ठांय, ठांय, ठांय। अरे, फोटो हमारी गर्लफ्रेंड ने अपलोड किया था।

मेरा कोना

सोशल साइट पर बन गया है नया गैंग्‍स ऑफ सोशल मीडिया

हजरात, हजरात, हजरात।

यहां ठांय-ठांय नहीं, ठहाकों की जोरदार फुहारें चल रही हैं।

होली की मौसम में आपके लिए लेकर आये हैं द वायरल फीवर डॉट कॉम

आइये, निहारिये गैंग्स ऑफ वासेपुर का यह नया बदला-बदला शाहकार, जो हंसी से पट-पटकर खुद आपके पेट को हाथों से पीटेगा। नाम है गैंग्स आफ सोशल मीडियायू-ट्यूब पर अपलोड इस वीडियो को क्लिक कीजिए और खो जाइये हंसी, ठहाकों की दुनिया में।

कहानी कुछ इस तरह है, जो बताती है कि फेसबुक पे दो टाइप के लोग होते हैं।

यह घटना तब की है जब कमिटेड जनता अब स्लम-बुक, फ्रैंडशिप बैंड और अरकुट से ऊपर उठ चुकी थी। अब दौर आ चुका था फेसबुक और ट्विटर का। अब हर कपल फेसबुक पर खुलेआम पीडीए करने लगा था। पपी वीडियोज, क्यूट पिक्चर्स और न जाने क्या-क्या का बंदरबांट चल रहा था।

ऐसे में सिंगल्स गैंग का सरदार सिंगल ने पूरे नेटवर्क पे अपना वर्चस्व जमा लिया था। सरदार सिंगल अग्निपथ के संजय दत्त की तरह बचपन से ही गंजा था। इसीलिए सारी लड़कियां बेचारे को मिलते ही फ्रेंड-जोन में डाल देती थीं। और दूसरी तरफ था रोमांस सिंह तोमर, कमिटेड गैंग का मुखिया। जो 25 का हो या 85 का, दिखता हमेशा पचास का ही था। इसीलिए लड़कियों के बीच में सुगर-डैडी बना हुआ था। बहरहाल, असली मुसीबत तब खड़ी हुई, जब सरदार सिंगल को किसी ने लव इस इटर्नल वाले ने 25 फोटोज वाले में टैग कर दिया। सरदार सिंगल अपने टाइमलाइन पे हुई इस बेइज्जती से बौखला गया। और रोमांस सिहं तोमर और उसके कमिटेड लौंडों को हड़काने पहुंचा गया।

फिर शुरू हो गया डायलॉग्स पर डॉयलॉग्स।

:- अरे काहे किये हमको टैग ? आराम से माफिया वार खेल रहे थे फेसबुक पे।

:- फोटो हमारी गर्लफ्रेंड ने अपलोड किया था।

:- टैग कर चुके हैं हम। ई जो रिपोर्ट एब्यूज का चूतियापा तुम कर रहे हो ना, ठीक नहीं होगा तुम्हारे लिए।

:- सोच समझ के कमेंट कीजिए सिंह साहेब। लाइक लेने के लिए 50-50 लोगों को टैग करते फिरते हैं। ये रहा टाइमलाइन का प्रिंट-आउट।

:- तुम को पता है कि कौन से पेज के आदमी हैं हम ? कौन है हमारी गर्लफ्रेंड ?

वगैरह, वगैरह, वगैरह—-

हजरात, हजरात, हजरात।

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