ऑनलाईन होने का मतलब ये नहीं है वो लड़की आपके लिए उपलब्ध है

बिटिया खबर

: उनको तमाचा, जिनकी मर्दानगी लड़की से मैसेंजर से मौन होने पर हो जाती है खण्डित : आप मित्र हैं तो मित्रता को बराबरी के स्‍तर पर देखिये, लड़की किसी मर्द की लौंड़ी-सेविका नहीं : इस पत्रकार जैसों की अब सार्वजनिक लानत-मलामत करने पर आमादा हैं लड़कियां :

यशोधरा विरोदाई और दीपिका ठाकुर

लखनऊ : कुछ कथित पत्रकार ऐसे हैं जिनका असली चेहरा फेसबुक मैसेन्जर पर दिखता है। इसमें से एक धंनजय जी भी हैं जिनका अभी अभी अभिमान सिर्फ इस बात पर खण्डित हुआ है एक लड़की ऑनलाईन होने के बावजूद उनसे बात क्यों नही कर रही है। इसके बाद जब इन्हे ये समझाने की कोशिश की तो एक लड़की, महिला अगर फेसबुक दोस्त बन गयी है और वो आपको हर वक्त ऑनलाईन मिल रही है इसका मतलब ये नही है कि वो हर वक्त आपसे चैट करने के लिए मौजूद या उपलब्ध रहेगी भी। तो पता नही इन्हें कुछ समझ आया कि नहीं, लेकिन भाईसाहेब ने तुरन्त अनफ्रेन्ड कर दिया है। सही है ऐसे लोगों से जानपहचान ना ही रहे तो ठीक है… पर ये पोस्ट सिर्फ इस उद्देश्य से डाला जा रहा है क्योंकि कुछ भाई लोग अभी भी लगें हुए हैं… संभल जाइए अगला नम्बर आपका लग सकता है ।

क्योंकि पुरूष मित्रो का ये रूप देखकर दिमाग हद दर्जे तक खराब हो रहा है लेकिन मन से ये आवाज आई कि ये बात अब सार्वजनिक रूप से करनी चाहिए । लोगो को समझना पड़ेगा कि फेसबुक पर होना या ऑनलाईन होने का मतलब ये नही है कि कोई लड़की आपके लिए उपलब्ध हो रही है । अपने दूसरी फीमेल फ्रेंड्स से भी यही अपील है कि प्लीज इन जैसे लोगों को बर्दास्त कतई ना करें और इनका चेहरा ज़ाहिर तौर पर सबके सामने आना चाहिए। ये तस्वीर धनंजय सिंह नाम के वरिष्ठ पत्रकार की है। जो तथाकथित रूप से कल्पतरु एक्सप्रेस में काम करने का दावा करते है, हो सकता है आप में से ज्यादातर लोगों के मित्र हों।

इस मसले पर एक अन्‍य लड़की ने भी बातचीत को आगे बढ़ाने की कोशिश ही नहीं की, बल्कि मुंहतोड़ जवाब भी दे दिया। इस लड़की का नाम है दीपिका ठाकुर। यशोधरा की भावनाओं को ज्‍यादा विस्‍तार देते हुए दीपिका ने लिखा है कि:- यह मुद्दा बहुत समय से मैं भी उठाना चाहती थी लेकिन समय ही नही मिला । खैर मेरी मित्र Yashodhara Virodai ने अच्छे समय पर उठाया । यह समस्या हर पुरुष फेसबुक मित्रों की है। जिनको इतना फालतू टाइम अपनी बीवी बच्चों से बच जाता है कि फेसबुक में अपने से छोटी लड़कियों को msg कर कर के आजिज कर देते है । मैने तो जवाब ही देना बंद कर दिया । अगर बची शर्म हो तो खुद ही msg करना बंद कर देना नही तो एक बेशर्म व्यक्ति के नाम के साथ ब्लॉक करने को हम लड़कियां मजबूर है ।

और शयाद Dhananjay K Singh ji आपको ही मैने बोला था कि लड़कियों की अपनी स्वतंत्रता है कि वो किस से बात करना चाहती है और किसके प्रश्नों के जवाब देने में रुचि रखती है ।

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