महिलाओं के मामले में पाक कठमुल्लों का दबदबा

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पाकिस्तान चुनावों में 150 में सिर्फ छह महिलाएं जीत पायीं

: महिला अधिकारों के मामले में बांग्लादेश का कद बेहिसाब : पाकिस्तान में महिलाएं घर की डेहरी में, जबकि बांग्लादेश में शीर्ष पदों पर :

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में इस बार केवल छह महिलाएं संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली का चुनाव जीत सकी हैं। जबकि निवर्तमान संसद में महिला सदस्यों की संख्या अट्ठारह थी। नेशनल असेंबली की 272 सीटों के लिए 11 मई को मतदान हुआ था। इसमें 150 महिलाओं ने अपना भाग्य आजमाया था।

राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव में किए गए प्रदर्शन के आधार पर ही उन्हें नेशनल असेंबली में महिलाओं के लिए आरक्षित 60 सीटें और गैर मुस्लिमों के लिए आरक्षित 10 सीटें आवंटित की जाएंगी। नेशनल असेंबली के लिए चुनी जाने वाली तीन महिला सदस्य सुमैरा मलिक, सायरा अफजल तरार और गुलाम बीबी भरवाना पीएमएल-एन से हैं। जबकि फरयाल तालपुर, अजरा फजल पेचुहो और फहमिदा मिर्जा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी [पीपीपी] से हैं। इनमें से कोई राजनीति में नई नहीं हैं। फहमिदा मिर्जा निवर्तमान नेशनल असेंबली की स्पीकर थीं। जबकि तालपुर और पेचुहो राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की बहनें हैं।

चुनाव आयोग अब तक 261 सीटों का परिणाम घोषित कर चुका है। 124 सीटों के साथ पीएमएल-एन सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है और वह सरकार बनाने के लिए तैयार है। 111 निर्वाचन क्षेत्रों से कुल 150 महिला उम्मीदवारों ने संसदीय चुनाव लड़ा था। इनमें से 60 राजनीतिक दलों की ओर से उम्मीदवार थीं। बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में किसी भी महिला उम्मीदवार को जीत नहीं मिली। चुनाव जीतने वाली चार महिला उम्मीदवारों ने हैट्रिक बनाई है।

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