दुष्कर्मी निकला नेपाल का जाना-माना दयावान

सैड सांग

मैंन ऑफ चैरिटी ने उतारी नेपाली बच्चों की अश्लील तस्वीरें

आस्टेलियायी नागरिक ने दया के नाम पर क्रूरता की सारी सीमाएं तोडीं: सिडनी की अदालत ने सुनायी सजा, 15 महीने तक गुजारने होंगे जेल में: अनाथ बच्चों के लिए खुलवाया था नेपाल में अनाथालय:
नेपाल में चैरिटी की आड़ में बच्‍चों का यौन शोषण के दोषी ऑस्‍ट्रेलियाई नागरिक को 15 महीने के कैद की सजा सुनाई गई है। स्‍थानीय अदालत ने इस मामले में ज्‍यॉफ जॉन प्रिग को बच्‍चों का यौन शोषण करने के आरोप में जेल भेज दिया है।
नेपाल में ष्मैन ऑफ चैरिटीष् के तौर पर मशहूर इस शख्‍स ने यहां अनाथालय स्‍थापित करने में मदद की थी जहां कई बच्‍चे रहते हैं। ऑस्‍ट्रेलियाई पुलिस ने मामले की जांच के बाद 55 साल के प्रिग को चाइल्‍ड सेक्‍स टूरिज्‍म से जुड़े अपराध में दोषी पाया है। यह शख्‍स इस तरह के अपराध के लिए दोषी करार दिया जाने वाला पहला ऑस्‍ट्रेलियाई है।
सिडनी की जिला अदालत में सुनवाई के दौरान जज ने इस शख्‍स को 13 से 14 साल की उम्र के तीन नेपाली बच्‍चों के यौन शोषण का दोषी पाया है। इस शख्‍स ने ऑस्‍ट्रेलिया के मॉसमैन स्थित अपने घर पर बच्‍चों से जुड़ी अश्‍लील सामग्री रखने का भी जुर्म कबूल किया है। अदालत ने कहाण् कि जॉन ने बच्‍चों में कुछ अलग तरह की दिलचस्‍पी के चलते नेपाल में अनाथालय बनवाया था।
एक फोटोग्राफर और चैरिटी वर्कर की हैसियत से नेपाल गए प्रिग ने इन बच्‍चों के अश्‍लील फोटो खींचे। 2007 में ऑस्‍ट्रेलिया लौटने के बाद एक होटल में इसने बच्‍चों को ये तस्‍वीरें दिखाईं और अश्‍लील फिल्‍में दिखाईं।
कोर्ट ने कहा कि नेपाल के लोग सैलानियों की काफी कद्र करते हैं। जज निकोलसन ने कहा कि आरोपी के खिलाफ सबूत देने आए नेपाली बच्‍चों ने अपने साथ हुए दुर्व्‍यवहारों की परवाह किए बिना प्रिग का स्‍वागत करने के इजाजत मांगी थी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक ऑस्‍ट्रेलियाई नागरिकों पर अपने देश का ही कानून लागू होगा चाहे इन्‍होंने विदेशों में ही ये अपराध किए हों।
संघीय कानून के नए नियमों के मुताबिक विदेशों में यौन शोषण का दोषी पाए जाने पर अधिकतम 15 साल की सजा हो सकती है। हालांकि प्रिग को उसकी सजा के लिए 15 महीने ही जेल की सलाखों के पीछे बिताने होंगे और वह फरवरी 2012 में रिहा हो सकेगा।

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