ऐसे होता है ब्लैक मनी को सफेद करने का षडयंत्र
: आमिर खान की दंगल फिल्म को यूपी सरकार ने टैक्स-फ्री क्या किया, सिनेमाघर मालिकों की चांदी हो गयी : बुकिंग-विंडो पर मिल रहे हैं टिकट, मगर नेट पर हाउस-फुल की नोटिस :
सीपी मिश्र
लखनऊ : भाई मैं 28 दिस. को कानपुर के रेव-3 थियेटर में दंगल मूवी देखने गया था। जब मैंने ऑनलाइन टिकट चेक की तो 3:45 और दूसरा शायद 5:15 का था जो हम देख सकते थे… पर ऑनलाइन दोनों के टिकट दिखा रहा था कि ख़त्म हो चुके हैं।
फिर भी व्यक्तिगत रूप से टिकट काउंटर पहुँच गया ये सोच कर कि आगे के किसी शो का पता करता हूँ।
मैं 2:45 PM पर काउंटर पर था… और जब काउंटर पर बैठी employee ने मुझे बताया कि current show (2:30 PM) का टिकट भी available है तो मैं भौचक्का ही रह गया। फिर मैंने कहा कि तो क्या 3:45 के शो का टिकट भी है..??
उसने कहा: हाँ, आपको कितने चाहिए…??
मैंने कहा: दो
उसने तुरन्त मुझे दो टिकट और वो भी मेरी पसन्द की सीट के आधार पर दे दिए।
तो मुझे शक हुआ कि जरूर कुछ लफड़ा है। ये लोग houseful दिखा कर ब्लैक का वाइट तो नहीं कर रहे.??!!
Authorities must look into the matter
अच्छा चलिए एक उदाहरण से इस लफड़े की गणित और अर्थशास्त्र को साधारण शब्दों में समझाने का प्रयास करता हूँ:
मान लीजिये कि किसी थियेटर में कुल 500 सीटें हैं और टिकट का औसत मूल्य 200 है।
इसका मतलब ये हुआ कि यदि उसका कोई शो houseful जाता है तो कुल कलेक्शन होगा 1 लाख का।
उत्तर प्रदेश में मनोरंजन कर इन टिकटों पर लगता है 40 फीसदी। मतलब इस पर उन्हें सरकार को देना होगा 40 हजार। और अगर टैक्स फ्री मूवी हुई तो वो टिकट बेचने होंगे 120 में यानि उस स्थिति में कुल कलेक्शन होगा: 120गुणा 500 = 60 हज़ार… जिस पर कोई टैक्स नहीं देय होगा।
अब लफड़े के दो प्रकार हैं:
1) for taxed tickets:
भाई मान लो कि 500 में से वास्तव में टिकट बिकी मात्र 200… पर थियेटर के मालिक ने दिखाया कि मेरा शो गया houseful…
मतलब उसके पास कलेक्शन हुआ:
200 गुणा 200= 40 हज़ार… उसमें उसने अपने 60 हज़ार मिलाये ब्लैक वाले… और कहा कि कलेक्शन हुआ 1 लाख…
अब उस पर उसने 40 हज़ार सरकार को दे दिया टैक्स… और काले को कर लिया सफ़ेद।
2) for tax free tickets:
ये तो सोने पर हो गया सुहागा। मतलब 200 टिकट पर कलेक्शन हुआ:
200गुणा120= 24 हज़ार…
पर मालिक बोला कि न जी houseful था मेरा शो… और पूरा कलेक्शन हुआ 60 हज़ार का… जिस पर उसे कोई टैक्स भी नहीं देना है। मतलब हर शो पर वो 36 हज़ार काले का सफ़ेद कर रहा है।
तो दिन में अगर 10 शो चला दिए तो 3.6 लाख.. और महीने में तकरीबन 1 करोड़ केवल एक हॉल से ब्लैक का वाइट हो सकता है।
तो सोचो देश में कितने थियेटर हैं… और उनमें कितना कालाधन खप रहा होगा..!!
मतलब मुझे तो शक है कि ये जो मूवीज एक-एक हफ्ते में दो-दो सौ करोड़ की कमाई दिखा रही हैं… इसके पीछे लम्बा खेल है…
||ओम शान्तिः शान्तिः शान्तिः||