राष्ट्रीय तीरंदाज प्रतिमा बोरो नहीं रही, ट्रेनिंग शिविर में की आत्महत्या

सैड सांग

 

देश की खेल प्रतिभा के अवसान पर पूरा देश सन्न

: गहरे अवसाद में चल रही थी हमेशा खुशमिजाज रहने वाली प्रतिमा : भारतीय तीरंदाजी संघ की मान्यबता रद करने से परेशान थी बोरा : अपमानजनक लगा था साईं सेंटर में नहीं होना शिविर का आयोजन :

पुणे : असम की अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज प्रतिमा बोरो ने शुक्रवार को पुणे में आर्मी स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर में आत्महत्या कर ली। प्रतिमा अपने होस्टल के कमरे में छत के पंखे पर लटकी हुई पायी गयी. वह यहां राष्ट्रीय शिविर में हिस्सा लेने आयी हुई थीं.

इस 20 वर्षीय तीरंदाज ने आत्महत्या के लिये अपनी चादर का इस्तेमाल किया. पता चला है कि वह पिछले कुछ समय से तनाव की शिकार थी. उसकी साथी तीरंदाजों को तब संदेह हुआ जब वह रिकर्व स्पर्धा के लिये राष्ट्रीय शिविर के सुबह के सत्र में नहीं पहुंची और वे सब उसे ढूंढने लगे. तीरंदाजी सूत्रों के अनुसार, ‘‘जब उसके दोस्त उसके कमरे में गये तो उन्होंने कमरा अंदर से बंद पाया. उन्होंने दरवाजा खोला और देखा कि वह छत के पंखे से लटकी हुई थी.’’

प्रतिमा के इस कदम का सही कारण अभी तक पता नहीं चल सका है. उसका शव पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया गया है. ट्रेनिंग सेंटर के सूत्रों ने कहा कि जहां प्रतिमा ने आत्महत्या की, वहां कोई महिला वार्डन नहीं थी. खेल मंत्रालय ने भारतीय तीरंदाजी संघ की मान्यता रद्द की हुई है इसलिये रिकर्व स्पर्धा का शिविर आर्मी स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित किया जा रहा था, साई सेंटर में नहीं.

प्रतिमा 2009 विश्व कप के शंघाई में हुए चौथे चरण और इसी वर्ष विश्व चैम्पियनशिप में भारतीय रिकर्व महिला टीम की सदस्य थी. वह जमशेदपुर में टाटा तीरंदाजी अकादमी की कैडेट भी थी.

 

 

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