राजभवन कालोनी में कूटी गयी पत्रकार की गजक, पुलिस चुप

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

एक अधिकारी की पत्नी से छेड़खानी का मामला, उठीं उंगलियां

कुमार सौवीर

लखनऊ : राजधानी लखनऊ में श्रेष्ठतम सरकारी आवासीय क्षेत्र राजभवन कालोनी में रहने वाले एक पत्रकार ने हजरतगंज थाने में पिटाई का मामला दर्ज कराया है। रिपोर्ट के मुताबिक कुछ लोगों ने इस पत्रकार के घर के सामने जमकर गालियां दीं और जानमाल की धमकी दी। आरोप है कि इस पत्रकार के साथ जमकर मारपीट भी की गयी। उधर पुलिस ने भी इस मामले को पुलिस के हस्तक्षेप योग्य अपराध नहीं माना है। उधर इस मामले को लेकर शराबखोरी और महिलाओं के साथ छेड़खानी की वारदात के तौर पर पहचाना जा रहा है। कुछ भी हो, राजभवन कालोनी जैसी कालोनी में इस तरह की घटना को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।

मामला कुछ यूं है। राज्यपाल के आवास राजभवन से सटी कालोनी को राजभवन कालोनी के तौर पर पहचाना जाता है। राज्य सम्पत्ति विभाग की यह कालोनी राज्यपाल के आवास के चलते कड़ी सुरक्षा से घिरी हुई मानी जाती है। इसी कालोनी के एक नम्बर मकान में पंकज वर्मा को आबंटित है। पंकज वर्मा श्रीन्यूज टाइम्स  नामक अखबार के महाप्रबंधक हैं।

13 अप्रैल-13 को पंकज सिंह ने रिपोर्ट लिखायी थी कि उनकी कालोनी में कुछ असमाजिक तत्वों ने हंगामा किया और जब उन्होंने उस पर हस्तक्षेप किया तो उनके साथ इन्हीं गुंडों ने मारपीट भी की। यह रिपोर्ट हजरतगंज की पुलिस थाना कोतवाली में दर्ज करायी गयी है। पुलिस को दी गयी अर्जी में पंकज वर्मा ने घटना का समय 12 अप्रैल-13 को 10 बजे रात बताया है। पुलिस में लिखायी गयी रिपोर्ट में पंकज वर्मा ने पुलिस से मामले की छानबीन और कडी कार्रवाई की मांग की है।

लेकिन इस रिपोर्ट के तथ्यों पर लोगों को खासी हैरत है। वजह यह कि सर्वाधिक सुरक्षित कालोनी में बिना स्थानीय लोगों की संलिप्तता के चलते किसी भी तरह की वारदात हो पाना मुमकिन नहीं है। दूसरी बात यह भी कि आखिर जब यह घटना रात 10 बजे हुई थी, तो उसकी रिपोर्ट अगले दिन क्यों दर्ज करायी गयी। कुल मिलाकर यह पूरा मामला जानकारों के दिमाग में पच नहीं रहा है।

उधर हजरतगंज थाना कोतवाली पुलिस ने भी इस मामले को केवल एनसीआर यानी नॉन कांग्नजेबुल रिपोर्ट के तौर पर दर्ज किया है। यानी यह पंकज की बातों को केवल एक सामान्‍य अर्जी के तौर पर ही दर्ज की गयी है। इसके तहत ऐसी सूचनाओं को पुलिस के हस्तक्षेप योग्य नहीं माना जाता है। लेकिन हैरत यह भी है कि जब यह एनसीआर दर्ज हुई थी तो पुलिस ने किसी दारोगा से जांच कराने की बात रिपोर्ट में क्यों दर्ज किया है। कुल मिलाकर बात यह है कि करीब पांच दिन हो जाने के बावजूद पुलिस ने इस मामले पर कोई भी कार्रवाई नहीं की है।

उधर इस कालोनी में रहने वाले और दीगर जानकारों का कहना है कि यह पूरा मामला शराबखोरी से जुड़ा है। जानकार बताते हैं कि यहां रहने वाले एक आईएएस की पत्नी के साथ शराबियों ने अश्लील फिकरे फेंके थे। इस अधिकारी की पत्नी ने लौट कर इस घटना की खबर जब अपने पति और उनके मित्रों को बतायी, तो वे लोग अपने सुरक्षाकर्मियों को लेकर पहुंचे और उन शराबियों को जमकर पीटा था। इस पूरे प्रकरण में कालोनी के आसपास में रहने वालों ने भी हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं समझी थी। उधर हजरतगंज थाने के एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने इस पूरे प्रकरण को संदिग्‍ध बताया है। इस अधिकारी के अनुसार पंकज ने खुद को वरिष्ठ पत्रकार बताते हुए दबाव बनाने की कोशिश भी की।

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