दलितों का नारा यादवों ने थामा, ब्राह्मण-महिलाओं को जूतों की माला

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

इटावा की हैवानियत भरी वारदात में दिखी सत्ता की धमक

: महिला समेत 4 के गले मे जूतों की माला डाल कर पूरे गांव में घुमाया : गांव-प्रधान के नेतृत्व में यादव लड़की से दंबगों का हंगामा : गैरबिरादरी में हुए प्रेम-विवाह पर भड़के एक समुदाय के लोग : अपराधियों की दहशत से सवर्णों का गांव से पलायन : दबंगों की पूरी नंगई के बाद प्रशासन ने कहा कि व्यापक बंदोबस्त की तैयारी पूरी : भाजपा का प्रतिनिधिमंडल संतोषपुर के लिए रवाना :

इटावा : बीएससी की छात्रा के कथित अपहरण की वारदात से नाखुश लोगो ने एक महिला समेत 4 लोगों के गले मे जूतों की माला डाल करके गांव भर मे घुमा दिया। दबंगों ने पुलिस की मौजूदगी मे ताडंव करते हुए कई घरों पर धावा बोलकर महिला सहित चार लोगों के साथ जमकर मारपीट की और उनको गले में जूतों की माला पहनाकर गांव में घुमाकर बेइज्जत किया। खबर है कि मुख्यज पीडि़त और उसकी पत्नीज को प्रधान के समर्थक अपने साथ ले गये हैं, लेकिन अभी तक उनका कोई अतापता नहीं मिल पाया है। इस घटना से आतंकित सारे सवर्ण गांव छोड़कर भाग गये हैं। बताते चलें कि यह मानवता को शर्मसार करने वाला यह हादसा प्रदेश के मुख्यवमंत्री का गृह-जनपद भी है। खबर है कि इस हादसे के बाद पुलिस की टुकड़ी वहां तैनात कर दी गयी है। लेकिन अभी तक कोई भी आरोपी पकडा नहीं जा सका है। वैसे एसएसपी हालात सम्भाहलने का दावा कर रहे हैं, लेकिन इस पूरे कांड का प्रमुख अभियुक्तृ यानी  गांव का प्रमुख एसएसपी के आवास पर लगातार बतियाते बताया जाता है। दबंगई की हालत तो यह है कि बीती रात इसी ग्राम प्रधान के नेतृत्वव में यादव समुदाय के सैकड़ों लोगों ने जिला मुख्यायलय पर प्रदर्शन किया।

इस घटना से पूरे इलाके मे हडकंप मचा हुआ है पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने पहले तो इस वारदात को छुपाने की काफी कोशिश की उसके बाद बडे पुलिस अफसरो के दखल के बाद स्थानीय पुलिस अफसरों ने गांव की दौड लगा कर जूता की माला डाल करके घुमाये गये लोगो और मारपीट की घटना मे घायल हुये लोगों को परीक्षण के लिये भिजवाया।

इस वारदात का असर यह हुआ कि सर्वण जाति के लोग गांव से पलायन करना शुरू कर दिये दर्जनों घरों के बंद ताले इस बात को पुख्ता प्रमाण माना जा रहा है। यह सनसनीखेज वारदात मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जिले इटावा के सिविल लाइन इलाके संतोषपुर गांव की है। कहा जा रहा है कि 20 मार्च को इस गांव की बीएससी की छात्रा प्रियंका यादव अपने साथी छात्र के साथ चली गई उसके बाद गांव के लोगो खासे गुस्से मे थे और उसी के चलते गांव के अलावा दूसरे स्थानो पर खोजबीन करने मे लगे हुये थे इसी बीच गांव के ही एक सर्वण के घर से एक महिला और उसके रिश्तेदार पुरूष को पकडा गया, जो नोयडा से आये हुये थे। बताते हैं कि यह लड़की यादव परिवार से थी। ब्राह्मण लड़के की शादी गैरबिरादरी की लडकी से करने के कारण दोनों अपने घर नहीं गये। संतोषपुर स्थित रिश्तेदारों के यहां पर आकर कई दिनों से रूके हुये थे। गांव के लोगों को इससे खासी नाराजगी हो गई।

पूर्वाहन करीब 10 बजे के आसपास कुलदीप और मीनू को पकडने के बाद गांव के ही शिवकुमार बाजपेई की पत्नीी श्रीमती उर्मिला बाजपेई,कुलदीप,राजीव बाजपई और 70 साल बुजुर्ग चंद्रमहेश को लाठियों से बुरी तरह से पीटने के बाद सभी के गले मे जूतों की माला डाल करके पूरे गांव मे घुमाया गया। सन्तोषपुरा गांव में मंगलवार की सुबह दबंगों ने एक जाति विशेष के लोगों पर कहर बरपाते हुये उर्मिला पत्नी शिव कुमार बाजपेई, शिव कुमार बाजपेई, कुलदीप, मनीष बाजपेई पुत्र राजीव बाजपेई, वृद्ध चन्द्र महेश टेले पुत्र रघुवीर प्रसाद निवासीगण सन्तोषपुरा को घरों से खींचकर बेरहमी से पीटा और उनके गले में जूते चप्पलों की माला पहनाकर गांव में घुमाया। इतना ही नहीं, मौके पर पहुंची पुलिस के सामने ही दबंगों ने ताडंव किया और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। पुलिस शिव कुमार, उर्मिला, मनीष को थाने ले आयी। पीड़ितों की बात पर पुलिस को यकीन नहीं आया। पुलिस का कहना है कि गाजियाबाद से एक लड़का लड़की को ब्या ह कर लाया था और दोनों एक माह से शिव कुमार के घर रह रहे थे। इसी बात पर ग्रामीण आक्रोशित हो गये और मारपीट की। घटना की सूचना पाकर एसएसपी राजेश मोदक पुलिस अमले के साथ घटना स्थल पर पहुंचे और पूरी जानकारी हासिल की।

आज हुये ताडंव से लोग भयभीत होकर घरों में दुबक गये थाना पुलिस भी घटना स्थल पर जाने की हिम्मत न जुटा सकी मगर एसएसपी राजेश मोदक साहस का परिचय देकर पुलिस बल के साथ संतोषपुरा पहुंचे और पीड़ितों को कार्यवाही का भरोसा दिलाया। घटना के बाद गांव में सन्नाटा पसर गया।

कृपया अगला अंक पढ़ने के लिए क्लिक करें:- इटावा में आतंक: सवर्ण गांव छोड़कर भागे

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *