दिल्ली में मासूम से दरिंदगी, पूरा देश कांप उठा

सैड सांग

ऐम्स में भर्ती है बच्ची, हालत नाजुक :

: एसीपी ने प्रदर्शनकारी युवती को जड़ दिया थप्पड़ : पांच साल की बच्ची की गुमशुदगी को पचाती रही दिल्ली पुलिस : बलात्कार का मामला खुलने पर पुलिस अफसर ने दो हजार देकर पीडि़त बच्ची के पिता का मुंह बंद करने को कहा :

नई दिल्ली : बेशर्म दिल्ली की दरिंदगी से पूरा देश कांप उठा है। पांच साल की एक भोल-भाली बच्ची के साथ चार दिनों तक केवल बलात्कार ही नहीं हुआ, दरिंदे ने इस बच्ची में मोमबत्ती और एक बड़ी शीशी तक उसके गुप्तांग में डाल दी। इस बच्ची की हालत नाजुक है और उसे एम्स में भर्ती कराया गया है, जहां डाक्टरों के मुताबिक वह गहरे खतरे से जूझ रही है। प्रधानमंत्री ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली् के आला अफसरों को तलब किया है। उधर देश भर में इस बच्ची के साथ हुई इस पाशविक घटना से सन्नाटा गहरा गया है। लोगों को सबसे ज्यादा गुस्सा तो दिल्ली पुलिस के प्रति है कि इस बच्ची की गुमशुदगी की सूचना दर्ज करने तक की जहमत नहीं की गयी। अगर पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की होती तो आज इतना बड़ा हादसा नहीं होता। बहरहाल, मामला का खुलासा होने के बाद अब पुलिस ने आरोपित को खोजने की कोशिश शुरू कर दी है। लेकिन अभी तक पुलिस को इसमें कोई भी सफलता नहीं मिल पायी है।

दिल्ली में हुए इस बलात्कार की घटना ने देश को एक बार फिर शर्मसार किया है। यह त्रासदपूर्ण घटना दिल्ली गैंगरेप मामले से महज चार महीने बाद हुई है। बच्ची के पड़ोसी पर आरोप है कि उसने चार दिनों तक बच्ची को बंधक रखा और उसके साथ दुष्कर्म किया। बच्ची को बेहतर इलाज के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया है। इसके पहले पीड़ित लड़की का इलाज दयानंद अस्पताल में किया जा रहा था। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत कहा है कि मामले में पुलिस की कथित लापरवाही की विभागीय जांच कराई जाएगी। वहीं, बलात्कार की इस घटना के विरोध में शुक्रवार को पूर्वी दिल्ली के लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।

आरोपी ने बच्ची के साथ दरिंदों जैसा बर्ताव किया। पांच वर्षीया बच्ची के गुप्तांग में मोमबत्ती और बोतल डाले जाने की बात सामने आई है। पुलिस आरोपी को पकड़ने की कोशिश में जुटी है। यह घटना गांधीनगर की है, जहां आरोपी ने कथित तौर पर इस बच्ची को चार दिन तक बंधक बनाकर रखा और इस दौरान उससे बलात्कार किया, जिससे बच्ची के गुप्तांग में गंभीर चोटें आईं। बच्ची के साथ आरोपी मनोज ने हैवानियत की इंतहा कर दी थी। डॉक्टरों ने ऑपरेशन करके बच्ची के यौनांग से दो मोमबत्ती और एक शीशी निकाली है। स्वामी दयानंद अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक आर के बंसल ने बताया कि मासूम के गाल, होंठ और गले पर जख्म के निशान हैं, जिससे पता चलता है कि गला दबाकर उसे मारने की कोशिश की गई। उसका ब्लड प्रेशर सामान्य से काफी कम है। अस्पताल में भर्ती होते वक्त वह असहनीय पीड़ा से तड़प रही थी।

उन्होंने बताया कि बच्ची के पेट में संक्रमण है, इसलिए उसे अभी कुछ खाने-पीने को नहीं दिया जा सकता। अगले 48 घंटे उसके लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। इससे पहले जिस अस्पताल में बच्ची का इलाज चल रहा है उसके बाहर भारी संख्या में लोगों ने प्रदर्शन किया। बच्ची का इलाज कर रहे स्वामी दयानंद अस्पताल के चिकित्सकों का कहना है कि बच्ची के गुप्तांग में गंभीर जख्म हैं, जिससे उसे भारी संक्रमण हो गया है। बच्ची को गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में रखा गया है। उन्होंने कहा कि बच्ची की हालत बहुत नाजुक है और उसके शरीर में कुछ बाहरी चीजें भी पाई गई हैं। बच्ची के परिवार का आरोप है कि पुलिस ने बलात्कार का मामला दर्ज करने में नानुकूर की और बच्ची को ढूंढने में भी देरी की। पुलिस उक्त फरार पड़ोसी को ढूंढने में जुटी है जो गांधीनगर में उसी मकान के भूतल में रहता था, जहां बच्ची अपने परिवार के साथ रहती थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब बच्ची को फ्लैट से बरामद किया गया,उसकी हालत बेहद नाजुक थी।

बच्ची की मां ने कहा कि पीड़िता जब बाहर खेलने गई थी तभी उसे अगवा कर लिया गया था। उन्होंने कहा, ‘उस व्यक्ति ने बच्ची को कमरे में ताले में बंद कर दिया और उससे बलात्कार किया। मुझे सरकार से न्याय चाहिए।’ आप (आम आदमी पार्टी) के नेता मनीष सिसोदिया और गोपाल राय ने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को लिखे पत्र में दावा किया कि यह वाकया प्रशासन के आम जनता के प्रति ‘अमानवीय व्यवहार’ को दर्शाता है। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस इस मामले में पीड़िता के माता पिता को पैसे देकर मामले को दबाने की कोशिश कर रही थी। उन्होंने पत्र में लिखा है,‘आपके प्रशासन द्वारा पीड़िता को एक छोटे अस्पताल में भर्ती कराया गया।’

पूरा प्रकरण देखने के लिए कृपया क्लिक करें:- दिल्ली् की दरिंदगी से कांप उठा देश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *