क्योंकि इनमें अपनी बहन को गुंडों से बचाने का हौसला नहीं

दलबीर कौर की पीड़ा समझने की औकात नहीं है साम्यवादी पत्रकारों में : जगमोहन फुटेला ने की सरबजीत और दलबीर पर फेंके पत्थरों को थामने की कवायद : सरबजीत सिंह को शराबी और दलबीर को मौत बेचने की खबरें सिर्फ बेहूदगी नहीं तो क्या हैं : बेहूदगी के बाजार में एक-दूसरे को पिछाड़ने में जुटे हैं […]

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बोतलों और मुर्गों का दान-पुण्‍य करा दिया धर्मात्‍मा ने

प्रेस क्‍लब में गूंजा दलालों के साथ लत्‍तेरे की, धत्‍तेरे की साधु-संतों की संगत वाकई आत्‍म-दर्शन और समझने का बेलौस मौका होता है। लेकिन जब रंगे-सियारों की टोली साधु-संत का भेस बना ले, तो मौका ज्‍यादा दिलचस्‍प हो जाता है। फिर आत्‍मदर्शन के अलावा दूसरे के हम्‍माम का दर्शन भी खूब होता है ना। लखनऊ […]

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