महिलाओं को जूतों की माला प्रधान ने पहनायी थी: चश्‍मदीद

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

आखिरकार कहां है राजीव लोचन और उनकी पत्‍नी संतोषी देवी

70 साल के चंद्र महेश समेत कई लोगों को जूतों की माला पहनाने के बाद गांव में निकाला जुलूस : जुलूस के रास्‍ते भर लगातार होती रही सवर्णों की पिटाई : मीडिया के सवालों पर मोलमोल जवाब दे रहे हैं एसएसपी इटावा : भाजपा ने फैसला कि कि वारदात की जांच के लिए प्रतिनिधि-मंडल रवाना करेगा :

इटावा : ( कृपया पिछला अंक पढ़ने के लिए क्लिक करें:- इटावा में आतंक: सवर्ण गांव छोड़कर भागे) संतोषपुरा गांव निवासी शिवकुमार बाजपेई का भतीजा कुलदीप गाजियाबाद से एक लड़की को भगाकर संतोषपुरा ले आया और एक माह से शिव कुमार के घर रह रहा था। उधर इस गांव में पहले एक लड़की भाग गयी थी। गाजियाबाद से लड़की के परिजन गांव आ धमके उनकी पीड़ा सुनकर गांव के एक जाति विशेष के लोग आक्रोशित हो गये और उन्होंने शिव कुमार के घर धावा बोलकर शिव कुमार व उसकी पत्नी उर्मिला देवी, भतीजा कुलदीप की लाठी डंडों से मारपीट की इसी बीच पुलिस मौके पर जा पहुंची और तीनों को बचाकर थाने ले आयी। दबंगों ने इसके बाद मनीष बाजपेई पुत्र राजीव कुमार तथा वृद्ध चन्द्र महेश पुत्र रघुवीर प्रसाद के घरों पर धावा बोलकर उनके साथ ही बेरहमी से मारपीट की। दबंगों ने चन्द्र महेश 70 वर्ष, उर्मिला, कुलदीप, राजीव के गले में जूतों की माला पहनाकर गांव में घुमाया इसकी पुष्टि एसएसपी के सामने गांव के कई लोगों ने की।

वृद्ध चन्द्र महेश का कहना है कि दबंग सुबह घर में घुस आये और हमें खींचते हुये बाहर ले गये लाठी डंडों से मारपीट कर जूते की माला पहनाकर गांव में घुमाया। घटना से कई घंटे बाद तक पुलिस नहीं आयी। इन्द्रा देवी पत्नी संजीव का कहना है कि दबंगों ने औरतों को भी बेइज्जत करने का प्रयास किया मगर हम लोग घर से बाहर नहीं निकले। पवन बजरंगी को पुलिस ने सुबह थाने बुलाया। उधर उर्मिला का कहना है कि उसका भतीजा कुलदीप गाजियाबाद से एक लड़की को लेकर आया और घर रहने लगा इसी बात पर दबंगों ने हम लोगों के साथ मारपीट कर जूतों की माला गले में पहनाकर गांव में घुमाया। एसएसपी ने गांव के लोगों से भी घटना की जानकारी प्राप्त की। एक बच्चे ने एसएसपी को बताया कि दबंगों ने कुछ लोगों को जूतों की माला पहनाकर गांव में घुमाया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश मोदक ने घटना स्थल पर पत्रकारों को बताया कि उर्मिला का भतीजा लड़की भगाकर लाया था इसी बात पर दो पक्षों में झगड़ा हुआ। गांव में पूछताछ करने पर पता चला कि दबंगों ने कई लोगों को मारा पीटा और गले में जूतों की माला पहनाकर गांव में घुमाया। उन्होंने कहा कि घटना पर तुरन्त कार्यवाही की जाएगी तथा गांव में पुलिस फोर्स तैनात कर दिया गया है।

