: यूपी के जांबाज पत्रकार जागेंद्र सिंह हत्याकाण्ड के बाद बेपर्दा हो गयी शाहजहांपुर की घिनौनी राजनीति : जागेंद्र सिंह हत्याकांड में लिप्त मंत्री राममूर्ति वर्मा को असली हत्यारा करार दिया था जागेंद्र ने अपने मृत्यु-पूर्व बयान में : जागेंद्र सिंह हत्याकाण्ड- एक :
कुमार सौवीर
शाहजहांपुर : यह कमाल सिर्फ शाहजहांपुर में ही मुमकिन था, जो हो गया। अखिलेश सरकार में पत्रकार हत्याकांड में दागी शाहजहांपुर के मंत्री राममूर्ति वर्मा के नाम का तूफान जैसे ही भड़का, राममूर्ति वर्मा बेहाल हो गया। उसके बाद से राममूर्ति वर्मा ने अपने पक्ष में जस-तस कौडि़यां-पांसे तो खूब फिट किये, लेकिन उसके बाद से इस मंत्री का हौसला बेइंतिहा टूट गया। हालात यह तक पहुंच गयी कि इस मंत्री ने अपने अपने दरवाजे पर लगाने वाली बैठकी-दरबार की दशकों पुरानी परम्परा तक को तिलांजलि दे दिया।
जी हां, यह मामला है शाहजहांपुर के दबंग मंत्री राममूर्ति वर्मा का। अपने हौसलों और बेबाकी वाली पत्रकारिता के नाम पर अच्छे-अच्छों को पानी पिला देने वाले जांबाज पत्रकार जागेंद्र सिंह को जिन्दा फूंक डालने की साजिशों में घिरे हैं राममूर्ति वर्मा। अपनी मौत से पहले ही जागेंद्र सिंह ने बुरी तरह घायल अवस्था में लखनऊ के सिविल अस्पताल में पत्रकारों और और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को बाकायदा बयान दिया था कि उसकी मौत की साजिश राममूर्ति वर्मा ने की थी। जागेंद्र सिंह के बयान के अनुसार राममूर्ति वर्मा के इशारे पर जागेंद्र सिंह को लगातार प्रताडि़त किया गया। उसके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किये गये ताकि उसकी आवाज को हमेशा-हमेशा के लिए दबोच दिया जाए।
जागेंद्र सिंह के इस बयान को कई पत्रकारों और पुलिस अफसरों ने बाकायदा वीडियो पर दर्ज किया था। इस बयान में जागेंद्र सिंह ने खुलासा किया था कि अखिलेश सरकार के मंत्री राममूर्ति वर्मा ने जागेंद्र सिंह की हत्या के लिए सुपारी दी। इसके लिए नगर कोतवाली के कोतवाल श्रीप्रकाश राय की सेवाएं ली थीं मंत्री राममूर्ति वर्मा ने। इस साजिश के तहत कोतवाल श्रीप्रकाश राय ने कई पुलिसवालों के साथ एक दिन जागेंद्र सिंह के घर छापा मारा। उसके घर को चारों ओर घेर लिया गया। जागेंद्र सिंह ने उसके शिकंजे से बेतरह कोशिशें कीं, लेकिन वह बच नहीं पाया। अंतत: पुलिसवालों ने उसे घेर कर उसे दबोचा और फिर तेल डाल कर उसे जिन्दा जला डाला।
बाद में करीब 80 फीसदी हालत में घायल जागेंद्र को पड़ोसियों ने अस्पताल पहुंचाया और उसके बाद उसकी हालत ज्यादा गम्भीर पाकर उसे लखनऊ ले गये। जागेंद्र की मौत लखनऊ के अस्पताल में ही हो गयी। लेकिन अपने मौत से पहले ही जागेंद्र सिंह ने राममूर्ति वर्मा, श्रीप्रकाश राय और अन्य लोग हत्यारों की साजिशों का खुलासा करते हुए अपना बयान वीडियो पर दर्ज करवा लिया। (क्रमश:)
एक नायाब और बेधड़क पत्रकार का नाम था जागेंद्र सिंह, जिसे नेताओं, प्रशासन, पुलिस और पत्रकारों ने मिल कर मार डाला। जागेंद्र सिंह हत्याकाण्ड पर प्रमुख समाचार पोर्टल मेरी बिटिया डॉट कॉम लगातार हस्तक्षेप कर रहा है। इसकी अगली और पिछली कडि़यों-खबरों को देखने के लिए निम्न लिंक पर क्लिक कीजिएगा :- जांबाज पत्रकार जागेंद्र सिंह