क्योंकि इनमें अपनी बहन को गुंडों से बचाने का हौसला नहीं

बिटिया खबर

दलबीर कौर की पीड़ा समझने की औकात नहीं है साम्यवादी पत्रकारों में

: जगमोहन फुटेला ने की सरबजीत और दलबीर पर फेंके पत्थरों को थामने की कवायद : सरबजीत सिंह को शराबी और दलबीर को मौत बेचने की खबरें सिर्फ बेहूदगी नहीं तो क्या हैं : बेहूदगी के बाजार में एक-दूसरे को पिछाड़ने में जुटे हैं कांग्रेसी-साम्‍यवादी पत्रकार : पहले तो संवेदनाओं को समझने की शिक्षा सीखनी चाहिए पत्रकारों को : सरबजीत की लाश पर संवेदनहीनता का नंगा प्रदर्शन करते रहे बुद्धिजीवी :

Jagmohan Phutela : एक काम करो तुम हे धरती के सब से घटिया इंसान. तुम चले जाओ जानबूझ कर या रास्ता भटक कर पाकिस्तान. 25 साल बाद जो 25 लाख रूपये हो सकती हो उतनी रकम कल जिस बैंक में कहो मैं जमा करा दूंगा. अपनी बहन, बीवी या बेटी से कहना कि 25 दिन जिंदा रह के दिखाएं तुम्हारे बिना. तुम ये नहीं करोगे क्योंकि तुम ये कर ही नहीं सकते. ये कोई सरबजीत या कोई दलबीर कौर ही कर सकती है. ये कोई वही कर सकती है जो दलबीर जैसी बहन हो्‌. तुम भाई हो के शायद अपनी बहन को किसी गुंडे से न छुड़ा सको. दलबीर कौर ने बहन हो के महाद्वीप हिला दिया है. आज जब मैं ये लिख रहा हूं तो सरबजीत के गांव की तरफ जाने वाले सारे रास्ते जन सैलाब से लबालब हैं. ये भी एक अजीब संयोग है कि इस जैसा कोई कारनामा भी शायद इसी गांव में जन्मे कोई भाई बहन कर सकते थे. ये गांव भीखीविंड वो इलाका है जिस ने इस देश को सब से खूंखार आतंकवादी दिए हैं. मैंने वो दौर देखा है कि जब अत्याधुनिक हथियारों से लैस अर्धसैनिक बल दिन में भी इस इलाके में घुसने की हिम्मत नहीं जुटा पाते थे. क्या अजीब संयोग है कि जहां मुठभेड़ों में मरे आतंकवादियों को आतंकवादी संगठन ‘शहीद’ बताते रहे आज वहां देश और प्रदेश की सरकारें एक सचमुच के शहीद को सलामी दे रही हैं. सही मायने में सलामी ये सरबजीत को नहीं, सलामी दलबीर कौर को है. दलबीर न होती तो सरबजीत आज ‘शहीद’ भी न होता. ये दोनों ही उस पंजाबी कौम से हैं चंदन श्रीवास्तव, जिन के बारे में तुम ने लिखा कि उनकी कोई औकात नहीं है!

Amit Baijnath Garg : sateek…

Anil Sakargaye : mujhe essi hinsaa pasand hai………bhai sahaab………kya khinch kar tamaacha mara hai……….us gadhe ko…………shaandaar………

Jagmohan Phutela : Jab aap log is article ko padhein to ek patrakaar ka likha ye bhi padh lein…Sanyog se bhi Chandan hain…1 दिन में सरबजीत की बहन दलबीर की भाषा बदल गई। मीडिया से बात करने या राहुल गांधी से मिलने के बाद वह हंस रही थी। सरकार कैसे चीजों को मैनेज करती है समझना कठिन नहीं है। शायद उसे पंजाब में कहीं से कांग्रेस का टिकट मिल जाए। इस पूरी घटना में सरबजीत की पत्नी और बेटी लगभग गायब ही हैं, और सामने बहन दिख रही है जिसके चेहरे पर शोक से ज्यादा ज़ुबान पर कांग्रेस और प्रधानमंत्री के हाथ को मज़बूत करने की अपील है। यही दलबीर कौर कल तक सरबजीत की हालत पर प्रधानमंत्री और कांग्रेस पार्टी को गालियां दे रही थी…..

Punjabicmbanoamanch Haryana : u r great aap ki jankari bahut aachi hai

Sheetal P Singh : Tamam tathakathit vampanthi FB per aisi aisi laffazi kar rahe hain ki dil ro padata hai. Is Aadmi ki lash samne padi hai, ve fatwe de rahe hain 1 sarabjit sadharan sa sharabi tha, rasta bhatak kar udhar chala gaya, kya khas hai?

2 use jahaj se india kyon laye

3 neta vahan kyon Gaye

4 use Bhagat singh ki tarj pe shaheed kaha to…

5 agar RAW ka Aadmi tha aur bum phode to Shaheed kaisa?

Mere gaon, padose ya aas paas bahut se sadharan log( sharab, cigerate , charas ganja peene wale, mohalle mein sabse lad chuke, gali galouch bakne wale) waqt se pehle durghatnaon/ beemari se Duniya mein nahin rahe. Main nahin samajhta kisi ne sarsari taur per bhi unki shavyatra ke vakt siwaye dukh prakat karne ke aisa kaha/ kiya ho jaisa ye budhhiman log FB per karne/kahne mein aaj hi jut gaye

( जगमोहन फुटेला की फेसबुक वाल )

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *