लालू पर कड़ी कार्रवाई होती तो राजाराम की औकात न होती
लखनऊ: बिहार के मुख्यमंत्री लालू यादव पर उसी समय कड़ी कार्रवाई कर दी जाती तो आज प्रदेश के ग्रामोद्योग मंत्री राजाराम पांडेय पर इतनी औकात नहीं होती कि वे अपने जिले की सड़कों को माधुरी दीक्षित और हेमा मालिनी के गालों पर अश्लील और अभद्र टिप्पणी नुमा छेड़खानी कर सकते। लेकिन ऐसा हो गया, इसीलिए राजाराम की हैसियत बढ़ गयी और यह विवाद खड़ा हो गया। वह तो गनीमत रही कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने ऐसे बयानों पर कड़ी ऐतराज करते हुए सख्त कार्रवाई और आखिरकार राजाराम पांडेय को मंत्रिमंडल से जबरिया विदा करना पड़ा ।
गौरतलब है कि प्रदेश के ग्रामोद्योग मंत्री राजाराम पांडेय ने शुक्रवार को प्रतापगढ़ में कहा था कि उनके जिले की सड़कें हेमामालिनी और माधुरी दीक्षित के गाल जितनी चिकनी बनेंगी। सड़कों की खुदाई को उन्होंने फेशियल की संज्ञा दी थी। उन्होंने कहा था कि फेशियल के बाद जिस तरह महिलाओं की सुंदरता में निखार आ जाता है, उसी तरह सड़कों में निखार आ जाएगा। उनके इस बयान के बाद महिला संगठनों ने उनकी जेहनियत को लेकर विरोध शुरू कर दिया कर दिया।
दरअसल राजाराम पाण्डेय कुछ महीने पहले सरकारी बैठक में सुलतानपुर की महिला डीएम की सुंदरता पर मोहित हो गए थे। उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह कह डाला था कि यह डीएम बहुत खूबसूरत हैं। उन्होंने इस जिले में पहले तैनात रहीं एक अन्य महिला डीएम की सुंदरता का जिक्र करते हुए कहा कि पिछली बार जब वह मंत्री थे और इस सुलतानपुर जिले का प्रभार उनके पास था तो यहां पर एक महिला डीएम तैनात थीं। पहले वह समझा करते थे कि कोई सुंदर महिला डीएम नहीं हो सकती लेकिन उनकी सुंदरता देखकर उन्हें अपनी यह धारणा खत्म करनी पड़ी थी। वह यह समझते थे कि इनसे सुंदर कोई और महिला डीएम नहीं हो सकती लेकिन सुलतानपुर जिले की मौजूदा डीएम की सुंदरता देख उन्हें अपनी वह धारणा भी खत्म करनी पड़ रही है।
राजाराम पाण्डेय की इस टिप्पणी पर भी खासा बवाल मचा था। यहां तक कि महिला आयोग ने भी राजाराम पाण्डेय को नोटिस जारी किया था लेकिन राजाराम पाण्डेय ने यह कहते हुए अपना बचाव किया था कि किसी सुंदर महिला को सुंदर कहना कोई अपराध नहीं है।
गत 23 मार्च को लोहिया जयंती के मौके पर सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने सपाईयों को महिलाओं का सम्मान करने के लिए चेताया भी था। गत शुक्रवार को जैसे ही राजाराम पाण्डेय का यह विवादित बयान आया मुख्यमंत्री ने कड़ी कार्रवाई करने में कोई हिचक नहीं दिखाई और उन्हें बर्खास्त कर दिया। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग फिलहाल मुख्यमंत्री अपने पास रखेंगे।
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