ब्रिटेन में पांच साल की उम्र में साढ़े ग्यारह करोड़ साल पुराने डायनासोर के जीवाश्म की खोज की है. जीवाश्म खोजने वाली लड़की के नाम पर ही डायनासोर की इस नई प्रजाति का नाम रखा गया है. लंदन में जारी हुए एक शोध पत्र में दावा किया गया है कि इस पांच साल की एक बच्ची ने साढ़े ग्यारह करोड़ साल पुराने डायनासोर की खोज की. वैज्ञानिक शोध पत्र के अनुसार इस बच्ची डैजी के नाम पर ही इस डायनासोर के जीवाश्म को वैट्रीड्रेको डैजीमॉरिसे का नाम दिया गया है.
नई प्रजाति का यह डायनासोर कौवे जैसा रहा होगा
वैज्ञानिकों का कहना है कि जीवाश्म के ये अवशेष बिल्कुल एक नई प्रजाति के मालूम होते हैं. डैजी मोरिस नाम की बच्ची को यह जीवाश्म 2009 में आइल ऑफ विट द्वीप के तट पर मिला था. वैज्ञानिकों ने इसकी पहचान उड़ने वाले एक सरीसृप की नई प्रजाति के तौर पर की है. यह जीव कौवे का आकार का रहा होगा. इससे पता चलता है कि उस वक्त यूरोप में अलग अलग आकार के उड़ने वाले सरीसृप रहते होंगे.
यह एक बड़ी खोज है
डैजी अब नौ वर्ष की हो चुकी है. वह खुद डायनासोर की खासी जिज्ञासु है. चार साल पहले वो आर्थरफील्ड के तट पर टहल रही थी कि उसके पैर इस जीवाश्म से टकराए. जीवाश्म विशेषज्ञ मार्टनि सिंपसन कहते हैं कि इससे पता चलता है कि किस तरह बड़ी बड़ी खोजें नौसिखिए लोग कर लेते हैं. डैजी के परिवार ने इस जीवाश्म के बारे में साउथएंप्टन यूनिर्वसटिी के सैम्पन से ही संपर्क किया था.
‘डायनासोर की राजधानी’
सिंपसन के अनुसार ‘जिस द्वीप के तट पर ये जीवाश्म मिला, उसका तट इस तरह का है कि अगर ये डैजी को न मिला होता तो ये बह जाता और बर्बाद हो जाता. जीवाश्म 2009 में मिलने के बाद ही नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम को दान कर दिया गया था. इस संग्राहलय ने आइल ऑफ विट को हाल ही में ‘ब्रिटेन की डायनासोर राजधानी’ का नाम दिया है. हफ्ते भर पहले ही इस द्वीप पर 12 फुट लंबे एक डायनासोर के कंकाल का लगभग पूरा ढांचा मिला है.