गैंग-रेप कांड पर जहरीली जुबान से समाजवादी पार्टी बेपर्दा

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

सपा के अबू आजमी ने की भागवत और आसाराम बापू, शरद यादव की वकालत: शबाना आजमी को हटाये फिल्‍म सेंसर बोर्ड, गैर-मर्द के साथ न चलें औरतें: लड़की अकेली हो, तो बाप अपने घर के बाहर ही रहे: अभी तक समाजवादी पार्टी की ओर से अबू के मामले में कोई बयान : घर में जवान बेटी हो तो बाप को चाहिए कि वह तब तक घर में न घुसे जब तक कोई और घर में आ जाए— बलात्‍कार ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं, बल्कि फैशन-परस्‍त शहरों में ही होती हैं ऐसी वारदातें— औरतों को चाहिए कि वे देर रात तक घर से बाहर न रहें— गैर-मर्द के साथ घूमने पर पाबंदी लगायी जानी चाहिए।

यह हिदायत किसी खाप या पंचायत ने नहीं जारी की है। बल्कि दिल्ली गैंगरेप और बर्बर हत्‍याकांड पर अपने गाल बजा रहे भागवत, शरद यादव और आसाराम बापू जैसे लोगों के साथ कदमताल कर रही है समाजवादी पार्टी। महाराष्‍ट्र में सपा की कमान सम्‍भाले और सपा के मुस्लिम चेहरा अबू आजमी ने आज अपनी दकियानूसी जुबान पर आज बाकायदा जहर उड़ेंल दिया। अबू आजमी ने देश की बेटियों को सुरक्षित करने के लिए जो हिदायतों की लिस्‍ट जारी की है, वह केवल आजमी ही नहीं, बल्कि खुद समाजवादी पार्टी की जेहनियत का पर्दाफाश होता है।

अबू आजमी ने मंगलवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ. मोहनराव भागवत के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बलात्कार नहीं होते। अबू आजमी के मुताबिक, मौजूदा हालात के लिए फैशन और नग्नता जिम्मेदार हैं। अपने विवादास्पद बयान में आजमी ने यह भी कहा कि अगर बलात्कार के दोषियों के लिए मौत की सजा का कानून हो सकता है तो ऐसा कानून भी होना चाहिए जो महिलाओं के देर रात तक घूमने पर रोक लगाए, साथ ही गैर मर्द के साथ घूमने पर भी रोक लगनी चाहिए। सपा नेता ने यह भी बयान दिया कि गांवों में लड़िकयां ब्यॉय फ्रेंड नहीं ढूंढ़ती हैं! उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर किसी घर में जवान लड़की है तो उस घर में पिता को भी बाहर रहना चाहिए। अबू आजमी ने अभिनेत्री और सांसद शबाना आजमी को फिल्म सेंसर बोर्ड से दूर रखने की वकालत की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को सेंसर बोर्ड का प्रमुख बनाया जाना चाहिए।

 

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