क्योंकि इनमें अपनी बहन को गुंडों से बचाने का हौसला नहीं
दलबीर कौर की पीड़ा समझने की औकात नहीं है साम्यवादी पत्रकारों में : जगमोहन फुटेला ने की सरबजीत और दलबीर पर फेंके पत्थरों को थामने की कवायद : सरबजीत सिंह को शराबी और दलबीर को मौत बेचने की खबरें सिर्फ बेहूदगी नहीं तो क्या हैं : बेहूदगी के बाजार में एक-दूसरे को पिछाड़ने में जुटे हैं […]
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