: दिल्ली पुलिस को दिल्ली सरकार के तहत करे बिना समाधान नामुमकिन : शीला का पत्र राजनीतिक हांडी चढ़ाने की कवायद जैसे आरोपों में घिरा : महिला पार्षदों ने साथी पुरूष पार्षदों पर भी खुलेआम छेड़खानी का आरोप लगाया था :
नयी दिल्ली। दिल्ली को महिलाओं को बेहतर और सुरक्षित बनाने के लिए मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने एकबार फिर से पुलिस को फिर से निशाने पर लेते हुए प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है। सीएम ने पुलिसिया व्यवस्था पर सवालिया प्रशान उठाते हुए पीएम से इसकी शिकायत की है। गौरतलब है कि दिल्लीय की सदन में महिला पार्षदों ने भी महिलाओं के साथ होने वाली अभद्रता और छेड़खानी की हालत का खुलासा करते हुए ऐसे हालातों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की थी और कहा था कि अगर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो महिला पार्षद खुद ही अपने पुरूष साथी पार्षदों की करतूतों पर खुलेआम खुलासा करेंगे और उन्हें सबक सिखायेंगे।
बहरहाल, शीला ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में लिखा है कि दिल्ली पुलिस 16 दिसंबर के गैंगरप की घटना के बाद महिलाओं को बेहतर सुरक्षा मुहैया कराने के अपने वादे को पूरा नहीं कर पाई है। दिल्ली की सुरक्षा पर गंभीर रुख अपनाते हुए शीला दीक्षित ने कहा है कि् इस घटना के बाद भी सुरक्षा स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है और ना ही पुलिस व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं देखा गया है। वैसे जानकार बताते है कि शीला दीक्षित का यह पत्र केवल राजनीतिक तौर पर इस हांडी चढ़ाने की कवायद ही है। जब तक दिल्ली सरकार को दिल्लीय पुलिस का प्रशासन नहीं सौंपा जाएगा, इस तरह की हालातों से निपटा जाना मुमकिन नहीं होगा।
दरअसल 16 दिसंबर की घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने जनाक्रोश को देखते हुए शहर को महिलाओं के लिए सुरक्षित बनाने का वदा किया था। लेकिन अभी तक तो ऐसा देखा नहीं जा रहा है। दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने प्रधानमंत्री से कहा कि वह इस मामले पर गंभीरता से विचार करें और समुचित कदम उठाएं। मुख्यमंत्री ने अपने इस पत्र में सुरक्षा आयोग के कामकाज का भी उल्लेख किया है। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा है कि आयोग की सिफारिशों पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि दिल्ली में 16 दिसंबर की रात को हुई खर्मनाक घटना के बाद शीला सरकार की काफी किरकिरी हुई थी और उन्हें लोगों के विरोद का भी सामना करना पड़ा था। ऐसे में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए शीला दीक्षित कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है। इसलिए उन्होंने पीएम के नाम चिट्ठी लिखकर अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की है।
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