तरुण तेजपाल का कहना है कि मेरे मामले में साजिश है भाजपा की

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तेजपाल की अर्जी नामंजूर कर दी हाईकोर्ट ने

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने अपनी कनिष्ठ सहकर्मी पर कथित रूप से यौन हमला करने के आरोपी और तहलका के संपादक तरुण तेजपाल को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान करने से आज इनकार कर दिया।

तेजपाल पर आरोप है कि उन्होंने सात और आठ नवंबर को गोवा के एक होटल में अपनी इस सहकर्मी पर यौन हमला किया था। न्यायाधीश सुनीता गुप्ता ने गोवा पुलिस के वकील को अपना जवाब दाखिल करने, यदि कोई है तो, को भी कहा तथा तेजपाल की अग्रिम जमानत याचिका पर कल सुनवाई निर्धारित की।

इस बीच, दिल्ली पुलिस ने भी तेजपाल को किसी प्रकार की ट्रांजिट जमानत प्रदान करने की अपील का भी विरोध किया। तेजपाल ने इस मामले में प्राथमिकी को राजनीतिक रूप से प्रेरित बताते हुए आरोप लगाया है कि गोवा के मुख्यमंत्री मामले में अनावश्यक दिलचस्पी ले रहे हैं।

गोवा पुलिस के वकील ने कहा कि मैं आरोपी के खिलाफ आरोपों की गंभीरता को देखते हुए मामले का विरोध कर रहा हूं। उन्होंने साथ ही कहा कि आरोपी पत्रकार की याचिका की प्रति उन्हें नहीं दी गयी है।

तेजपाल का पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुल्सी और गीता लुथरा ने कहा कि तहलका संपादक को कल तक किसी भी प्रकार की गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की जाए। कल अदालत जमानत याचिका पर फिर से सुनवाई शुरू करेगी।

अंतरिम सुरक्षा प्रदान करने से इनकार करते हुए न्यायाधीश गुप्ता ने कहा कि मेरे पास याचिका के साथ प्राथमिकी की प्रति तक नहीं है। उन्हें अपना जवाब दाखिल करने दीजिए, उसके बाद मैं देखूंगी। तुल्सी ने कहा कि यह एक राजनीतिक लड़ाई बन चुका है।

उन्होंने कहा कि यह मामला धारा 354 का है (किसी महिला की गरिमा को आहत करना) और यह काल्पनिकता है कि इसे धारा 376 (बलात्कार) का मामला बना दिया गया है। यहां तक कि लड़की ने पुलिस को कोई बयान नहीं दिया है।

मामले की सुनवाई शुरू होने पर गोवा पुलिस के वकील ने तेजपाल की याचिका पर जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा और उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ किसी भी प्रकार का अंतरिम संरक्षण प्रदान किए जाने की अपील का विरोध किया।

तेजपाल ने अंतरिम जमानत या ट्रांजिट जमानत की अपील करते हुए उच्च न्यायालय से संपर्क किया था, ताकि वह कानून के अनुसार राहत पाने के लिए उचित अदालत से संपर्क कर सकें। दो घटनाओं में से एक को केवल हल्का फुल्का हंसी मजाक  बताते हुए याचिका में कहा गया है कि होटल हयात के सीसीटीवी फुटेज से आसानी से यह बताया जा सकता है कि वह मुलाकात कैसी थी, जिस तक गोवा पुलिस की पहुंच है और यह उसकी जानकारी में है, लेकिन इस बात की जांच एजेंसी ने घोर अनदेखी की।

आठ नवंबर 2013 को दोनों लोगों के बीच एक और मुलाकात हुई, लेकिन यह भी केवल कुछ सेकेंड की थी और इसमें ऐसी कोई घटना नहीं हुई जो किसी संज्ञेय अपराध का कारण बनती हो। तेजपाल ने कहा है कि उसकी महिला सहकर्मी पार्टी करती रही और गोवा में रहने के दौरान वह पूरी तरह सामान्य और मित्रवत थी। वह पूरे सम्मेलन में हर पार्टी और हर सामाजिक समारोह में थी और देर रात तक रूकी रहीं ।

पीड़िता की शिकायत को प्रेरित, झूठा और सोचा समझा बताते हुए याचिका में कहा गया है कि यह शिकायत दस दिन बाद दाखिल की गयी। याचिका में आरोपों का भी खंडन किया गया है।

याचिका में कहा गया है कि प्रबंध संपादक (मैगजीन) ने हालांकि आवेदक की बात को सुनने से इनकार कर दिया और उनसे कहा कि वह तहलका के हित में फैसला कर रही हैं। कथित घटना गोवा में एक पंचतारा होटल में हुई थी। गोवा पुलिस ने 22 नवंबर को घटना के संबंध में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 376 (2क) तथा 354 के तहत तेजपाल के खिलाफ मामला दर्ज किया था। धारा 376 के तहत अधिकतम सजा आजीवन कारावास है।

कल मैगजीन से इस्तीफा देने वाली महिला पत्रकार द्वारा यौन हमले की शिकायत करते हुए भेजे गए ईमेल के सार्वजनिक होने के बाद यह मामला सामने आया था। तेजपाल ने इसके बाद 19 नवंबर को घोषणा की थी कि वह छह महीने के लिए अपना पद छोड़ रहे हैं। 24 नवंबर को तीन सदस्यीय गोवा पुलिस टीम ने तहलका की प्रबंध संपादक शोमा चौधरी तथा तीन अन्य कर्मचारियों से पूछताछ की, जिनसे पीड़िता ने संपर्क किया था।

पुलिस ने तहलका के कार्यालय से एक हार्ड डिस्क, तेजपाल, चौधरी तथा महिला पत्रकार के बीच हुए ईमेल के आदान प्रदान का आलेख तथा अन्य दस्तावेज अपने कब्जे में लिए थे।

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