाद सेबी का रूख सख्‍त :

एक तरफ तो सहारा इंडिया अपनी साख बचाने के लिए करोड़ों रूपयों का भुगतान अखबारों और समाचार चैनलों में विज्ञापन के तौर पर फूंक रहा है, वहीं दूसरी सेबी आम निवेशकों और नागरिकों की पूंजी बचाने की कवायद में जुट गया है ताकि इन लोगों की गाढ़ी-कमाई सहारा इंडिया में कहीं डूब न जाए। ताजा कार्रवाई के तहत पूंजी बाजार नियामक यानी सेबी ने निवेशकों और आम लोगों को चेताया है कि वे सहारा इंडिया समूह की दो कंपनियों से किसी भी तरह के लेन-देन न करें, वरना ऐसे लेन-देन के लिए वे खुद जिम्‍मेदार होंगे।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद निवेशकों का धन न लौटाने पर सेबी ने दो हफ्ते पहले ही समूह के खिलाफ सख्ती बरती थी। नियामक ने इन दो कंपनियों और समूह के प्रमोटर सुब्रत राय की संपत्तियां व बैंक खाते जब्त करने की प्रक्रिया शुरू की है। अभी तक यह खुलासा नहीं हो पाया है कि इस कार्रवाई में अब तक सहारा इंडिया के जब्‍त खातों में कितनी रकम बची है। यह जानना जरूरी इस लिए है ताकि आम आदमी और निवेशकों की जमापूंजी का सही-सही रकम का सटीक आंकलन किया जा सके। ऐसा हो पाने के बाद ही निवेशकों की रकम की वापसी सुनिश्चित हो सकेगी, जो सर्वोच्‍च न्‍यायालय के फैसलों के चलते कार्रवाई की जद में है।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को इस बारे में एक सूचना अखबारों में प्रकाशित की है। इसमें कहा गया है कि सहारा इंडिया रीयल एस्टेट लिमिटेड, सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन, इनके तीन प्रमोटरों और निदेशकों से लेन-देन करने पर यह संबंधित व्यक्ति या कारोबारी का अपना जोखिम होगा। चेतावनी के तहत भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ऐलान किया है कि सहारा इंडिया में फंसी अपनी रकम को आम लोग और निवेशक रकम वापस करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखें।

अदालत ने दोनों कंपनियों, इनके प्रमोटरों और निदेशकों के बैंक खाते, डीमैट खाते और अन्य सभी चल-अचल संपत्तियां जब्त करने को कहा है। इसी आदेश पर सेबी कार्रवाई कर रहा है। नियामक ने 13 फरवरी को 160 पेज के दो अलग आदेशों में इन सभी की संपत्तियां और खातों को जब्त करने का आदेश दिया था। निदेशकों में समूह के मुखिया सुब्रत रॉय, वंदना भार्गव, अशोक रॉय चौधरी और रवि शंकर दुबे शामिल हैं।

सेबी के आदेश के तहत जब्त की गई संपत्तियों में समूह का पुणे के करीब स्थित एम्बी वैली रिसॉर्ट टाउन और दिल्ली, मुंबई सहित विभिन्न शहरों में स्थित अन्य रीयल एस्टेट संपत्तियां, शेयर, म्यूचुअल फंड्स और अन्य तरह के निवेश शामिल हैं। सेबी ने कहा है कि सहारा की दोनों कंपनियों ने बांड धारकों से क्रमश: 6,380 करोड़ और 19,400 करोड़ रुपये अवैध तरीके से जुटाए हैं।

सेबी की जब्ती आदेश के बाद सहारा समूह ने अपनी सफाई में कहा था कि उसकी कार्रवाई पुराने तथ्यों पर आधारित है।

( एजेंसी )

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