शशि की हत्या में आनंद सेन ऐंड कम्पनी बरी

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हार्इकोर्ट ने विजय सेन यादव के ड्राइवर को दोषी माना

: फैजाबाद के इस हत्याकांड ने सनसनी फैला दी थी : सत्र अदालत का फैसला हाईकोर्ट ने किया रद : अब दस साल की सजा भोगेगा ड्राइवर :

लखनऊ : फैजाबाद के जिला जज के फैसले को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एक बेंच ने खारिज कर दिया है। फैसले के तहत पूर्व बसपा मंत्री आनंद सेन यादव व उनकी सहयोगी सीमा आजाद को विधि छात्रा शशि की हत्या मामले में बरी कर दिया गया है। हाईकोर्ट के जजों ने मंत्री आनंद सेन के ड्राइवर विजय सेन यादव को अपहरण के आरोप में दस वर्ष की सजा के साथ 17 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।

गौरतलब है कि फैजाबाद जिले की सत्र अदालत ने शशि हत्याकांड में तीनों आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई थी इसके खिलाफ आनंद सेन यादव व अन्य ने वरिष्ठ अधिवक्ता आइबी सिंह के माध्यम से हाई कोर्ट में अपील दायर कर सजा को चुनौती दी थी। पीठ ने पूर्व मंत्री आनंद सेन व सीमा आजाद की अपील को स्वीकार करते हुए उन्हें बरी कर दिया है तथा ड्राइवर विजय सेन की अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए उसे अपहरण के मामले का दोषी माना है।

यह फैसला न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति डीके अरोड़ा की पीठ ने दिया है। पीठ ने सत्र अदालत द्वारा 17 मई 2011 को सुनाए गए फैसले को रद कर दिया है जिसमें आनंद सेन, विजय सेन व सीमा आजाद को उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। पीठ ने कहा कि तीनों आरोपियों को हत्या का दोषी करार देने में सत्र अदालत ने गलती की। अभियोजन पक्ष आनंद सेन व सीमा आजाद के खिलाफ आरोप सिद्ध करने में असफल रहा। पीठ ने कहा कि आरोपी विजय सेन का फोन ब्योरा, नार्को टेस्ट तथा कार की बरामदगी विजय सेन को अपहरण का दोषी होने के लिए पर्याप्त है।

विदित हो कि 23 अक्टूबर 2007 को फैजाबाद के अयोध्या थाने पर साकेत पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज की छात्रा शशि के पिता योगेंद्र प्रसाद ने सूचना दी थी कि उसकी बेटी कहीं गुम हो गई है। 22 अक्टूबर 2007 को कॉलेज में अवकाश था लेकिन शशि कॉलेज परिसर में स्थित इलाहाबाद बैंक में पैसा निकालने गई थी। पैसा निकालने के बाद शशि अपनी सहेली अर्पिता के घर गई और वहां से 10 मिनट बाद चली गई इसके बाद उसका कहीं अता-पता नहीं चला। 31 अक्टूबर को शशि के पिता ने फिर से थाने पर सूचना दी कि उसे पता चला है कि बसपा मंत्री आनंद सेन का ड्राइवर उसे नौकरी दिलाने के नाम पर ले गया है इस काम में सीमा आजाद ने उसकी मदद की। सीमा आजाद व विजय सेन दोनों बसपा कार्यकर्ता हैं। इस सूचना पर प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की गई। जांच में सामने आया कि शशि और विजय सेन के बीच मोबाइल फोन से देर तक बात हुई।

सत्र अदालत फैजाबाद ने सुनवाई के बाद आनंद सेन, विजय सेन तथा सीमा आजाद को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। सजा को चुनौती देते हुए अपील पर वरिष्ठ अधिवक्ता आइबी सिंह ने लंबी बहस के दौरान अनेक तथ्य रखते हुए कहा कि आरोपी बेगुनाह है। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से अपील का कड़ा विरोध किया गया था।

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