मंगलवार को सुबह करीब 10 बजे के आसपास सत्तारूढ दल से जुडे हुये दंबगो की ओर से की गई हैवानियत भरी कार्यवाही मे गांव की एक महिला समेत 4 लोगो को जूतो की माला गले मे पहना करके घुमाये जाने के बाद सवर्ण बिरादरी वाले इलाके मे सन्नाटा पसरा हुआ है। मंगलवार को दोपहर बाद एसएसपी समेत कई बडे अफसरों की दौड इस गांव में हुई हैवानियत भरी वारदात के बाद लगी। एसएसपी राजेश मोदक गांव मे भरोसा देकर आये कि सभी दोषियों के खिलाफ कडी और दंडात्मक कार्यवाही करने का भरोसा भी देकर आये लेकिन गांव से लौटने के बाद एसएसपी के दावे की हवा बुरी तरह से निकल गई। गले में जूतों की माला पहना करके घुमाने वाली वारदात के मुख्य आरोपी सपा के बडे नेताओं का सरंक्षण पाये संतोषपुर गांव का प्रधान सुशील यादव को एसएसपी समेत कई अफसरों से बात करते हुये देखा भी गया। पीडितो ने सुशील का पूरी वारदात के लिये जिम्मेदार ठहराते हुये मुकदमा दर्ज करने का प्रार्थना पत्र थाने में दिया, लेकिन पुलिस ने आज तक आरोपी प्रधान समेत किसी के भी खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की हिम्मत तक नहीं दिखाई। खुद एसएसपी राजेश मोदक से जब दोपहर मे उनके कार्यालय मे पत्रकारों से इस बाबत जानकारी चाही तो उन्होने गोलमोल जबाब देकर जूता प्रकरण की चर्चा करना ही मुनासिब नहीं समझा।

सबसे हैरत की बात तो रही कि जूता प्रकरण के बाद पुलिस ने सक्रियता दिखाई तो आरोपी प्रधान की अगुवाई मे करीब 200 दंबगों रात करीब 9 बजे एसएसपी आवास पर धरना दे दिया। बडी मुश्किल से एसएसपी ने निष्पक्ष कार्यवाही का भरोसा दिया तक कही जा कर एसएसपी आवास परिसर को दंबगों ने खाली किया। लेकिन रात 12 बजे तक सिविल लाइन थाने पर यह कह कर गदर काटे रहे कि यादवों की सरकार मे भी पंडितों की बात सुनी जायेगी। सिर्फ इतना ही नहीं, इटावा के डिप्टी एसपी सिद्धार्थ वर्मा को इस तरह से हडकाने मे लगे हुये थे कि वो डिप्टी एसपी ना हो कर कोई होमगार्ड हो।

जूता प्रकरण के बाद एकाएक सुर्खियो मे आये इटावा मुख्यालय से सिर्फ 5 किलोमीटर की दूरी पर बसे सिविल लाइन इलाके के संतोषपुर गांव में अब अजीबोगरीब सन्नाटा पसरा हुआ है। सुरक्षात्मक तौर पर पीएसी की एक कंपनी की तैनाती जरूर कर दी गई है इससे बावजूद गांव से सर्वणों का पलायन रूकने का नाम नहीं ले रहा है। गांव के गिरजेश मिश्रा, प्रभात मिश्रा, सुभाष मिश्रा और दुर्गेश मिश्रा तो अपने अपने घरों पर तालाबंदी करने के बाद सब सामान लेकर निकल गये हैं, दूसरे भी लोग गांव से जाने को तैयारी में हैं। प्रभावित लोगों ने दबी जुबान से यह भी बताया है कि गांव के ही राजीव लोचन और उनकी पत्नी संतोषी देवी को प्रधान सर्मथक कल उठा करके ले गये थे, अभी तक दोनों का कोई सुराग नही है।

प्रदेश विधान परिषद में बहुजन समाज पार्टी सदस्यों ने शोर-शराबा किया और परिणामस्वरूप परिषद् की कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। शून्यकाल में बसपा सदस्य एव नेता विरोधी दल नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मुख्यमंत्री के गृह जिले इटावा नगर के सिविल लाइंस क्षेत्र में शिव कुमार बाजपेयी को जूते की माला पहनाने एवं उनकी पत्नी उर्मिला के साथ मारपीट करने का मामला उठाते हुए कहा कि जूते की माला पहनाने और मारपीट करने वाले ग्राम प्रधान सुशील यादव एवं उनके भाई राज बहादुर यादव समाजवादी पार्टी के लोग है।

सतोषपुर गांव में पर्याप्त सुरक्षा दिए जाने की मांग करते हुए भाजपा प्रवक्ता पाठक ने कहते कि घटना की जानकारी के लिए तथा पीड़ित पक्षो से मिलने के लिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने तीन सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल का गठन किया है। इस प्रतिनिधि मण्डल में प्रदेश महामंत्री पंकज सिंह, प्रदेश उपाध्यक्षा सरिता भदौरिया व पूर्व विधायक अशोक दूबे होगे।

इटावा में आतंक: सवर्ण गांव छोड़कर भागे

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